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"जिस जाति के हो उस जाति के रहोगे", दलित छात्र ने आत्महत्या की, दो शिक्षकों के खिलाफ केस दर्ज

छात्र ने प्रिंसिपल से जातीय टिप्पणी को लेकर शिकायत की थी, लेकिन कोई कार्रवाई नहीं हुई.

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राजस्थान के कोटपूतली-बहरोड़ जिले से जातीय उत्पीड़न का मामला सामने आया है (तस्वीर-इंडिया टुडे)

राजस्थान के एक स्कूल से जातीय उत्पीड़न और कथित आत्महत्या का मामला सामने आया है. मृतक सचिन कुलदीप कोटपूतली-बहरोड़ जिले के जवाहर नवोदय विद्यालय में 10वीं कक्षा का छात्र था. राजस्थान पुलिस ने इस केस में दो शिक्षकों के खिलाफ FIR दर्ज की है. छात्र का शव क्लास के भीतर ही मिला था. शव को सबसे पहले सुबह सफाई कर्मचारी ने देखा और स्कूल प्रशासन को इस घटना के बारे में बताया. 

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अंग्रेजी अखबार इंडियन एक्सप्रेस की रिपोर्ट के मुताबिक, मृतक छात्र के परिवार ने विवेक और राजकुमार नाम के दो शिक्षकों को घटना का जिम्मेदार बताया है. छात्र के ताऊ सत्यपाल कुलदीप ने FIR में बताया है, 

"मेरे छोटे भाई बनवारी लाल का बेटा सचिन कुलदीप पावटा में जवाहर नवोदय विद्यालय में पढ़ता था. उसने 22 अगस्त को अपने पिता को फोन किया था. फोन पर रोते हुए सचिन ने उसे बताया कि 'विवेक सर और राजकुमार सर' पिछले कई दिनों से उसके सहपाठियों के सामने जातिसूचक गालियां देते हुए अपमानित कर रहे थे."

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FIR में यह भी कहा गया है कि इस घटना के संबंध में सचिन ने प्रिंसिपल और वाइस-प्रिंसिपल से भी शिकायत की थी. शिकायत सुनने के बाद प्रिंसिपल ने कहा था,

“जिस जाति के हो उस जाति के रहोगे, इसमें गलत क्या है”

फोन करने के कुछ घंटे बाद स्कूल हॉस्टल में रह रहे सचिन ने कथित तौर पर आत्महत्या कर ली. सचिन के परिवार का आरोप है कि स्कूल प्रशासन की तरफ से उन्हें घटना के बारे में सूचित नहीं किया गया. इस घटना की जानकारी उन्हें अगले दिन सुबह 8 बजे के आसपास पुलिस से मिली.

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चाचा सत्यपाल कुलदीप ने अखबार को बताया,

“घटना की जानकारी के बाद परिवार वाले 10 बजे विद्यालय पहुंचे. प्रिंसिपल और वाइस-प्रिंसिपल से सचिन के बारे में पूछताछ की, लेकिन उन्होंने कोई संतोषजनक जवाब नहीं दिया. एक घंटे बाद स्कूल स्टाफ ने हमें बताया कि सचिन 'अस्वस्थ' हैं और उसे पाओटा अस्पताल में भर्ती कराया गया है."

सत्यपाल के मुताबिक, स्कूल में सचिन के साथियों ने उन्हें बताया कि शाम (22 अगस्त की) को दोनों शिक्षकों ने उसे अपमानित किया. उन्होंने उसे मानसिक और शारीरिक रूप से दंडित किया. सत्यपाल ने आरोप लगाया, 

“वे उसे परीक्षाओं और सेशनल (परीक्षाओं) में खराब अंक देने और उसका भविष्य खराब करने की धमकी देते थे.”

परिवार वालों का ये भी आरोप है कि सचिन की आत्महत्या संदिग्ध है क्योंकि उसके पैर फर्श को छू रहे थे. वो इतने नीचे थे कि लगभग 30 डिग्री के कोण पर मुड़े हुए थे.

23 अगस्त की देर रात तक परागपुरा पुलिस स्टेशन में परिवार वालों ने हत्या और SC-ST (अत्याचार रोकथाम) कानून की धाराओं में FIR दर्ज करवाई. परिवार ने शुरू में शव को लेने से मना कर दिया था. लेकिन 25 अगस्त को जिला प्रशासन के समझाने पर शव को लेकर अंतिम संस्कार कर दिया.  

(ये स्टोरी हमारे साथी अनुराग अनंत ने लिखी है.)

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