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‘चाबी कहां है’ पूछने के आठ साल बाद ‘सरदार खान’ पर चाबियां बरस पड़ीं हैं!

गैंग्स ऑफ वासेपुर का डायलॉग तो याद ही होगा.

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गैंग्स ऑफ वासेपुर-2 का सीन. जब सरदार खान को चाबी नहीं मिलती.
चाबी मिल गई है. मिल क्या गई, कहो कि बरस पड़ी हैं. सरदार खान पर.
आपको दिखाते हैं एक पिच्चर का सीन (स्क्रीनशॉट) और एक मीम. बाकी मामला कड़ी से कड़ी जोड़ने वाला बचेगा. अपने को कॉन्फिडेंस है कि आप समझ लोगे.
Untitled Design (4) 'जयघोष' के साथ चाबी ढूंढते सरदार खान.

ये फोटो है भारतीय सिनेमा के दर्शनशास्त्र गैंग्स ऑफ वासेपुर की. भाग-1. साल-2012. सरदार खान के बेटे को गोली का छर्रा लग जाता है. वो बेटे को ले जा रहे होते हैं अस्पताल. लेकिन ऐन वक्त पर चाबी नहीं मिलती. फिर आता है एपिक डायलॉग-
“चाबी कहां है? *** क्या चाबी सब?”
अब देखिए आठ साल बाद सरदार खान को कैसे चाबियां ही चाबियां मिल गई हैं.
Untitled Design (5) चाबियां ही चाबियां.

दरअसल तहसीन साहिब नाम के एक यूजर ने 26 जुलाई को ट्विटर पर इस अनोखे की-होल्डर का फोटो शेयर किया. साथ में मनोज बाजपेयी को टैग करते हुए लिखा-
“मनोज बाजपेयी सर, कहां है चाबी?”
मनोज बाजपेयी ने भी कुछ ही देर में इसे रीट्वीट करते हुए लिखा-
“इसके मौलिक रचनाकार को प्रणाम. प्रभु आप लोग क्या-क्या सोच लेते हैं. दण्डवत.”
बस इसके बाद तो मीम का काम था फैलना और वो फैला. और गुरू मुझे पर्सनली ये सबसे सही लगा. क्या चाबी बच्चन साब ने छिपा दी थी?


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