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बिना बताए दूसरों के फोटो-वीडियो लेते हैं, शेयर करते हैं? सजा जान कान पकड़ लेंगे

बिना किसी की इजाजत के उसकी फोटो खींचना और सोशल मीडिया पर शेयर करना आपको जेल की हवा खिला सकता है. इसके लिए कानून में कठोर सजा के प्रावधान हैं.

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बिना इजाजत महिला की फोटो खींचना अपराध है (फोटोः India Today)

बिना इजाजत के किसी की भी फोटो खींचना और उसे सोशल मीडिया पर पोस्ट करना महंगा पड़ सकता है. नैतिक रूप से तो यह गलत है ही, कानूनन भी अपराध की श्रेणी में आता है. इसके लिए भारतीय न्याय संहिता और आईटी एक्ट के तहत सजा हो सकती है और जुर्माना भी लग सकता है. ये बात हम आपको इसलिए बता रहे हैं क्योंकि बेंगलुरु में गुरदीप सिंह नाम के एक शख्स ने यही गलती की है. 

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चर्च स्ट्रीट और कोरमंगला जैसी जगहों पर वह कैमरा लेकर घूमता था और महिलाओं का पीछा कर उनकी क्लिप्स रिकॉर्ड करता. बाद में ‘स्ट्रीट सीन’ लिखकर इसे सोशल मीडिया पर अपलोड कर देता था. एक छात्रा के साथ उसने ऐसा किया तो उसने पुलिस से शिकायत कर दी. पुलिस ने गुरुदीप सिंह के खिलाफ अलग-अलग धाराओं में केस दर्ज कर उसे गिरफ्तार कर लिया.

इस केस से क्या सीख मिलती है?

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यही कि देश में हर किसी का एक निजी स्पेस होता है. इसका उल्लंघन नहीं किया जाना चाहिए. राह चलते किसी की भी किसी तरह की भी फोटो खींचकर या वीडियो बनाकर उसे सोशल मीडिया पर डाल देने का अधिकार किसी को नहीं है. अगर आप अनुमति के बिना किसी के साथ भी ऐसा करते हैं तो यह कानूनी रूप से अपराध है. खासकर जब यह हरकत किसी महिला की निजता या गरिमा को ठेस पहुंचाने के इरादे से की जाए.

क्या कहता है कानून?

बीएनएस की धारा 77 के मुताबिक, अगर कोई व्यक्ति किसी महिला को उस समय एकटक घूरता है जब वह किसी निजी कार्य में लगी हो और उसे यह उम्मीद हो कि कोई उसे नहीं देख रहा. इसके अलावा ऐसी स्थिति में उसकी फोटो खींचता है या उसे किसी और को भेजता है तो यह भी कानूनन अपराध है. पहली बार ऐसा करने पर उसे कम से कम एक साल और अधिकतम तीन साल की जेल के साथ जुर्माना हो सकता है. अगर वह दोबारा ऐसा करता है तो उसे कम से कम तीन साल और अधिकतम 7 साल की जेल के साथ जुर्माना भी भुगतना पड़ सकता है.

बेंगलुरु वाले केस में सिर्फ फोटो खींचने वाली बात नहीं थी. आरोपी ने छात्रा का पीछा किया और फिर वीडियो बनाया था. किसी का पीछा करना भी एक क्राइम है, जिसमें सजा हो सकती है. भारतीय न्याय संहित (बीएनएस) की धारा 78(2) के तहत अगर कोई बार-बार किसी का पीछा करता है (स्टॉकिंग करता है) तो पहली बार दोषी पाए जाने पर उसे तीन साल तक की जेल और जुर्माना हो सकता है. दोबारा वही अपराध करने पर सजा 5 साल तक की हो सकती है.

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बीएनएस की धारा 79 कहती है कि अगर कोई व्यक्ति महिला को शर्मिंदा करने के इरादे से कोई आपत्तिजनक शब्द कहता है, इशारा करता है, आवाज निकालता है या कोई अश्लील चीज दिखाता है और इससे महिला का एकांत (निजता) भंग होता है तो उसे तीन साल तक की साधारण जेल और जुर्माना हो सकता है. 

बीएनएस की धारा 356 (1) के मुताबिक, अगर किसी व्यक्ति की फोटो जानबूझकर इस मकसद से खींची या शेयर की जाए कि उसकी सामाजिक छवि को नुकसान पहुंचे तो 2 साल तक की जेल या जुर्माना या दोनों हो सकता है.

IT एक्ट में भी सख्त नियम

यह तो रही पीछा करने और एकांत भंग करने की बात. सोशल मीडिया पर किसी की फोटो बिना उसकी इजाजत के शेयर करने पर आईटी एक्ट में सख्त नियम बनाए गए हैं. आईटी एक्ट धारा 66E के मुताबिक, अगर कोई व्यक्ति किसी की निजी फोटो (गुप्तांग से जुड़ी या अन्य तस्वीरें) बिना अनुमति के खींचता है और उसे सोशल मीडिया पर शेयर करता है या कहीं पर भी पब्लिश करता है तो उसे तीन साल तक की जेल या दो लाख रुपये तक का जुर्माना या दोनों हो सकते हैं.

धारा 67 कहती है कि अगर कोई व्यक्ति कामुकता प्रदर्शित करने वाली कोई सामग्री जैसे वीडियो, फोटो, टेक्स्ट आदि को इंटरनेट पर पोस्ट या फॉरवर्ड करता है तो पहली बार पकड़े जाने पर तीन साल तक की जेल और 5 लाख रुपये तक जुर्माना, दूसरी बार पांच साल की जेल और 10 लाख रुपये तक जुर्माना हो सकता है. 

धारा 67A में प्रावधान है कि अगर उस सामग्री में अश्लील क्रियाएं या हरकतें दिखाई गई हैं तो पहली बार पर पांच साल की जेल और दस लाख रुपये तक जुर्माना, दोबारा पकड़े जाने पर 7 साल की जेल और 10 लाख रुपये तक जुर्माना हो सकता है. 

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