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ओलंपिक मेडलिस्ट लवलीना को चैलेंज देकर रिंग में बुलाने वाली अरुंधति चौधरी कौन हैं?

BFI से फिर भिड़ी एक बॉक्सर.

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तस्वीर में लवलीना और अरुंधति चौधरी ( फोटो क्रेडिट : PTI और Khelo India)
राजस्थान की युवा बॉक्सर अरुंधति चौधरी (Arundhati Choudhary) बॉक्सिंग फेडरेशन ऑफ इंडिया (BFI) की कार्यप्रणाली से खफ़ा हैं. अरुंधति चौधरी ने कहा है कि विमिंस वर्ल्ड बॉक्सिंग चैंपियनशिप में लवलीना बोरगोहेन का सेलेक्शन बिना ट्रायल के हुआ है. उनकी मांग है कि लवलीना को बिना ट्रायल चैंपियनशिप के लिए ना भेजा जाए. अरुंधति चाहती हैं कि लवलीना और उनके बीच ट्रायल कराया जाए और जीतने वाली बॉक्सर वर्ल्ड चैंपियनशिप में भारत के लिए खेले. अरुंधति ने साफ कर दिया है कि अगर BFI ने उनकी बात नहीं मानी तो वह हाईकोर्ट जाएंगी. गौरतलब है कि तुर्की में 4 दिसंबर से लेकर 19 दिसंबर तक विमिंस वर्ल्ड बॉक्सिंग चैंपियनशिप का आयोजन होने जा रहा है. फेडरेशन ने ये ऐलान किया था कि 11 कैटेगरी में नेशनल चैंपियन को चुना जाएगा. जबकि 70Kg कैटेगरी में लवलीना को सीधा क्वॉलिफिकेशन मिलेगा. टाइम्स ऑफ इंडिया (TOI) से बात करते हुए अरुंधति चौधरी ने कहा,
'मैं इस्तानबुल में होने वाली विमिंस वर्ल्ड बॉक्सिंग चैंपियनशिप में हिस्सा लेने की हक़दार हूं. फेडरेशन ने जिस ओलंपिक मेडलिस्ट को चैंपियनशिप के लिए चुना है. उसे मैं ट्रायल में हराते आई हूं. हमें बताया गया था कि जो नेशनल गोल्ड मेडलिस्ट हैं, वहीं चैंपियनशिप में जाएंगे. और हाल ही में हिसार में आयोजित सीनियर नेशनल चैंपियनशिप में मैंने गोल्ड मेडल जीता है. और अगर फेडरेशन को लवलीना में मेरे से ज्यादा क़ाबिलियत नज़र आ रही हैं तो वह ट्रायल कराने से क्यों डर रहा है? ट्रायल के आधार पर हम दोनों में से जो बेस्ट नजर आए. उसका चैंपियनशिप के लिए सेलेक्शन हो.'
बता दें कि अरुंधति राजस्थान की पहली बॉक्सर हैं, जिन्होंने यूथ वर्ल्ड बॉक्सिंग चैंपियनशिप में गोल्ड मेडल जीता है. वह भी 70Kg कैटेगरी में हिस्सा लेती हैं. अरुंधति यूथ एशियन ब्रॉन्ज़ मेडलिस्ट और यूथ वर्ल्ड गोल्ड मेडलिस्ट रह चुकी हैं. अरुंधति चौधरी को जूनियर एशियन बेस्ट बॉक्सर का खिताब मिला है. साथ ही अरुंधति तीन बार जूनियर नेशनल गोल्ड मेडलिस्ट, एक बार सिल्वर मेडलिस्ट और तीन बार 'खेलो इंडिया' गोल्ड मेडलिस्ट भी रह चुकी हैं. बावजूद इसके उन्हें BFI ने तवज्जो नहीं दी. और लवलीना को वर्ल्ड चैंपियनशिप में चुन लिया. इस पूरे मामले पर BFI का रुख साफ है. BFI के महासचिव हेमंत कालिता ने PTI को बताया कि लवलीना को 70KG कैटेगरी में सीधे एंट्री देने पर फिर से विचार नहीं किया जाएगा. कालिता ने कहा,
'विमिंस वर्ल्ड बॉक्सिंग चैंपियनशिप के लिए कोई ट्रायल नहीं होगा. जैसा कि सितंबर में कार्यकारी समिति की बैठक के दौरान तय किया गया था. लवलीना की कैटेगरी को छोड़कर हर कैटेगरी में नेशनल चैंपियन भारत का प्रतिनिधित्व करेंगे. लवलीना को सीधा एंट्री देने का फैसला उनके टोक्यो ओलंपिक में प्रदर्शन पर आधारित था. और इसे किसी भी हाल में बदला नहीं जाएगा.'
बताते चलें कि ये पहला मौका नहीं है. जब किसी भारतीय बॉक्सर ने फेडरेशन के खिलाफ़ बग़ावत की है. इससे पहले साल 2019 में विमिन बॉक्सर निखत ज़रीन भी ऐसा कर चुकी हैं. चीन में आयोजित ओलंपिक क्वॉलिफायर में निखत ने मैरीकॉम के सेलेक्शन पर सवाल खड़े किये थे. काफी विवादों के बाद हुए ट्रायल्स में मैरीकॉम ने निखत को 9-1 के अंतर से हराया था.