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रीढ़ के पास धंसी गोली की वजह से अकबरुद्दीन ओवैसी लंदन के अस्पताल में भर्ती

हर साल इलाज के लिए जाना पड़ता है लंदन

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असदुद्दीन ओवैसी को गोली लगने की वजह से परेशानी होती रहती है. इसी के इलाज के लिए उन्हें हर साल लंदन जाना पड़ता है.
हैदराबाद में एक विधानसभा है. नाम है चंद्रयानगुट्टी. इस विधासभा क्षेत्र से विधायक हैं अकबरुद्दीन ओवैसी. इनका एक और परिचय है. और वो ये है कि ये ऑल इंडिया मजलिस-ए-इत्तेहादुल मुसलमीन के अध्यक्ष और हैदराबाद से सांसद असदुद्दीन ओवैसी के छोटे भाई हैं. इनका तीसरा परिचय भी है. और वो ये है कि ये अक्सर अपने विवादित बयानों की वजह से चर्चा में हैं. लेकिन इस वक्त इनकी चर्चा इसलिए हो रही है, क्योंकि ये बीमार हैं. बीमारी की वजह से उन्हें लंदन के एक अस्पताल में भर्ती करवाया गया है. इसकी जानकारी तब हुई, जब हैदराबाद के दारुसलम में ईद मिलाप कार्यक्रम के दौरान असदुद्दीन ओवैसी ने इस बात का खुलासा किया. अपने समर्थकों के बीच पहुंचे असदुद्दीन ओवैसी ने कहा था कि वो उनके भाई की सलामती की दुआ करें. असदुद्दीन ओवैसी ने कहा था-
'मैं सबको ईद की मुबारकबाद देता हूं. आपसे प्रार्थना करता हूं कि अकबरुद्दीन की सेहत के लिए दुआ करें. वो इलाज के लिए लंदन गए हैं. अल्लाह उन्हें सुरक्षित रखे.'
आंध्र प्रदेश के मुख्यमंत्री ने किया था ट्वीट आंध्र प्रदेश के मुख्यमंत्री वाई एस जगन मोहन रेड्डी ने भी 11 जून को ट्वीट कर अकबरुद्दीन ओवैसी के जल्दी ठीक होने की प्रार्थना की थी. jagan 2011 में लगी थी गोली, अब भी करती है परेशान 30 अप्रैल, 2011 को अकबरुद्दीन ओवैसी पर हैदराबाद के बरक्स इलाके में हमला हुआ था. उन्हें तीन गोलियां लगी थीं. उस वक्त उनका इलाज चला और फिर गोलियां निकाल दी गईं. लेकिन एक गोली अब भी उनकी बॉडी में फंसी हुई है. हैदराबाद में आजतक चैनल के पत्रकार सैयद मुज़तबा हुसैन ने बताया कि उस गोली की वजह से अकबरुद्दीन ओवैसी की बॉडी में आयरन नहीं बनता है. इसकी वजह से हर साल उन्हें लंदन इलाज के लिए जाना पड़ता है. इस साल भी इलाज के लिए वो लंदन गए हुए हैं. असदुद्दीन ओवैसी के पेट में तकलीफ है. उन्हें उल्टियां हो रही हैं और पेट में दर्द है. वो पिछले डेढ़ महीने से लंदन में हैं और अपना इलाज करवा रहे हैं. 4 दोषियों को मिली थी 10 साल की सजा अकबरुद्दीन ओवैसी पर 2011 में हुए हमले के मामले में 30 जून, 2017 को चार लोगों को 10-10 साल कैद की सजा दी गई थी. इस मामले में हैदराबाद के अवर मेट्रोपॉलिटन जज टी. श्रीनिवास राव ने हसन बिन उमर यफई, अब्दुल्ला बिन युनुस यफई, अवद बिन युनुस यफई और मोहम्मद बिन सालेह वहलान को सजा सुनाई थी.

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