घर से बाहर भी हमारा एक परिवार होता है. हमारे दोस्त जिन पर हम खुद से भी ज़्यादा भरोसा करते हैं. जो रात को तीन बजे भी एक कॉल पर हाज़िर हो जाते हैं. घर जैसी बातें के तीसरे एपिसोड में बात उन्हीं दोस्तों की, जिनके पास हम हर बार अपने सबसे प्रसन्न और सबसे दुखी क्षणों में लौटते हैं. सौरभ और गिरिजा से सुनिए, उनके दोस्तों के किस्से. उनकी शरारतें, उनका प्रेम और भी बहुत कुछ.
घर जैसी बातें: 3AM फ्रेंड और अपने चाचा को याद करके भावुक हुए सौरभ द्विवेदी
सौरभ द्विवेदी और गिरिजा ओक के साथ देखिए ‘घर जैसी बातें.’
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