
अखिलेश जी इन्हें 'ऊंची' जाति का अफसर चाहिए, दलित के साथ काम नहीं करेंगे
लखनऊ के सरोजिनी नगर की एक ग्राम प्रधान की तरफ से बड़ा क्यूट लेटर लिखा गया है. इसका जवाब कोई क्या ही देगा.

फोटो - thelallantop
समाजवादी पार्टी के लेटरपैड पर शुद्ध हिंदी में चटख रंग में प्रिंट ये चिट्ठी. ये चिट्ठी धुआं उड़ा रही है हमारे जाति मजहब खत्म होने के दावों का. छुआछूत दूर होने के दावों का. सब पढ़ाई लिखाई पर गोबर पोत दिया इन लोगों ने. पहले इस चिट्ठी का मजमून समझ लो शॉर्टकट में. इसमें लखनऊ डेवलपमेंट अथॉरिटी से बड़ी घटिया मनुहार की गई है. ग्रामसभा भटगांव, ब्लॉक सरोजिनी नगर, लखनऊ में ज्यादा जनसंख्या OBC यानी सरकारी तौर पर पिछड़ी जाति की है. वहां ट्रांसफर पाकर ग्राम पंचायत सचिव की पोस्ट पर आए अरविंद चौधरी. और वहां के लोगों को खल गए. क्योंकि वो दलित जाति के हैं.
लेटर के मुताबिक पहले एक लेटर लिखा गया. इसी साल 16 फरवरी को. कि साहब दलित अधिकारी के साथ काम करने में यहां लोगों को दिक्कत हो रही है. क्यों हो रही है वो तो समझ ही गए होगे. क्योंकि इनकी खोपड़ी में जातिवाद का गोबर भरा है. तो गुजारिश की कि इनको यहां से हटाकर कोई OBC या सामान्य जाति का सचिव तैनात कर दें. तो उधर से अरविंद का तबादला हो गया. आलोक चौधरी ने पोस्ट संभाली. समस्या ज्यों की त्यों. फिर लेटर लिखा गया है 7 जून को. कि आलोक को हटाकर पहले वाले सचिव नरेंद्र कुमार श्रीवास्तव को तैनात कर दें. आखिरी में ये भी लिखा है कि सरोजिनी नगर के विधायक भी इसके लिए सिफारिश कर चुके हैं. प्लीज इनको सद्बुद्धि मत मांगना ऊपर वाले से. क्योंकि अब तक अक्ल नहीं आई तो आगे आनी मुश्किल है. अब सवाल ये है कि सूबे के मुख्यमंत्री अखिलेश इन बिरादरों से कैसे जाति जाति का फर्क निकालते हैं.
