आपको दिखाते हैं एक पिच्चर का सीन (स्क्रीनशॉट) और एक मीम. बाकी मामला कड़ी से कड़ी जोड़ने वाला बचेगा. अपने को कॉन्फिडेंस है कि आप समझ लोगे.

ये फोटो है भारतीय सिनेमा के दर्शनशास्त्र गैंग्स ऑफ वासेपुर की. भाग-1. साल-2012. सरदार खान के बेटे को गोली का छर्रा लग जाता है. वो बेटे को ले जा रहे होते हैं अस्पताल. लेकिन ऐन वक्त पर चाबी नहीं मिलती. फिर आता है एपिक डायलॉग-
“चाबी कहां है? *** क्या चाबी सब?”अब देखिए आठ साल बाद सरदार खान को कैसे चाबियां ही चाबियां मिल गई हैं.

दरअसल तहसीन साहिब नाम के एक यूजर ने 26 जुलाई को ट्विटर पर इस अनोखे की-होल्डर का फोटो शेयर किया. साथ में मनोज बाजपेयी को टैग करते हुए लिखा-
“मनोज बाजपेयी सर, कहां है चाबी?”
“इसके मौलिक रचनाकार को प्रणाम. प्रभु आप लोग क्या-क्या सोच लेते हैं. दण्डवत.”
यूट्यूबर भुवन बाम और सौरभ द्विवेदी की चौपाल जमी तो क्या-क्या बात हुई?