उमेश पाल अपहरण केस में प्रयागराज के MP-MLA कोर्ट ने माफिया अतीक अहमद को उम्रकैद की सजा सुनाई है (Allahabad Court sentences Atiq Ahmed to life imprisonment). कोर्ट ने आईपीसी की धारा 364-A के तहत अतीक सहित तीन आरोपियों को दोषी ठहराया. कोर्ट ने अतीक के भाई अशरफ अहमद सहित सात आरोपियों को आरोपों से मुक्त कर दिया है.
अतीक को पहली सजा देने वाले जज दिनेश शुक्ला की पूरी कहानी क्या है?
सपा विधायक, बीजेपी के मंत्री. ये जज सबको नाप चुके हैं...

मंगलवार, 28 मार्च को ये फैसला जज दिनेश चंद्र शुक्ला के कोर्ट ने सुनाया. शुक्ला इससे पहले भी कई नेताओं को सजा सुना चुके हैं. इलाहाबाद हाईकोर्ट की आधिकारिक वेबसाइट से मिली जानकारी के मुताबिक दिनेश चंद्र शुक्ला का जन्म 1 मार्च, 1968 को उत्तर प्रदेश के रायबरेली जिले में हुआ था. उन्होंने पहले बीकॉम और एमकॉम की पढ़ाई की. कानून से जुड़े मामलों में दिलचस्पी होने के चलते उन्होंने एलएलबी की पढ़ाई की. इसके बाद पीएचडी पूरी की और फिर न्यायिक सेवा में आ गए.
2009 में उन्होंने भदोही जिले से बतौर ज्यूडिशियल मजिस्ट्रेट अपने करियर की शुरुआत की. साल 2011 में वो इलाहाबाद के एडिशनल सिविल जज (जूनियर डिविजन) के रूप में तैनात किए गए. उन्होंने एडीजे झांसी, सचिव डिस्ट्रिक्ट लीगल सर्विस अथॉरिटी मेरठ और डिस्ट्रिक्ट एंड सेशन जज इलाहाबाद के पद पर सेवाएं दीं. साल 2022 में उनकी तैनाती प्रयागराज के स्पेशल एमपी-एमएलए कोर्ट में की गई.
प्रयागराज की स्पेशल कोर्ट में आने के बाद दिनेश शुक्ला ने कई चर्चित मामलों में फैसला सुनाया. इसी साल जनवरी में उन्होंने योगी सरकार में मंत्री नंद गोपाल गुप्ता नंदी को बड़ा झटका दिया. नंदी को एक साल की सजा सुनाई और उन पर दस हजार रुपये का जुर्माना भी लगाया था.
आजतक से जुड़े समर्थ श्रीवास्तव की रिपोर्ट के मुताबिक नंदी को ये सजा साल 2014 के लोकसभा चुनाव के दौरान दर्ज हुए एक केस में सुनाई गई थी. उन पर आरोप था कि उन्होंने अपने समर्थकों से तत्कालीन सपा सांसद रेवती रमण सिंह की जनसभा में हमला करवाया. सपा समर्थकों को लेकर जातिसूचक शब्दों का भी इस्तेमाल किया गया.

आरोप ये भी लगा कि सपा कार्यकर्ताओं की रैली के दौरान पिटाई गई जिसमें कई घायल हो गए. उस समय नंदी कांग्रेस पार्टी में थे और उनके खिलाफ सपा ने थाने में शिकायत भी दर्ज करवाई थी. इस मामले में नंदी को आईपीसी की धारा 147 और 323 में दोषी करार दिया गया और सजा सुनाई गई.
यूपी के प्रयागराज की प्रतापपुर सीट से सपा विधायक विजमा यादव को इसी साल दिनेश शुक्ला ने सजा सुनाई थी. विजमा को 22 साल पुराने मामले में डेढ़ साल की कैद और एक लाख रुपये जुर्माने की सजा सुनाई गई थी. मामले में 14 अन्य आरोपियों को आरोप मुक्त कर दिया गया था.

आजतक से जुड़े पंकज श्रीवास्तव की रिपोर्ट के मुताबिक ये मामला 21 सितंबर, 2000 का है. इस दिन दोपहर ढ़ाई बजे प्रयागराज के सराय इनायत इलाके में पुलिस पार्टी पर हमला हुआ था. इसमें कई पुलिसवालों को चोटें आई थीं. इसका आरोप विजमा यादव व अन्य पर लगा था.
क्यों हुआ था उमेश पाल का अपहरण?उमेश पाल 2005 में हुए राजूपाल हत्याकांड में मुख्य गवाह थे. कोर्ट का ये फैसला इसलिए काफी अहम माना जा रहा है, क्योंकि उमेश की 24 फरवरी 2023 को प्रयागराज में गोली मारकर हत्या कर दी गई. इस मामले में भी अतीक, उसका भाई अशरफ, बेटा असद समेत 10 लोग आरोपी थे. इससे पहले सोमवार, 28 मार्च को अतीक अहमद को गुजरात की साबरमती जेल से प्रयागराज लाया गया था. उसके भाई अशरफ को बरेली से प्रयागराज से और एक अन्य आरोपी फरहान को भी लाया गया था.
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