उत्तर प्रदेश के गोरखपुर में 26 वाहिनी पीएसी में रिक्रूट महिला सिपाहियों की ट्रेनिंग चल रही है. ट्रेनिंग कैंपस में असुविधाओं का आरोप लगाते हुए महिला सिपाहियों ने बुधवार, 23 जुलाई को विरोध प्रदर्शन किया. एक रिक्रूट महिला सिपाही बेहोश भी हो गई, जिसके बाद पूरा माहौल गर्म हो गया. सभी महिला रिक्रूट सिपाही भड़क गईं और उन्होंने मेन गेट तक नारेबाजी की. इस दौरान उन्होंने बाथरूम में कैमरा जैसा गंभीर आरोप लगाया, जिसे पुलिस ने खारिज कर दिया.
UP: 'खुले में नहाना, कैमरा है', ट्रेनी महिला सिपाहियों के गंभीर आरोप, अधिकारी बोले- 'ऐसा कुछ नहीं है'
Gorakhpur News: महिला सिपाहियों के विरोध प्रदर्शन के वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल होने लगे. पूर्व मुख्यमंत्री और समाजवादी पार्टी (SP) के अध्यक्ष Akhilesh Yadav ने इन वीडियो को सोशल मीडिया पर पोस्ट करते हुए उत्तर प्रदेश सरकार की आलोचना की है.

इंडिया टुडे से जुड़े गजेंद्र त्रिपाठी की रिपोर्ट के मुताबिक, यहां पर तैनात सभी 600 रिक्रूट महिला सिपाही ट्रेनिंग वाली ड्रेस में मैदान में ट्रेनिंग कर रही थीं. इस दौरान उनकी एक साथी बेहोश हो गई. इसके बाद उन सभी ने ट्रेनिंग मैदान में हंगामा शुरू करू कर दिया. यह मामला इसलिए भी चर्चा में है क्योंकि गोरखपुर से मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ का खास रिश्ता है. योगी गोरखपुर शहर विधानसभा सीट से विधायक हैं. इसके अलावा वो प्रसिद्ध गोरखनाथ मंदिर गोरक्षपीठ के महंत भी हैं.
रिक्रूट महिला सिपाहियों ने मीडिया से बात करते हुए आरोप लगाया,
"जब यहां व्यवस्था नहीं थी, तो क्यों बुलाया गया?... पानी पीने के लिए नहीं. ना लाइट है, ना पंखा है... हम खुले में नहा रहे हैं. आदमी आ-जा रहे हैं... कैमरा लगा है... यहां के प्रभारी गंदी-गंदी गालियां देते है... औकात नहीं थी तो क्यों हम लोगों को यहां बुलाया?... जब क्षमता नहीं थी तो क्यों बुलाया? कोई व्यवस्था नहीं है यहां पर."
महिला सिपाहियों के विरोध प्रदर्शन के वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल होने लगे. समाजवादी पार्टी (SP) के राष्ट्रीय अध्यक्ष और पूर्व मुख्यमंत्री अखिलेश यादव ने एक्स पर पोस्ट किया,
"गोरखपुर से महिला पुलिस रिक्रूट्स के ट्रेनिंग सेंटर की बदइंतजामी के दुर्भाग्यपूर्ण समाचार आ रहे हैं. ना बिजली है, ना पानी, ना गरिमापूर्ण स्नानालय. जब मुख्य नगरी का ये हाल है तो शेष का क्या कहना. नारी वंदना भाजपा का जुमला है."

हालांकि, गोरखपुर में ट्रेनिंग कर रहीं महिला आरोपियों के आरोपों पर आईजी पीएसी सेंट्रल जोन, डॉ. प्रीतिंदर सिंह ने सफाई दी है. उन्होंने मीडिया से बात करते हुए कहा,
"26 बटालियन गोरखपुर में नियुक्त रिक्रूट महिला आरक्षियों ने कुछ समस्याएं रखीं, जिसको सीनियर अधिकारियों ने तुरंत संज्ञान में लिया गया. तत्परता से वहां पर पहुंचकर उसमें जांच की गई. जिसमें ये संज्ञान में आया कि कुछ तनीकी कारणों के कारण विद्युत आपूर्ति (बिजली सप्लाई) कुछ समय के लिए ठप हुई थी, जिस कारण से जल आपूर्ति (पानी की सप्लाई) भी प्रभावित हुई है. इस समस्या का अधिकारियों ने मौके पर पहुंचकर निस्तारण कर दिया. बिजली विभाग से वार्ता कर जो विद्युत आपूर्ति में दिक्कत आ रही थी, उसका निस्तारण कर लिया गया. इसके अलावा ये तथ्य संज्ञान में आया था कि कुछ बाथरूमों में कैमरा लगने की बात सामने आई थी, जो जांच करने पर पूरी तरह झूठी पाई गई."
उन्होंने आगे बताया,
"एक PTI के अभद्रता करने की बात संज्ञान में आई थी, जिसे DIG सेक्टर ने निलंबित कर दिया है. उत्तर प्रदेश पुलिस के लिए महिला आरक्षियों की ट्रेनिंग को सुरक्षित और उच्च कोटि की करना उत्तर प्रदेश पुलिस की प्राथमिकता है, जिसको सब जगह अच्छी तरह से करवाया जा रहा है. इसके साथ-साथ अनुशासनहीनता और सोशल मीडिया पर कुछ अफवाह फैलाने वालों को भी चिन्हित किया जा रहा है. चिन्हित करके उनके खिलाफ सख्ती से कारवाई की जाएगी."
उत्तर प्रदेश पुलिस की तरफ से कहा गया कि महिला सिपाहियों की गरिमा, निजता और कल्याण उनकी सर्वोच्च प्राथमिकता है. उन्हें हाई क्वालिटी की ट्रेनिंग, बेहतर सुविधाएं और सुरक्षित माहौल देने के लिए विभाग प्रतिबद्ध है.
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