सुरक्षा बलों के लिए जम्मू-कश्मीर प्रशासन ने 49 बरस पुराना नियम बदल दिया है
27 अगस्त, 1971 से लागू था वो नियम.

जम्मू कश्मीर प्रशासन ने हाल ही में 49 बरस पुराने एक सर्कुलर को वापल ले लिया है. अब आर्मी, BSF, CRPF या इसी तरह सुरक्षा संबंधी किसी दूसरी संस्था को J&K में ज़मीन अधिग्रहण के नो ऑब्जेक्शन सर्टिफिकेट (NOC) की ज़रूरत नहीं है. दरअसल, आर्मी और बाकी संस्थाओं को अपने पक्ष में ज़मीन अधिग्रहित करने के लिए 1971 के एक सर्कुलर के तहत यहां के होम डिपार्टमेंट से NOC लेना होता था, लेकिन अब इसकी ज़रूरत नहीं है.
अब ये अधिग्रहण 'भूमि अधिग्रहण में उचित मुआवजा और पारदर्शिता का अधिकार, पुनर्वास एवं पुनर्स्थापन एक्ट, 2013' के तहत किए जाएंगे.
कब आया ये आदेश?
'दी इंडियन एक्सप्रेस' की रिपोर्ट के मुताबिक, ये आदेश 24 जुलाई को आया. जम्मू कश्मीर प्रशासन के रेवेन्यू डिपार्टमेंट ने इसे जारी किया. कहा,
"केंद्र शासित प्रदेश में 'भूमि अधिग्रहण में उचित मुआवजा और पारदर्शिता का अधिकार, पुनर्वास एवं पुनर्स्थापन एक्ट, 2013' के विस्तार को ध्यान में रखते हुए, 27 अगस्त 1971 की तारीख के सर्कुलर को वापस लिया जाता है. इस सर्कुलर के तहत आर्मी, BSF/CRPF या इसी तरह की संस्था के फेवर में ज़मीन अधिग्रहण के लिए होम डिपार्टमेंट से NOC की ज़रूरत होती थी."
अगर 'भूमि अधिग्रहण में उचित मुआवजा और पारदर्शिता का अधिकार, पुनर्वास एवं पुनर्स्थापन एक्ट, 2013' की बात करें, तो इसके एक सेक्शन के तहत केंद्र शासित प्रदेशों में (पुडुचेरी को छोड़कर) नेवी, आर्मी, एयर फोर्स, सुरक्षा बलों, पैरामिलिट्री फोर्सेज़ के रणनीतिक मकसद और देश की सुरक्षा के किसी मकसद के लिए अगर ज़मीन की ज़रूरत होती है, तो उसके आवंटन का काम केंद्र सरकार देखती है.
1971 के सर्कुलर को वापस लेने के फैसले से कुछ दिन पहले जम्मू कश्मीर प्रशासन ने एक और फैसला लिया था. प्रशासन ने 'कंट्रोल ऑफ बिल्डिंग ऑपरेशन एक्ट- 1988' और 'जम्मू-कश्मीर डेवलपमेंट एक्ट- 1970' में एक संशोधन को मंज़ूरी दी थी. जो कि सशस्त्र बलों को 'रणनीतिक क्षेत्रों' में कंस्ट्रक्शन करने के लिए खास व्यवस्था देता है.
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