22 अप्रैल को इसी पहलगाम में दिल दहला देने वाला आतंकवादी हमला हुआ. 26 बेक़सूर टूरिस्ट्स की जान गई. 17 लोग घायल हैं. आतंकी कभी एक संगठन में होते, तो कभी किसी और ग्रुप में पनाह लेते हैं. लेकिन इन सभी आतंकियों और ग्रुप्स का माई बाप एक ही होता - पाकिस्तान. पाकिस्तान का नाम ऐसे ही नहीं सामने आता है. उसकी संलिप्तता है. खासकर उसके जासूसी ग्रुप Inter Services Intelligence उर्फ ISI की. भले ही वहां की इक्का-दुक्का सरकारों ने अपने देश में पल रहे आतंकियों के खिलाफ स्टैंड लिया था, लेकिन ISI ने स्टैंड को तोड़ दिया. ऐसे में सवाल है कि आखिर ये आतंकवादी संगठन इतने सालों से एक पैटर्न पर काम करने में कैसे कामयाब हो रहे हैं? वो भारत में एंट्री कैसे लेते हैं? एंट्री में लेने के बाद पाकिस्तान में मौजूद अपने हैंडलर्स से कैसे बातचीत करते हैं? साथ ही, दूसरे लोगों को कैसे अपने सिस्टम से जोड़ते हैं? जानने के लिए देखें आसान भाषा में का ये एपिसोड.
आसान भाषा में: आतंकी अपने नापाक मंसूबों में कैसे कामयाब हो जाते हैं? कैसे फैलाते हैं प्रोपोगैंडा?
अधिकारी बताते हैं कि अक्सर सीमा पार से आने वाले आतंकी और उग्रवादी भारत में एंट्री लेने के लिए पाकिस्तान आर्मी की फायरिंग का इस्तेमाल कवर फायर के तौर पर करते हैं.
Advertisement
Add Lallantop as a Trusted Source

Advertisement
Advertisement