दोपहर की सुस्ती के बीच आप इंस्टाग्राम पर स्क्रॉल कर रहे हो और अचानक एक वीडियो दिखे. एक हलवाई इत्मीनान से मलाईदार रबड़ी फैला रहा है, चम्मच खुरच रहा है. अगली रील में कोई नाई बालों में ब्रश चला रहा है, उस्तरे और कैंची की टक-टक, एक पल को लगता है, ये आवाज़ें सीधा दिमाग की नसों तक पहुँच रही हैं. किसी रील में कोई फलों को छील रहा है, तो कभी किसी शॉर्ट्स में एक चायवाला बड़े प्यार से गिलास चाय उड़ेल रहा है, गिलास के किनारे टकरा रहे हैं, और सतह पर झाग बन रही है. अजीब सा सुकून मिलता है न? वीडियो या किसी आवाज को सुनकर अजीब सी ठंडक महसूस करने को शास्त्रों में ऑटोनॉमस सेंसरी मेरिडियन रिस्पॉन्स (ASMR) कहा गया है. तो समझते हैं कि क्या है ASMR? कैसे ये हमारे दिमाग को प्रभावित करता है? कैसे कुछ विडियोज कई मनोवैज्ञानिक समस्याओं का इलाज बन जाती है? और क्या ऐसी विडियोज लंबे समय तक देखना हमें किसी बड़ी समस्या में फंसा सकती हैं? जानने के लिए देखें लल्लनटॉप का ये एक्सप्लेनर.
आसान भाषा में: वीडियो या किसी आवाज को सुनकर अजीब सी ठंडक क्यों मिलती है?
ASMR को आप गुदगुदी वाली सिहरन के अहसास जैसा मान सकते हैं, जो किसी खास तरह की आवाज़, दृश्य या टच से होता है. ये हल्की कंपन या झनझनाहट सिर से शुरू होकर गर्दन और कभी-कभी स्पाइन तक फैल जाती है.
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