नक्शे के हिसाब से बुंदेलखंड सेंट्रल इंडिया में पड़ता है. आधा यूपी और आधा एमपी में. बुंदेलखंड ने गरीबी और पिछड़ेपन की मार झेली है. लगभग हर साल सूखा पड़ जाता है. लेकिन बुंदेलखंड का इतिहास समृद्ध है. यहां बहादुरी का सूखा कभी नहीं रहा. राजा युद्ध लड़ते और जीतते थे. बुंदेलखंड उन आल्हा-ऊदल का इलाका है, जिनकी बहादुरी के किस्से गांव की चौपाल पर बखाने जाते हैं. और बुंदेलखंड उस बुंदेला राजवंश का साम्राज्य भी रहा है जिसकी नींव 11वीं सदी में राजा पंचम ने रखी थी. इसी राजवंश के नाम पर इस पूरे इलाके को बुंदेलखंड कहा जाता है. आज के हिसाब से बात करें तो झांसी, पन्ना, छत्तरपुर, दमोह, सागर, दतिया, चंदेरी, ललितपुर, बांदा, हमीरपुर, जालौन, महोबा, चित्रकूट, टीकमगढ़, रीवा, जबलपुर, विदिशा, ग्वालियर और भिंड के इलाके बुंदेलखंड में आते हैं. देखें वीडियो.
तारीख: मुगल नहीं हरा पाए और राजा छत्रसाल ने आखिर बुंदेलखंड आजाद करवा लिया
नक्शे के हिसाब से बुंदेलखंड सेंट्रल इंडिया में पड़ता है.