हम अनुपम खेर के वायरल हो रहे कुछ ट्वीट्स नीचे पढ़वा रहे हैं.
# 2010 में कश्मीर के मसले पर अनुपम खेर ने एक ट्वीट किया था, इसमें वो लिखते हैं-
''कश्मीर के लिए मेरा दिल रोता है. राजनीति और आतंकवाद ने वहां के लोगों के लिए इस जन्नत को जहन्नुम बनाकर छोड़ दिया है. हिंदु और मुस्लिम दोनों के लिए.''

अनुपम खेर के ट्वीट का स्क्रीनग्रैब.
# 2011 में अनुपम खेर ने एक इमाद नज़ीर नाम के एक ट्विटर यूज़र को जवाब देते हुए लिखा-
''समस्या कश्मीरी पंडितों और मुस्लिमों के साथ नहीं है. हम सालों तक शांति से एक-दूसरे के साथ रहे हैं. ये सब पॉलिटिशियंस का किया धरा है दोस्त.''

अनुपम खेर के ट्वीट का स्क्रीनग्रैब.
# 2012 में अनुपम खेर का कश्मीर, कश्मीरी पंडितों और मुसलमानों पर किया एक ट्वीट नीचे पढ़िए-
''न भूलिए. न माफ करिए. हमें कश्मीरी मुस्लिमों के साथ पंडित महिलाओं के बारे में नहीं भूलना चाहिए. दोनों कमोबेश एक समान दुख से गुज़रे हैं.''

अनुपम खेर के ट्वीट का स्क्रीनग्रैब.
# 2013 में किया अनुपम खेर का ये ट्वीट 'द कश्मीर फाइल्स' की रिलीज़ के बाद सबसे ज़्यादा वायरल हो रहा है. इसके पीछे की वजह आप ये ट्वीट पढ़कर समझ जाएंगे-
''मैं देख रहा हूं कि कुछ लोग विस्थापन को लेकर कश्मीरी पंडितों के हाहाकार को धार्मिक रंग दे रहे हैं. ये धर्म के बारे में नहीं है. मानवीय पीड़ा के बारे में है, जिससे हिंदु और मुस्लिम दोनों गुज़रे.''

अनुपम खेर के ट्वीट का स्क्रीनग्रैब.
ये तो पुरानी बातें हो गईं. अब हम आपको अनुपम खेर के कुछ हालिया ट्वीट्स पढ़वाते हैं.
# द कश्मीर फाइल्स की रिलीज़ के बाद अनुपम खेर ने लिखा-
''लोगों का प्यार, कश्मीरी हिंदुओं के आंसू, विवेक अग्निहोत्री का धैर्य/साहस, द कश्मीर फाइल्स की पूरी टीम की मेहनत और सबसे ऊपर बाबा भोलेनाथ का आशीर्वाद. सच की जीत कभी ना कभी तो होनी थी. 32 साल बाद ही सही.''

अनुपम खेर के ट्वीट का स्क्रीनग्रैब.
# 'द कश्मीर फाइल्स' की रिलीज़ से ठीक पहले अनुपम खेर ने एक वीडियो पोस्ट किया. उसके साथ कैप्शन में वो लिखते हैं-
''आज मैं सिर्फ अभिनेता नहीं रहा. मैं गवाह हूं और द कश्मीर फाइल्स मेरी गवाही है. वो सब कश्मीरी हिंदू, जो या तो मार डाले गए या जीते शव की तरह जीने लगे. अपने पुरखों की जमीन से उखाड़कर फेंक दिए गए. आज भी न्याय को तरस रहे हैं. अब मैं उन सब कश्मीर हिंदुओं की ज़ुबान और चेहरा हूं.''
''उन अक्ल के अंधे और बहरे लोगों के लिए जिन्हें कश्मीरी पंडितों का विस्थापन काल्पनिक लगता है. द कश्मीर फाइल्स में एक्टिंग करना मेरे लिए क्यों मुश्किल रहा, उस पर मेरे विचार ये रहे. कभी-कभी अदाकार और इंसान के बीच फर्क करना मुश्किल हो जाता है.''
उन अक़्ल के अंधे और बहरे लोगों के लिए जिन्हें कश्मीरी पंडितो का #Exodus
काल्पनिक लगता है! Here are my thoughts on why acting in #TheKashmirFiles
was difficult for me! Sometimes separating the actor and the person is tough!! 💔 #KashmiriPandits
#Exodus
#11ThMarch
#OnlyInTheatres
pic.twitter.com/oajjhwFKN9
— Anupam Kher (@AnupamPKher) March 4, 2022
पब्लिक इन ट्वीट्स के स्क्रीनशॉट सोशल मीडिया पर शेयर कर रही है. लोगों का कहना है कि इन ट्वीट्स में आप बड़ी आसानी से नोटिस कर सकते हैं कि समय के साथ अनुपम खेर की राजनीतिक विचारधारा में कितना बदलाव आया है. लोगों का मानना है कि जो व्यक्ति पहले कश्मीर की बात करता था, अब वो सिर्फ कश्मीरी पंडितों की बात करता है. कश्मीरियों के विस्थापन के मसले को राजनीतिक कदम बताने वाले अनुपम खेर, आज खुद 'द कश्मीर फाइल्स' जैसी फिल्म में लीड रोल करते हैं. ये फिल्म ठीक वही चीज़ करती है, जिसके खिलाफ अनुपम पूरी ज़िंदगी खड़े रहे. इस सिचुएशन पर 'वंस अपॉन अ टाइम इन मुंबई' का एक डायलॉग याद आता है.
जब सुल्तान मिर्ज़ा की मदद से इंस्पेक्टर खान अपने बेटे शोएब के लिए दुकान खुलवाता है, तो ACP एग्नेस विल्सन उससे कहता है-
''क्या खान, 18 साल में तूने कभी प्रसाद नहीं खाया और आज भगवान ही बदल लिया?''