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"ये घुसपैठ 2001 के संसद हमले जैसी नहीं..."- पुराने सांसदों ने आखिर ऐसा क्यों कहा?

2001 में हुए हमले वाले दिन मौजूद कुछ सांसद इस वाले हमले के दिन भी संसद में मौजूद थे. उन्होंने दोनों घटनाओं के बीच फर्क समझाया है.

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संसद में 13 दिसंबर को हुई सुरक्षा चूक मामले में 5 आरोपी पुलिस की गिरफ्त में. (फोटो- इंडिया टुडे)

संसद भवन पर 2001 में हथियारबंद आतंकवादियों ने हमला किया था. इधर, 13 दिसंबर को लोकसभा की सुरक्षा में चूक (Parliament Security Breach) का मामला सामने आया. दो लोग धुएं वाले बम लेकर संसद में घुस गए. 2001 वाले हमले को जिन सांसदों ने विटनेस किया था, उनमें से कुछ इस सुरक्षा चूक के दौरान भी संसद में मौजूद थे. उनकी मानें तो दोनों घटनाओं में तारीख के अलावा और कुछ कॉमन नहीं है. उनकी तुलना नहीं की जानी चाहिए.

इंडियन एक्सप्रेस से जुड़े विकास पाठक और लालमणि वर्मा की रिपोर्ट के मुताबिक, 2001 हमले के विटनेस रहे कटक से BJD सांसद भर्तृहरि महताब ने बताया कि 2001 में जो हुआ वो एक आतंकी हमला था. भारी हथियारों से लैस पाकिस्तानी आतंकवादी संसद परिसर के गेट के अंदर घुसे और गोलीबारी शुरू कर दी. इमारत की सुरक्षा करते हुए कुछ सुरक्षाकर्मियों की मौत हुई थी.

ताजा मामले को लेकर BJD सांसद ने कहा कि ये उल्लंघन एक अलग तरह का था. इसमें दोनों घुसपैठिए भारतीय हैं. इस बार संसद के सदस्यों ने ही घुसपैठियों को पकड़कर कर्मचारियों के हवाले किया. उन्होंने कहा कि ये गंभीर मामला है लेकिन इसकी तुलना 2001 से नहीं की जानी चाहिए. 

बिहार के सारण से BJP सांसद राजीव प्रताप रूडी भी दोनों घटनाओं के दिन संसद में मौजूद थे. उन्होंने बताया कि 2001 वाला हमला सशस्त्र आतंकवादियों ने किया था जिन्हें सुरक्षा बलों ने सदन में घुसने से पहले ही मार डाला. वो पूरी तरह से आतंकवादी हमला था. BJP सांसद ने कहा कि उस दिन हमले के वक्त वो आडवाणी जी के साथ एक बैठक में थे, तभी उन्होंने कुछ आवाजें सुनीं और टीवी पर हमले की खबर देखी. उन्होंने कहा कि ताजा मामला विरोध में किया गया उल्लंघन जैसा लगता है.

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शिवसेना गुट में यवतमाल-वाशिम की सांसद भावना गवली ने दोनों घटनाओं को दुर्भाग्यपूर्ण बताया है. उन्होंने सुझाव दिया कि या तो विजिटर गैलरी को बंद कर दिया जाना चाहिए या वहां कांच की दीवार होनी चाहिए. दिसंबर 2001 में जब आतंकवादियों ने हमला हुआ था तो गवली भावना गवली संसद से जा चुकी थीं. 

लोकसभा के अंदर क्या हुआ?

संसद में 13 दिसंबर को शून्यकाल के दौरान दो घुसपैठिए सार्वजनिक गैलरी से लोकसभा कक्ष में कूद गए. ये घटना दोपहर डेढ़ बजे के करीब हुई. सदन में कार्यवाही चल रही थी. तभी अचानक दो लोग सांसदों के बीच कूद गए. इनकी पहचान सागर और मनोरंजन नाम के व्यक्तियों के रूप में हुई.

दोनों आरोपियों ने अपने जूतों में कलर स्मोक कैन छिपा रखे थे. उन्होंने अपने जूतों से ये कलर स्मोक कैन निकाले और लोकसभा कक्ष में उन्हें उड़ाने लगे. ये सब देख सदन में अफरा-तफरी मच गई. कई सांसदों ने मिलकर इन दोनों को पकड़ा.  तब तक सुरक्षा जवान भी अंदर आ गए. कुछ प्रदर्शनकारी संसद के बाहर से पकड़े गए. इसके बाद सदन की कार्यवाही को स्थगित कर दिया गया. ये घुसपैठ 2001 में संसद पर हुए आतंकी हमले की 22वीं बरसी पर हुई.

वीडियो: संसद में हुए सुरक्षा चूक पर विदेशी मीडिया में क्या-क्या लिखा गया?