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पहले नौकरी से निकाला, फिर नई नौकरी खोजने में मदद, इंटरनेट बोला 'बॉस हो तो ऐसा'

OkCredit के CEO ने 70 कर्मचारियों को नौकरी से निकाल दिया. लेकिन उन्हें 3 महीने का नोटिस, दूसरी नौकरी के लिए रेफरल में मदद भी की.

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bengaluru ceo fires 70 employees helps 67 people find new jobs viral
ओकेक्रेडिट के सीईओ हर्ष ने निकाले गए लोगों की मदद की (PHOTO- LinkedIn)
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मानस राज
4 अप्रैल 2025 (Updated: 4 अप्रैल 2025, 10:04 AM IST) कॉमेंट्स
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अक्सर खबरें आती हैं कि फलां कंपनी ने एक साथ सैकड़ों कर्मचारियों को नौकरी से निकाल दिया. कभी ज़ूम मीटिंग पर छंटनी हो गई, तो कभी मेल भेजकर ब्लॉक कर दिया गया. लेकिन क्या आपने कभी सुना है कि नौकरी से निकालने वाले बॉस ने ही दूसरी नौकरी ढूंढने में मदद की हो? ऐसे ही एक बॉस हैं, जिनकी इंटरनेट पर खूब तारीफ़ हो रही है. इनका नाम है हर्ष पोखरना (Harsh Pokharna). ये बेंगलुरु स्थित कंपनी ओके क्रेडिट (OkCredit) के सीईओ हैं.

Linkedin पर की गई एक पोस्ट में हर्ष ने बताया कि 18 महीने पहले उन्हें कंपनी से 70 लोगों को निकालना पड़ा. हर्ष ने इसके पीछे की वजह भी बताई. उन्होंने कहा कि एक्सपैंशन (विस्तार) की बढ़ती लागत के चलते खर्च वहन करना संभव नहीं था. लिहाज़ा, इन लोगों को कंपनी से निकालना पड़ा. इसे अपनी गलती मानते हुए, हर्ष पोखरना ने कहा कि वे निकाले गए सभी कर्मचारियों की जिम्मेदारी लेंगे—खासतौर पर उनकी, जिन्हें नौकरी जाने की वजह से सबसे ज़्यादा दिक्कत हुई है.

harsh pokharna
ओकेक्रेडिट के सीईओ हर्ष (PHOTO-LinkedIn)

हर्ष ने कहा...

18 महीने पहले, हमने 70 लोगों को नौकरी से निकाल दिया था. हम बहुत ज़्यादा परेशान थे, क्योंकि हमने बहुत जल्दी में लोगों को काम पर रख लिया था. यह हमारी गलती थी और हमने इसे स्वीकार किया. एक फाउंडर के तौर पर, यह मेरे द्वारा लिए गए सबसे मुश्किल फैसलों में से एक था. लेकिन हमने इसे सही तरीके से करने की पूरी कोशिश की. हमने उन 70 लोगों में से हर एक से व्यक्तिगत रूप से बात की, उन्हें बताया कि कहाँ चूक हुई, यह निर्णय क्यों लिया गया, और हम किस तरह से उनका समर्थन करेंगे.

कर्मचारियों की मदद के लिए, ओकेक्रेडिट ने पहले तीन महीनों का नोटिस पीरियड दिया. दूसरी नौकरी के लिए रेफरल में सहायता की, और उन्हें नई नौकरी पाने में भी मदद की. नतीजतन, 70 में से 67 कर्मचारियों को नोटिस पीरियड समाप्त होने से पहले ही नई नौकरी मिल गई, जबकि शेष तीन को सहायता स्वरूप दो महीनों की अतिरिक्त सैलरी दी गई.

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इसके अलावा पोखर्णा ने मौजूदा समय में बड़े पैमाने पर हो रही छंटनी के बारे में भी लिखा. हर्ष लिखते हैं 

अब जो हो रहा है, उसे देखिए — इस साल 1,20,000 से अधिक लोगों को नौकरी से निकाला गया है. उनमें से कई को तो कोई कॉल तक नहीं आया. कुछ को ब्लॉक किए गए ईमेल के ज़रिए जानकारी मिली, और कुछ को तो दिन के बीच में ही स्लैक से हटा दिया गया. यह पूरी तरह अमानवीय है. हां, छंटनी होती है — लेकिन आप उसे कैसे संभालते हैं, यही आपकी कंपनी की संस्कृति के बारे में सब कुछ बताता है. मुझे पता है कि इस तरह की बातें करना मुश्किल होता है, लेकिन जब आपने संस्थापक बनने का निर्णय लिया था, तब आपने यह जिम्मेदारी भी ली थी. अगर आप किसी को काम पर रखते समय उसे 'परिवार' कहते हैं, तो जब वह जा रहा हो, तब भी उसके साथ परिवार जैसा ही व्यवहार करें.

जैसे ही यह पोस्ट वायरल हुई, कई सोशल मीडिया उपयोगकर्ताओं ने पोखरना की सराहना की. लोगों ने कहा कि छंटनी को सही तरीके से संभालने के लिए हर्ष सम्मान के हकदार हैं. अन्य लीडर्स को भी इस उदाहरण का अनुसरण करना चाहिए.

लोग हर्ष द्वारा कर्मचारियों को ‘परिवार’ मानने की भावना की भी प्रशंसा कर रहे हैं. उन्होंने कहा कि अधिकांश कंपनियां केवल दिखावे के लिए ऐसा कहती हैं, लेकिन हर्ष ने वास्तव में अपने इस वादे को निभाया है.

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