The Lallantop

अनिल देशमुख का महाराष्ट्र के गृह मंत्री पद से इस्तीफा, जानिए क्या कारण बताया है

मुंबई के पूर्व पुलिस कमिश्नर परमबीर सिंह ने उन पर गंभीर आरोप लगाए थे.

Advertisement
post-main-image
अनिल देशमुख. (फाइल फोटो- ANI)
मुकेश अंबानी के घर के बाहर विस्फोटक वाली कार से शुरू हुआ मामला 100 करोड़ रुपए की वसूली तक पहुंचा और अब महाराष्ट्र सरकार के गृहमंत्री अनिल देशमुख का इस्तीफा आ गया है. देशमुख ने इस इस्तीफे के पीछे हाईकोर्ट के उस आदेश को कारण बताया गया है, जिसमें सीबीआई जांच के आदेश दिए गए हैं. अनिल देशमुख ने अपनी पार्टी एनसीपी के प्रमुख शरद पवार से मुलाकात की और इसके बाद उन्होंने सीएम उद्धव ठाकरे को अपना इस्तीफा सौंप दिया. अब चीफ मिनिस्टर का इसे स्वीकार करना औपचारिकता भर है. एनसीपी का कहना है कि भले ही आरोपों में कोई तथ्य नहीं है, लेकिन निष्पक्ष जांच के लिए यह इस्तीफा दिया गया है. एनसीपी नेता नवाब मलिक ने समाचार एजेंसी एएनआई से कहा है, 'हाईकोर्ट के आदेश के बाद, गृह मंत्री अनिल देशमुख ने पवार जी और पार्टी नेताओं से मुलाकात की और कहा कि वह इस पद पर नहीं रहना चाहते हैं. वह सीएम को अपना इस्तीफा देने के लिए गए थे. पार्टी ने CM से उनके इस्तीफे को स्वीकार करने का अनुरोध किया है.'
एएनआई के मुताबिक महाराष्ट्र के सीएम को दिए अपने त्याग पत्र में गृह मंत्री अनिल देशमुख ने लिखा है कि उन्हें बॉम्बे हाईकोर्ट के आदेश के बाद गृह मंत्री के रूप में बने रहना नैतिक रूप से सही नहीं लगता है.
 
बता दें कि मुंबई के पूर्व पुलिस कमिश्नर परमबीर सिंह ने गृहमंत्री अनिल देशमुख पर 100 करोड़ रुपए महीने की वसूली के आरोप लगाए थे. हाईकोर्ट ने इन आरोपों के सीबीआई जांच के आदेश दिए हैं. कोर्ट ने सख्त आदेश दिए थे मुंबई के पूर्व पुलिस कमिश्नर परमबीर सिंह की याचिका पर सुनवाई करते हुए बॉम्बे हाईकोर्ट ने बड़ा आदेश दिया है. परमबीर सिंह ने महाराष्ट्र के गृहमंत्री अनिल देशमुख पर गंभीर आरोप लगाए थे. उन्होंने दावा किया था कि देशमुख ने पुलिस के कुछ अधिकारियों को 100 करोड़ की वसूली करने को कहा था. अब बॉम्बे हाईकोर्ट ने CBI को इस आरोप की 15 दिनों में प्राथमिक जांच करने के आदेश दिए हैं.
बॉम्बे हाईकोर्ट ने कहा कि ये कोई छोटे आरोप नहीं हैं. ये आरोप अनिल देशमुख पर हैं, जो महाराष्ट्र के गृहमंत्री हैं. ऐसे में इसकी निष्पक्ष जांच के लिए मुंबई पुलिस पर निर्भर नहीं रहा जा सकता. इस मामले की शुरुआती जांच CBI को करनी चाहिए. 15 दिनों के अंदर CBI के डायरेक्टर को रिपोर्ट सौंपी जाएगी. अगर इस रिपोर्ट में गृहमंत्री पर केस बनता नजर आए तो FIR दर्ज की जाएगी.
इसस पहले परमबीर सिंह इस मामले को लेकर सुप्रीम कोर्ट गए थे, लेकिन वहां से उन्हें हाईकोर्ट जाने के लिए कहा गया. इसके बाद परमबीर ने हाईकोर्ट में याचिका दायर की. वकील जयश्री पाटिल ने भी याचिका दाखिल करके देशमुख के खिलाफ जांच की मांग की. इसी पर हाईकोर्ट का ये फैसला आया है. जयश्री पाटिल ने सोमवार को बताया कि हाईकोर्ट ने CBI से साफ कहा है कि अगर कोई संज्ञेय अपराध पाया जाता है तो FIR दर्ज की जाए.
Paramvir Singh
मुंबई के पूर्व पुलिस कमिश्नर परमबीर सिंह ने महाराष्ट्र के गृहमंत्री अनिल देशमुख पर 100 करोड़ रुपए महीने की वसूली के आरोप लगाए थे. इस मामले में वह पहले सुप्रीम कोर्ट गए जहां से उन्हें हाईकोर्ट जाने का निर्देश मिला.
क्या है पूरा मामला? मुंबई के पूर्व पुलिस कमिश्नर परमबीर सिंह ने 20 मार्च को महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे के नाम चिट्ठी लिखी थी. आरोप लगाया था कि प्रदेश के गृह मंत्री अनिल देशमुख पिछले कई महीने से मुंबई पुलिस के तमाम वरिष्ठ अधिकारियों को बुलाकर हर महीने 100 करोड़ रुपये इकट्ठा करने के लिए कह रहे थे.
परमबीर सिंह ने अपने आरोपों में कहा था कि जिन पुलिस अधिकारियों से देशमुख ने कलेक्शन करने के लिए कहा था, उनमें सचिन वाझे भी शामिल थे. वही सचिन वाझे, जिन्हें मुकेश अंबानी के घर एंटीलिया के बाहर जिलेटिन भरी कार मिलने और ठाणे के व्यापारी मनसुख हिरेन की मौत के सिलसिले में गिरफ्तार किया गया है.
इस मामले में अनिल देशमुख ने भी विस्तार से जवाब दिया था. उन्होंने एक पेज की चिट्ठी जारी की थी, जिसमें लिखा था कि मेरे ऊपर लगाए गए आरोप पूरी तरह ग़लत और आधारहीन हैं. परमबीर सिंह ने ये आरोप ख़ुद को बचाने और महा विकास अघाड़ी सरकार को बदनाम करने के लिए लगाए हैं.”

Advertisement
Advertisement
Advertisement
Advertisement