महाराष्ट्र के डिप्टी सीएम अजित पवार ने एक मीटिंग में अपने चाचा शरद पवार को सवाल पूछने से रोक दिया. अजित पवार ने प्रोटोकॉल का हवाला दिया और इसके बाद शरद पवार उस मीटिंग में चुप बैठे रहे. ये सब पुणे में जिला योजना एवं विकास समिति यानी DPDC (District Planning and Development Committee) की बैठक में हुआ. पुणे के संरक्षक मंत्री के तौर पर अजित पवार शनिवार, 20 जुलाई को हुई इस बैठक की अध्यक्षता कर रहे थे.
'आपको सवाल पूछने का अधिकार नहीं... ' जब अजित ने सबके सामने चाचा शरद पवार को चुप करा दिया
पुणे में जिला योजना एवं विकास समिति की मीटिंग हो रही थी. पुणे का संरक्षक मंत्री होने के चलते इसकी अध्यक्षता महाराष्ट्र के उपमुख्यमंत्री Ajit Pawar कर रहे थे. इस दौरान शरद पवार (Sharad Pawar) के सवाल पूछने पर अजित पवार ने कहा कि उन्हें सवाल करने का अधिकार नहीं है.

DPDC की इस मीटिंग में पुणे के सांसद और विधायक भी मौजूद थे. इंडियन एक्सप्रेस की रिपोर्ट के मुताबिक इस दौरान शरद पवार ने अजित पवार से तीन सवाल पूछे. अजित की ओर देखे बिना शरद पवार ने पूछा कि बारामती में पीने के पानी के प्रदूषण को कंट्रोल करने के लिए क्या कदम उठाए गए हैं.
शरद पवार ने कहा,
"बारामती शहर में सप्लाई होने वाला पीने का पानी प्रदूषित है. अगर हम पानी में हाथ डालें तो काले रंग का पानी दिखता है. इस संबंध में कार्रवाई की जाए."
इस पर अजित पवार ने जवाब दिया,
"कुछ उद्योग बारामती को प्रदूषित कर रहे हैं. प्रदूषण बोर्ड को उन्हें नोटिस भेजने के लिए कहा गया है. अगर हम उद्योग बंद कर देते हैं, तो इससे किसानों के लिए समस्या पैदा होगी."
आजतक के ओमकार वाबले की रिपोर्ट के मुताबिक इसी मीटिंग में शरद पवार ने तहसीलों को आवंटित फंड को लेकर सवाल किया. उन्होंने तहसीलवार आंकड़े दिखाने की अपील की कि किसे कितना फंड आवंटित किया गया है. ये भी बताने को कहा कि उस फंड को विकास कार्यों पर कैसे खर्च किया गया है.
फिर अजित पवार ने कहा कि बैठक में केवल DPDC के सदस्य ही बोल सकते हैं. अजित पवार ने कहा कि शरद पवार मीटिंग में आमंत्रित सदस्य हैं और प्रोटोकॉल के मुताबिक वो सवाल नहीं पूछ सकते हैं.

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सुप्रिया सुले ने जताई नाराजगीअजित पवार द्वारा DPDC की मीटिंग में शरद पवार के बोलने के अधिकार पर सवाल उठाने से बारामती की सांसद सुप्रिया सुले नाराज हो गईं. मीटिंग के बाद शरद पवार की बेटी सुप्रिया सुले ने मीडिया से बातचीत में कहा,
"आज की DPDC मीटिंग से बहुत कुछ सीखने को मिला. शरद पवार संरक्षक मंत्री अजित पवार के आने से 5 मिनट पहले मीटिंग में पहुंचे. जब अजित पवार आए तो प्रोटोकॉल के मुताबिक शरद पवार अपनी कुर्सी से उठ गए. ये पहले की राजनीति का एक उदाहरण था, जिसके लिए महाराष्ट्र प्रसिद्ध है."
सुप्रिया सुले ने कहा कि शरद पवार ने सवाल पूछे तो अजित पवार ने उन्हें नियम दिखाने की कोशिश की. NCP (शरदचंद्र पवार) की वर्किंग प्रेसिडेंट सुप्रिया सुले ने कहा,
"उन्होंने (अजित पवार ने) कहा कि सांसद केवल आमंत्रित सदस्य हैं और उन्हें सवाल नहीं पूछने चाहिए. उन्होंने इस बारे में एक सरकारी प्रस्ताव का हवाला देने की कोशिश की... मैं 18 साल से सांसद हूं. सभी सांसदों और विधायकों ने हमेशा DPDC की बैठकों में सवाल उठाए हैं. इतने सालों बाद अचानक ये रूल बुक क्यों सामने आई है? वो भी शरद पवार को रूल का हवाला दिया गया, जो 83 साल के हैं और जो न केवल महाराष्ट्र बल्कि भारत के बड़े नेता हैं."
वहीं मीटिंग के बाद अजित पवार ने पत्रकारों से कहा,
“मैंने सरकारी प्रस्ताव पढ़ा, जिसमें नियम बताए गए हैं कि बैठक में किसे बोलने का अधिकार है. सबसे पहले DPDC चेयरमैन, फिर जॉइंट चेयरमैन और उसके बाद सदस्य... कई लोगों को तो नियम ही नहीं पता.”
बता दें कि राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी (NCP) साल 2023 में दो धड़ों में बंट गई थी. जुलाई 2023 में, अजित पवार के नेतृत्व में NCP के कई निर्वाचित विधायक राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन (NDA) सरकार में शामिल हो गए थे. अजित पवार को महाराष्ट्र का डिप्टी सीएम बनाया गया. अजित पवार गुट को ही असली NCP की मान्यता मिली है. वहीं इस टूट के बाद NCP के फाउंडर शरद पवार ने राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी (शरदचंद्र पवार) का गठन किया है.
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