अजमेर की स्थानीय अदालत में अजमेर शरीफ दरगाह को लेकर एक याचिका दायर की गई. जिसमें इसके नीचे मंदिर होने का दावा किया गया था. वहीं दूसरी तरफ, दरगाह से कुछ ही दूर - एक ऐतिहासिक इमारत को लेकर भी बयान आए. कहा गया इसकी संरचना में कुछ राज़ दफ्न हैं. साथ में हरबिलास सारदा की किताब का जिक्र आया और चर्चा में आया, अढ़ाई दिन का झोपड़ा. नाम से ही इसे लेकर जिज्ञासा जागती है. पर इस इमारत की चर्चा जिज्ञासा से ज्यादा, दूसरी राजनीतिक वजहों से हुई. वो वजहें, आप समझते ही हैं. पर हम तो इतिहास की बात करने वाले हैं. तो जिज्ञासा के पहलू को ज्यादा टटोलते हैं. तो जानते हैं कि ये अढ़ाई दिन का झोपड़ा क्या है? इसे किसने बनवाया, और करीब सौ साल पहले आई हरबिलास सारदा की किताब में इसे लेकर ऐसा क्या लिखा गया, जिसकी चर्चा आज उठी है. जानने के लिए देखें तारीख का ये एपिसोड.
तारीख: मंदिर या मस्जिद, 'अढ़ाई दिन का झोपड़ा' को लेकर क्या दावे हैं ?
हरबिलास सारदा की किताब का जिक्र आया और चर्चा में आया, अढ़ाई दिन का झोपड़ा.
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