फैक्ट-चेकिंग वेबसाइट Alt News के सह-संस्थापक मोहम्मद जुबैर (Mohammed Zubair) ने 2018 में उनके द्वारा इस्तेमाल किए गए मोबाइल फोन को सौंपने से इनकार कर दिया है. बताया जाता है कि जुबैर ने 2018 में ही कथित तौर पर वह आपत्तिजनक ट्वीट किया था जिसे लेकर उनकी गिरफ्तारी हुई है.
मोहम्मद जुबैर नहीं कर रहे जांच में सहयोग? पुलिस को मोबाइल सौंपने से किया इनकार
Alt News के सह-संस्थापक मोहम्मद जुबैर ने 2018 के अपने मोबाइल फोन को लेकर पुलिस से क्या कहा?

इंडिया टुडे से जुड़ीं श्रेया चटर्जी के मुताबिक दिल्ली पुलिस के कुछ सूत्रों ने बताया कि जुबैर ने पूछताछ के दौरान कहा कि जिस मोबाइल से उन्होंने 2018 में ट्वीट किया था वह पुलिस को उनके बेंगलुरु स्थित घर से बरामद नहीं होगा. सूत्रों के मुताबिक उन्होंने दावा किया है कि वो 2018 में जो मोबाइल इस्तेमाल करते थे, वह काफी पहले गुम हो चुका है.
इंडिया टुडे को सूत्रों ने ये भी बताया कि मोहम्मद जुबैर ने पूछताछ के दौरान शुरुआत में उस ट्वीट की पहचान करने से भी इनकार कर दिया था, जिसके कारण उन्हें गिरफ्तार किया गया. इन लोगों के मुताबिक मोहम्मद जुबैर ने हाल ही में अपने ऐसे कई ट्वीट्स को डिलीट किया है जिनकी सामग्री कथित रूप से आपत्तिजनक थी. दिल्ली पुलिस डिलीट किए गए इन ट्वीट्स को रिकवर करने की कोशिश कर रही है.
दिल्ली पुलिस की स्पेशल सेल ने सोमवार, 27 जून की शाम को मोहम्मद जुबैर को धार्मिक भावनाएं भड़काने के आरोप में गिरफ्तार किया था. दिल्ली पुलिस की IFSO यूनिट ने सेक्शन 153 ए और 295 ए के तहत उन्हें अरेस्ट किया.
धारा 153 दंगा करने के इरादे से किसी को उकसाने या दंगा करने पर लगाई जाती है. वहीं, 295 ए किसी वर्ग की धार्मिक भावनाओं को उसके धर्म या धार्मिक विश्वासों का जानबूझकर अपमान करने पर लगाई जाती है.
दिल्ली पुलिस ने क्या बताया?इंडिया टुडे की अनीषा माथुर के मुताबिक दिल्ली पुलिस ने बताया कि जुबैर को विवादित ट्वीट से जुड़े केस नंबर 194/20 में पूछताछ के लिए बुलाया गया था. इस मामले में उन्हें गिरफ्तारी से कोर्ट का प्रोटेक्शन मिला हुआ है. लेकिन उन्हें एक दूसरे मामले केस नंबर 172/22 में गिरफ्तार किया गया है. जून 2022 में दर्ज हुआ यह केस 2018 में किए गए एक ट्वीट से संबंधित है. पुलिस के मुताबिक एक ट्विटर यूजर ने जुबैर के इस ट्वीट को लेकर शिकायत भेजी थी.
सोमवार को ही गिरफ्तारी के कुछ घंटे बाद दिल्ली पुलिस ने जुबैर को कोर्ट में पेश किया. पुलिस ने एक दिन की रिमांड मांगी. अदालत ने सभी तथ्यों पर विचार करने के बाद जुबैर को एक दिन की पुलिस हिरासत में भेज दिया. जुबैर के वकील ने इस दौरान जमानत देने के लिए भी आवेदन दिया, लेकिन उसे कोर्ट ने खारिज कर दिया. हालांकि, अदालत ने जुबैर के वकील को कानूनी सहायता करने के लिए दिन में एक बार आधे घंटे के लिए मिलने की अनुमति दे दी.
एडिटर्स गिल्ड ने गिरफ्तारी का विरोध कियाएडिटर्स गिल्ड ऑफ इंडिया ने मोहम्मद जुबैर की गिरफ्तारी की निंदा की है और उन्हें तत्काल रिहा करने की मांग की है. एडिटर्स गिल्ड ने अपने एक बयान में कहा है कि आल्ट न्यूज के सतर्क रुख का वे लोग विरोध कर रहे हैं जो समाज का ध्रुवीकरण करने के लिए दुष्प्रचार का उपयोग एक हथियार की तरह करते हैं.