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ऑनलाइन गालियां देने वाले देखें ये नतीजा!

South Korea सेलेब्रेटीज में आत्महत्या का चलन बढ़ने क्यों लगा है?

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South Korea सेलेब्रेटीज में आत्महत्या का चलन बढ़ने क्यों लगा है? (फोटो-ट्विटर)
फ़्रेंच लेखक और दार्शनिक अल्बैर कामू ने लिखा था, But in the end one needs more courage to live than to kill himself. लेकिन अंत में, ख़ुद को मारने से ज़्यादा साहस की ज़रूरत ज़िंदा रहने में होती है. ये अकेली पंक्ति आत्महत्या के संत्रास को बताने के लिए काफी है. उस क्षण की तासीर कैसी होती होगी, जिसमें कोई इंसान अपनी ज़िंदगी की किताब को फूंकने को साहस करता होगा. हम कल्पना कर सकते हैं, अनुमान लगा सकते हैं, रायशुमारी कर सकते हैं, मगर उस वक़्त के दर्द को नहीं समझ सकते. आज की कहानी साउथ कोरिया की है. इसी महीने एक दिन के अंतराल पर एक वॉलीबॉल स्टार और एक यूट्यूब स्टार ने सुसाइड कर लिया. दोनों के पास किसी चीज़ की कमी नहीं थी. बेशुमार दौलत, शोहरत और शानदार भविष्य की उम्मीदें. इसके बावजूद उन्होंने ऐसा क्यों किया? इसकी एक वजह ऑनलाइन बुलीइंग बताई जा रही है. आज हम साउथ कोरिया के सुसाइड कल्चर पर बात करेंगे. जानेंगे, सोशल मीडिया पर बढ़ रही नफ़रत की वजह क्या है? हेट कमेंट्स से लोगों के जीवन पर क्या असर पड़ता है? और, इसे रोकने का रास्ता क्या है? जून 2019 की बात है. साउथ कोरिया की मशहूर पॉप स्टार सुल्ली एक टीवी शो पर पहुंचीं. शो का फ़ॉर्मेट कुछ अनोखा सा था. इसमें सेलिब्रिटी अपने ऊपर हुए कमेंट्स को पढ़ते थे और वहीं पर उसका जवाब भी देते थे. इसी शो के दौरान बात करते हुए सुल्ली भावुक हो गईं. उन्होंने कहा, मेरी ज़िंदगी बिल्कुल खाली-खाली है. ऐसा लग रहा है कि मैं खुश होने का दिखावा कर रही हूं. मैंने बहुत सारे दोस्तों से सलाह ली. उन्होंने कहा कि ऐसा सबके साथ होता है. ये कोई बड़ी बात नहीं है. सब ठीक हो जाएगा. सुल्ली सोशल मीडिया पर हंसने-मुस्कुराने वाली तस्वीरें पोस्ट किया करतीं. ताकि लोगों को लगे कि सब अच्छा चल रहा है. साउथ कोरिया की एंटरटेनमेंट इंडस्ट्री में बने रहने के लिए इस दिखावे को अनिवार्य शर्त माना जाता है. अगर कोई डिप्रेशन की बात कर दे तो इसे उसके कैरियर के अंत की तरह देखा जाता है. सुल्ली फ़ेमिनिज़्म के मुद्दे पर भी काफी मुखर थीं. उन्हें इसके लिए भी लगातार ट्रोल किया गया. टीवी शो पर उन्होंने अपने दिल की बात कही थी. सुल्ली ने जो संकेत दिए थे, उसे किसी ने नहीं समझा और ना ही किसी को परवाह रही. इस टीवी शो के तीन महीने बाद सुल्ली की लाश मिली. उन्हीं के अपार्टमेंट में. पता चला कि ऑनलाइन अब्यूज़ और फ़र्ज़ी अफ़वाहों से तंग आकर उन्होंने सुसाइड कर लिया है. उस समय सुल्ली की उम्र महज 25 साल थी. उन्होंने 11 की उम्र में अपना कैरियर शुरू किया था. बाद में वो ऐक्टिंग में हाथ आजमाने लगीं थी. साउथ कोरिया में सेलिब्रिटीज़ के सुसाइड का ना तो ये पहला मामला था और ना ही अंतिम. नवंबर 2019 में सुल्ली की दोस्त और पॉप स्टार गो हारा की लाश भी उनके फ़्लैट में मिली. उन्होंने सुसाइड से एक दिन पहले इंस्टाग्राम पर लिखा था, गुडबाय. गो हारा ने उसी साल मई में भी सुसाइड की कोशिश की थी. लेकिन तब उन्हें बचा लिया गया था. उन्होंने डिप्रेशन से उबरने की कोशिश की. उन्होंने पूरे जापान में घूम-घूमकर परफ़ॉर्मेंस भी दी. लग रहा था कि उन्होंने अनचाहे अतीत को पीछे छोड़ दिया है. लेकिन ऐसा था नहीं. मौत के समय गो हारा की उम्र सिर्फ़ 28 बरस थी. सुसाइड की ये दोनों घटनाएं हाई-प्रोफ़ाइल थीं. इसको लेकर साउथ कोरिया में ख़ूब गहमा-गहमी भी हुई. लोगों ने ऑनलाइन पिटीशन दायर किए. कहा गया कि ऑनलाइन अब्यूज़ के ख़िलाफ़ कानून बनाया जाए. टैलेंट मेनेजमेंट एजेंसियों को ज़िम्मेदार बनाने की मांग भी चली. लेकिन इससे कोई फ़र्क़ नहीं पड़ा. साउथ कोरिया दो साल के बाद एक बार फिर उसी मुहाने पर खड़ा है. एक बार फिर से लाखों लोग ऑनलाइन बुलींग के ख़िलाफ़ सख़्त कानून बनाने के लिए पिटीशन दायर कर रहे हैं. इस बार भी वजह वही है. बस किरदार बदल गए हैं. चार फ़रवरी को किम इन-ह्यूक नाम के एक प्रफ़ेशनल वॉलीबॉल खिलाड़ी ने अपनी जान ले ली. किम के रहन-सहन और पहनावे को लेकर उनका लगातार मज़ाक उड़ाया जाता था. उन्हें समलैंगिक और मेकअप करने वाला बताकर परेशान किया जाता रहा. इतना परेशान कि किम को  इंस्टाग्राम पर कई बार सफाई देनी पड़ी. एक बार उन्होंने लिखा था, मैंने कभी मेकअप का इस्तेमाल नहीं किया. मुझे लड़के पसंद नहीं हैं. मेरी एक गर्लफ़्रेंड थी और मैंने कभी एडल्ट फ़िल्मों में काम नहीं किया. जिन लोगों को मेरे बारे में पता नहीं है, वे भी मुझे घटिया मेसेज भेजते हैं और निर्मम कमेंट करते रहते हैं. इसका बोझ सह पाना बेहद मुश्किल हो रहा है. प्लीज़, रुक जाइए. इसके बावजूद ट्रोल्स नहीं रुके. और, अंत में किम ने अपनी जान देकर इसकी कीमत चुकाई. किम 28 साल के थे. किम की मौत के एक दिन बाद ही यूट्यूब स्टार बीजे जम्मी की लाश भी उनके घर में मिली. जम्मी ने 2019 में एक वीडियो में एक जेस्चर दिखाया था, जिसके बाद उन्हें पुरुष-विरोधी बताया जाने लगा. उनके हरेक वीडियो में उन्हें ट्रोल किया जाने लगा. घटिया कमेंट्स किए गए. कई बार ऐसा भी हुआ कि उन्हें यूट्यूब पर लाइव स्ट्रीमिंग रोकनी पड़ी. जम्मी की मां भी उनके वीडियो पर आने वाले कमेंट्स देखा करतीं थी. परेशान होकर 2020 में उन्होंने सुसाइड कर लिया था. इसके बाद जम्मी ने भावुक होकर दर्शकों से अपील की थी कि वे अब उन्हें तंग करना छोड़ दें. लेकिन ऐसा नहीं हुआ. अब उन्होंने भी सुसाइड कर लिया है. जम्मी सिर्फ़ 27 साल की थीं. अब इन आत्महत्याओं के पीछे की वजह समझ लेते हैं. पहली वजह है, इंटरनेट पर होने वाली बुलींग. साउथ कोरिया की 90 फीसदी से अधिक आबादी की इंटरनेट और स्मार्टफ़ोन्स तक पहुंच है. इंटरनेट की राय को एक ज़रूरी पैरामीटर की तरह देखा जाने लगा है. लोगों के समय का बड़ा हिस्सा इंटरनेट पर बीतता है. उन्हें ये प्रोसेस एक खेल की तरह लगता है. किसी की छवि को लेकर ऊल-जुलूल बयानबाजी उनकी दिनचर्या का हिस्सा बन गया है. सुल्ली और गो हारा की मौत के बाद कई साउथ कोरियन वेबसाइट्स ने एंटरटेनमेंट सेक्शन में कमेंट्स पर रोक लगा दी थी. लेकिन यूट्यूब, ट्विटर, फ़ेसबुक, इंस्टाग्राम या दूसरी ग्लोबल वेबसाइट्स ने ऐसा नहीं किया. इन प्लेटफ़ॉर्म्स पर ट्रोल्स को पकड़ना और उन्हें कानून के दायरे में लाना मुश्किल होता है. कई बार जांच एजेंसियों को उनसे सपोर्ट भी नहीं मिलता. इसके चलते ट्रोल्स का मन बढ़ता जाता है. दूसरी वजह है, सफ़ल होने का दबाव. जानकारों का मानना है कि साउथ कोरिया में सेलिब्रिटी स्टेटस को लेकर एक परंपरा रही है. मीडिया जितनी जल्दी किसी को स्टार बनाती है, उतनी ही जल्दी उसे नज़र से उतार भी देती है. वो एक इमेज गढ़कर लोगों के सामने पेश करती है. जो कोई अपनी आज़ादी से अपनी राय रखता है या तय इमेज से बाहर जाने की कोशिश करता है, उसे तुरंत ही किनारे कर दिया जाता है. इससे लोग अवसाद का शिकार होते हैं. तीसरी वजह है, सख़्त कानून की कमी. साउथ कोरिया में इंटरनेट पर किसी को तंग करने के लिए अधिकतम तीन साल की सज़ा या 15 लाख रुपये तक के ज़ुर्माने की व्यवस्था है. लेकिन ये सज़ा किसी को यदा-कदा ही मिलती है. अगर आरोपियों को पकड़ा भी जाता है तो उससे मामूली ज़ुर्माना लेकर छोड़ दिया जाता है. गो हारा के पूर्व बॉयफ़्रेंड ने सोशल मीडिया पर उसकी तस्वीरें पोस्ट करने की धमकी दी थी. गो हारा ने शिकायत की. बॉयफ़्रेंड को सज़ा भी हुई, लेकिन उसे बहुत जल्दी जेल से रिहा कर दिया गया था. अगर असली वजहों पर काम नहीं किया गया और इसे रोकने के लिए कदम नहीं उठाए गए तो ये घटनाएं किसी शो का हिस्सा भर बनकर रह जाएंगी. और, ये शो हमेशा की तरह चलता रहेगा. अब आज के दिन की सुर्खियां जान लेते हैं. पहली सुर्खी न्यू ज़ीलैंड से है. जनवरी महीने में कनाडा में ट्रक ड्राइवर्स की फ़्रीडम रैली शुरू हुई थी. वैक्सीन मेनडेट को ख़त्म करने की मांग को लेकर. बाद में और भी लोग शामिल हुए. वे हर तरह के कोविड प्रोटोकॉल्स को हटाने की मांग करने लगे. इसी तर्ज पर न्यू ज़ीलैंड में भी प्रोटेस्ट शुरू हो चुके हैं. 08 फ़रवरी को सैकड़ों प्रदर्शनकारियों ने संसद को घेर लिया. उन्होंने संसद के सामने वाली सड़क को भी ब्लॉक कर दिया. प्रोटेस्टर्स की संख्या लगातार बढ़ रही है. हालांकि, न्यू ज़ीलैंड और कनाडा के प्रोटेस्ट में एक बड़ा अंतर है. कनाडा में विपक्षी पार्टियां कोविड प्रोटोकॉल्स के ख़िलाफ़ चल रहे प्रोटेस्ट को समर्थन दे रहीं है. लेकिन न्यू ज़ीलैंड में ऐसा नहीं है. बीबीसी की रिपोर्ट के अनुसार, एक भी सांसद प्रदर्शनकारियों से मिलने नहीं गया.