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ओसामा बिन लादेन पर घोषित करोड़ों की इनाम राशि का क्या हुआ था?

अमेरिका ने ओसामा बिन लादेन पर 2.5 करोड़ डॉलर का इनाम घोषित किया था. मौजूदा समय में इसकी कीमत 196 करोड़ रुपये है.

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ओसामा बिन-लादेन और अल-जवाहिरी.

अफगानिस्तान के काबुल में अलकायदा प्रमुख अयमान अल-जवाहिरी की हत्या कर दी गई. अमेरिका की खुफिया एजेंसी CIA ने इस मिशन को अंजाम दिया. इसके बाद से सवाल उठ रहा है कि जवाहिरी पर जो इनाम घोषित किया गया था, वो किसे दिया जाएगा. हालांकि ये रिपोर्ट इस बारे में नहीं. रिपोर्ट इस बारे में है कि अल-जवाहिरी से पहले अल-कायदा का सरगना रहे ओमाना बिना लादेन की मौत के बाद उस पर रखा गया इनाम किसे दिया गया था.

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लादेन पर कितना इनाम था?

अमेरिकी सरकार का विदेश विभाग 'रिवॉर्ड फॉर जस्टिस' (आरएफजे) नाम से एक कार्यक्रम चलाता है. इसका मकसद अंतरराष्ट्रीय आतंकवाद से जुड़ी सूचनाएं, दूसरे शब्दों में कहें तो मुखबिरी, इकट्ठा करना है. साल 1984 में इसका गठन किया गया था.

अमेरिका की सरकार ने अपने इसी कार्यक्रम के तहत दुनियाभर के कई खतरनाक आतंकियों को लेकर इनामों की घोषणा कर रखी है और कहा है कि जो भी ऐसे लोगों से जुड़ी जानकारियां देता है या उन्हें पकड़वाने में मदद करता है, उन्हें इनाम दिया जाएगा. 

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इसी के तहत ओसामा बिन-लादेन पर भी 2.5 करोड़ डॉलर (करीब 196 करोड़ रुपये) की घोषणा की गई थी. अल-जवाहिरी पर भी इतना ही इनाम घोषित है. हालांकि लादेन पर घोषित की गई इनाम राशि कभी किसी को नहीं दी गई थी. 

2 मई, 2011 को पाकिस्तान के एबटाबाद में अमेरिकी सेना के ओसामा बिन लादेन को मारे गिराने के बाद ‘रिवॉर्ड फॉर जस्टिस’ ने उस पर घोषित इनाम को वापस ले लिया था और उसका विवरण अपनी वेबसाइट से हटा दिया था. ISIS नेता अबु बकर अल-बगदादी को लेकर भी आरएफजे ने यही किया था.

अमेरिकी प्रशासन का कहना था कि चूंकि खुद उनकी सेना ने इस मिशन को अंजाम दिया है और उन्होंने अपने खुफिया सिस्टम के जरिये लादेन का पता लगाया था, इसलिए किसी को इनाम देने का सवाल नहीं उठता है.

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abc NEWS की 19 मई 2011 की एक रिपोर्ट के मुताबिक ओसामा बिन लादेन को मारने में शामिल रहे अमेरिकी अधिकारियों का कहना था कि उन्होंने अपने इलेक्ट्रॉनिक सर्विलांस, आतंकी संगठन द्वारा की गई गलतियों और चरणबद्ध तरीके से कई सालों तक जुटाए गए इंटेलिजेंस के आधार पर मिशन को अंजाम दिया था, इसलिए किसी को इनाम राशि देने की जरूरत नहीं है.

मुखबिरी के लिए कितना इनाम दिया?

आरएफजे की वेबसाइट के मुताबिक अमेरिका ने राष्ट्रीय सुरक्षा से जुड़े तमाम मामलों में मदद करने के लिए या आतंकियों से जुड़ी सूचनाएं देने के लिए अब तक 125 से अधिक लोगों को करीब 25 करोड़ डॉलर (1963 करोड़ रुपये) की इनाम राशि दी है.

संस्था का कहना है कि इसके चलते अनगिनत लोगों की जान बचाई जा सकी है. हालांकि आरएफजे कभी भी ये जानकारी सार्वजनिक नहीं करता है कि सूचना देने वाला व्यक्ति कौन था और किस तरह की जानकारी उनसे साझा की गई थी. उसका कहना है, 

'गोपनीयता आरएफजे कार्यक्रम का एक प्रमुख पहलू है. हम इनाम प्राप्त करने वाले व्यक्तियों और उनसे प्राप्त की गई विशेष जानकारी का खुलासा नहीं करते हैं.'

उदाहरण के तौर पर, साल 1993 के वर्ल्ड ट्रेड सेंटर धमाके का एक आरोपी रामजी यूसुफ को फरवरी 1995 में पाकिस्तान में पकड़ा गया था. इस मिशन में मदद करने के लिए अमेरिका ने इनाम का भुगतान किया था.

इसी तरह साल 2012 में लीबिया की बेनगाजी में अमेरिकी मिशन पर हमला कर अमेरिकी राजदूत समेत चार यूएस नागरिकों की हत्या करने के आरोपी अहमद अबु खट्टालाह को पकड़वाने और फिर सजा दिलाने के लिए अमेरिका ने एक व्यक्ति को 30 लाख डॉलर का इनाम दिया था. हालांकि उसकी पहचान कभी सार्वजनिक नहीं की गई.

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