किताबी बातें का आज का अंक उस ट्रेजेडी क्वीन पर, जिसके इंतज़ार की शब शायद कभी मुख़्तसर नहीं हुई. जिसका अधूरापन, तमाम कामयाबियों के बावजूद अपनी हाज़िरी बदस्तूर लगाता रहा. जिसका दावा था कि उसे तमाम दिन टुकड़ों की शक्ल में हासिल हुए हैं और रातें धज्जियों की सूरत. आज उस माहजबीं की कहानी, जिसे मीना कुमारी के नाम से जाना गया.