जुम्मे की नमाज़ के बाद लोग मक्का से निकल रहे थे. तभी ईरान से आए हज़ारों हाजियों ने माहौल गर्म कर दिया. चारों तरफ़ ‘अमेरिका मुर्दाबाद! सोवियत यूनियन मुर्दाबाद! इजरायल मुर्दाबाद!’ के नारे गूंजने लगे. लेकिन नारों की शक्ल में तैरते तीन देशों के नाम तक की बात ये थी नहीं. इस बार निशाने पर सऊदी सरकार भी थी. पुलिस हरकत में आई. ईरानी हाजियों को रोकने की कोशिश की. झड़प हो गई. 400 से ज्यादा लोग मारे गए, जिनमें आधे ईरानी थे. ये बात है 31 जुलाई 1987 की. यहीं से शुरू होता है वो टकराव, जिसने इस्लामी दुनिया को आज भी कुछ सवालों से घेर रखा है. जैसे कि ईरान और सऊदी अरब के बनते-बिगड़ते रिश्तों का इतिहास क्या है? इनके झगड़े कितने खुद के और कितने उधार के? ये शिया और सुन्नी का बैर क्या है? जानने के लिए देखें तारीख का ये एपिसोड.
तारीख: ईरान और सऊदी अरब के बीच की अदावत क्या है? क्या है शिया-सुन्नी का विवाद?
Saudi Arabia और Iran के बीच संबंध दशकों से तनावपूर्ण और जटिल रहे हैं. इनकी जड़ें धार्मिक, राजनीतिक और क्षेत्रीय प्रतिस्पर्धा में गहरी हैं.
Advertisement
Add Lallantop as a Trusted Source

Advertisement
Advertisement