आवत ही हरषै नहीं नैनन नहीं सनेह।
तुलसी तहां न जाइये कंचन बरसे मेह।।
आज तक के साथ एक इंटरव्यू में अमर सिंह ने कहा है कि बलराम यादव, शिवपाल यादव और खुद अमर सिंह को अपमानित किया जा रहा है. राज्यसभा सीट दी गई है. इसके बदले में अपमान भी भर-भर के मिल रहा है. अखिलेश यादव फोन पर नहीं आते हैं. जब उनसे फोन पर बात करने की कोशिश की जाती है, तो उनके सचिव कहते हैं कि आपका नाम लिस्ट में डाल दिया गया है. आपको बता दिया जाएगा. आप से बात करवा दी जाएगी. राज्यसभा में हमको मूकबधिर बना कर रख दिया गया है. जया प्रदा के साथ भी अच्छा व्यवहार नहीं किया जा रहा है. उनको भी अपमानित किया जा रहा है. अखिलेश सरकार में वही लोग ऐश कर रहे हैं, जो मायावती के राज में ऐश कर रहे थे. मुलायम सिंह नेता हैं या नहीं, यह तय करना होगा. मैं समाजवादी नहीं हूं, मुलायमवादी हूं. मुलायम सिंह की वजह से आया था. मुलायम सिंह की इज्जत करता हूं. मेरे लिए राजनीति से ज्यादा व्यक्तिगत रिश्ते मायने रखते हैं. आगे कहा कि मुलायम से मिलने के बाद ही तय करेंगे कि क्या करना है अब. वह अपना इस्तीफा पार्टी के नेता को नहीं, बल्कि हामिद अंसारी को देंगे. इस मामले में नवजोत सिंह सिद्धू उनके आदर्श हैं.कोई साथ ना दे मेरा, चलना मुझे आता है.