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Anantnag में मिला आतंकी का जला हुआ शव, पिछले 4 दिन में सेना ने क्या-क्या किया?

जम्मू-कश्मीर के अनंतनाग में सेना का ऑपरेशन जारी है. इलाके में निगरानी और गोलाबारी के लिए हाई-टेक उपकरणों का इस्तेमाल किया जा रहा है. आतंकियों से निपटने के लिए हेरोन ड्रोन तैनात किए गए हैं.

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अनंतनाग में सेना के ऑपरेशन को पांच दिन पूरे हुए (फोटो- PTI)

जम्मू-कश्मीर के अनंतनाग (Anantnag) में सर्च ऑपरेशन जारी है. सूत्रों से पता चला है कि 18 सितंबर की सुबह सुरक्षाबलों को एक जला हुआ शव मिला है. उसके कपड़ों का पैटर्न देखकर माना जा रहा है कि वो शव किसी आतंकवादी (Terrorist Dead Body) का है. दरअसल, सुरक्षा बल ने ड्रोन के जरिए एक सैनिक और एक अन्य आतंकवादी के शव स्पॉट किए थे. उन्हें ढूंढने के लिए ही 18 सितंबर की सुबह तलाशी अभियान चलाया गया. इसी दौरान ये शव बरामद हुआ.

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इधर, अनंतनाग में सेना के ऑपरेशन को पांच दिन पूरे हो चुके हैं. छठवें दिन, यानी 18 सितंबर को खबर लिखे जाने तक फ्रेश फायरिंग की कोई जानकारी सामने नहीं आई है.

अब तक क्या क्या हुआ?

-रिपोर्ट के मुताबिक, अनंतनाग के गडूल इलाके में 12 सितंबर की शाम को सेना का ऑपरेशन शुरू किया गया था. फिर रात में ऑपरेशन बंद कर दिया गया.

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-13 सितंबर की सुबह आतंकियों के बारे में इनपुट मिलने पर ऑपरेशन फिर से शुरू हुआ. उसी ऑपरेशन में 19 राष्ट्रीय राइफल्स के कमांडिंग ऑफिसर कर्नल मनप्रीत सिंह, मेजर आशीष धोनाक और जम्मू-कश्मीर पुलिस के DSP हुमायूं भट्ट शहीद हुए थे.

-इसके बाद आतंकियों को घेरने के लिए सर्च ऑपरेशन तेज किया गया. सेना की कई टुकड़ियां लगाई गईं.

-15 सितंबर को एक और जवान के शहीद होने की जानकारी मिली. सेना की तरफ से पहले कहा गया था कि 15 सितंबर तक आतंकियों को खत्म कर दिया जाएगा.

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-17 सितंबर को इलाके से सुरक्षाबलों और आतंकवादियों के बीच भीषण गोलीबारी की खबर मिली है.

क्या तैयारी है?

इलाके में निगरानी और गोलाबारी के लिए हाई-टेक उपकरणों का इस्तेमाल किया जा रहा है. आतंकियों से निपटने के लिए हेरोन ड्रोन तैनात किए गए हैं. लंबी दूरी की मिसाइलों और हथियारों से लैस हेरोन मार्क टू ड्रोन लगातार 36 घंटे तक आसमान से निगरानी रख सकता है. कोकेरनाग इलाके में पैरा कमांडो भी तैनात किए गए हैं.

पूरे ऑपरेशन की निगरानी चिनार कॉर्प्स के जनरल कमांडिंग ऑफिसर (GOC) लेफ्टिनेंट जनरल राजीव घई और विक्टर फोर्स यूनिट के GOC, मेजर जनरल बलबीर सिंह कर रहे हैं. उनका कहना है कि आतंकी बच नहीं पाएंगे.

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दक्षिणी अनंतनाग का ये इलाका पहाड़ों से घिरा है. चारों तरफ पेड़ और घना जंगल है. यहां छिपे आतंकियों के लिए घात लगातार हमला करना आसान है. लश्कर से जुड़े आतंकी मॉड्यूल द रेजिस्टेंस फ्रंट (TRS) ने इस पूरे हमले की जिम्मेदारी ली है. बताया जा रहा है कि ये वही मॉड्यूल है जिसने अप्रैल महीने में पुंछ सेक्टर में सेना के 5 जवानों पर हमला किया था. TRS का दावा है कि PoK में मारे गए लश्कर कमांडर की मौत का बदला उन्होंने अनंतनाग में लिया है. खबर के मुताबिक, सेना को उजैर अहमद खान की तलाश है. ये इस मॉड्यूल का सबसे खूंखार आतंकी है और जुलाई 2022 से फरार है.

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