ईरान और इजरायल के बीच सीजफायर से पहले सैन्य संघर्ष में ईरान के कई टॉप कमांडर्स मारे गए. पीएम नेतन्याहू ईरान में सत्ता परिवर्तन की बात कर रहे थे. अमेरिका के राष्ट्रपति डॉनल्ड ट्रंप ने तो नाम लेकर उन्हें धमकी दे डाली थी. जाहिर है उनकी जान को भी खतरा था. ऐेसे में वो अंडरग्राउंड हो गए. किसी बेहद सीक्रेट लोकेशन पर चले गए. अपनी खास सुरक्षा यूनिट के साथ.
सीक्रेट लोकेशन पर खामेनेई की सुरक्षा में कौन था? इस रिपोर्ट से खुद IRGC हिल जाएगी
ये यूनिट इतनी खास है कि IRGC तक को इसकी जानकारी नहीं है. यहां तक कि ईरानी सरकार के वरिष्ठ लोगों को भी इस यूनिट की जानकारी नहीं है.

दावा किया गया है कि ईरान की एक ‘सीक्रेट’ यूनिट उनकी सुरक्षा करती रही. दावा ये भी है कि ये यूनिट इतनी खास है कि IRGC तक को इसकी जानकारी नहीं है. यहां तक कि ईरानी सरकार के कई लोगों को इसके बारे में नहीं पता.
द टेलीग्राफ़ के मुताबिक इजरायल से बढ़ते तनाव के चलते सुप्रीम लीडर की सुरक्षा में बदलाव किया गया था. आम तौर पर IRGC ही सुप्रीम लीडर की सुरक्षा करती है. लेकिन चर्चा थी कि इजरायल ने IRGC में भी अपनी पैठ बना ली है. यही वजह है कि सुप्रीम लीडर की सुरक्षा का जिम्मा एक बेहद खास यूनिट को सौंपा गया है.
टेलीग्राफ के मुताबिक एक ईरानी अधिकारी ने इस पर जानकारी दी,
वह मौत से नहीं छिप रहे, वह बंकर में नहीं हैं. लेकिन उनकी जान खतरे में है, और उनकी सुरक्षा का जिम्मा एक ऐसी यूनिट के पास है, जिसके बारे में किसी को पता भी नहीं है. ऐसा इसलिए है ताकि घुसपैठ की किसी भी संभावना से बचा जा सके.
खामेनेई लंबे समय से अपनी ‘शहादत’ के बारे में बात करते रहे हैं. ऐसा माना जाता है कि एक दिन इजरायल उनकी हत्या का प्रयास कर सकता है. हालिया तनाव से इसकी आशंका और भी बढ़ गई, जब इजरायल ने बीते दिनों कम से कम 11 ईरानी सैन्य अधिकारी और 14 न्यूक्लियर साइंटिस्ट्स को खत्म कर दिया.
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कुछ दिन पहले खबरें आईं कि इजरायल के पास उन्हें मारने का पुख्ता प्लान था, लेकिन अमेरिकी राष्ट्रपति डॉनल्ड ट्रंप ने इसकी मंजूरी नहीं दी. हालांकि उन्होंने भी भविष्य में खामेनेई को मारने की धमकी दी थी. ट्रंप ने एक पोस्ट कहा था कि वे अच्छी तरह से जानते हैं कि तथाकथित 'सर्वोच्च नेता' कहां छिपे हैं.
इन धमकियों और तनाव के बीच फैसले लेने के लिए सुप्रीम लीडर का सेफ रहना ईरान के लिए जरूरी है. यही वजह है खामेनेई को ऐसे गार्ड्स की सुरक्षा में रखा गया है जो न ईरान की रेगुलर आर्मी है, न IRGC. ये सिर्फ अयातुल्लाह की सुरक्षा करते हैं.
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