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रेडबुल के वारिस को क़त्ल की सजा से बचाने के लिए सारे सबूत बदले!

8 साल पुराना मामला अभी क्यों सुर्ख़ियों में है?

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वोरायूथ पर हत्या का आरोप है और वह थाइलैंड में नहीं है. (फोटो: एपी)
आपने कभी रेड बुल का नाम सुना है? ये एक स्टील कैन में आने वाली एनर्जी ड्रिंक है. इसकी पंच लाइन है- रेड बुल गिव्स यू विंग्स. इसके विज्ञापनों की मानें तो वो भालू, ज़ेब्रा और मछली से लेकर इंसानों तक में पंख लगा देता है. आज आपको इसी अरबपति कंपनी के वारिस की कहानी सुनाएंगे. वो वारिस, जिसे उसके असल नाम से ज़्यादा लोग बॉस कहकर बुलाते हैं. सुनाएंगे 2012 की एक सुबह का क़िस्सा. जब शराब के नशे में धुत्त एक रईसजादे की गाड़ी में सचमुच के पंख निकल आए. उन पंखों ने किसी की जान ले ली. कहा गया कि जिसकी जान गई, वो ख़ुद ही मरने के लिए गाड़ी के आगे आ गया. क्या है ये मामला, विस्तार से बताएंगे आपको.
Red Bull Energy Drink
रेड बुल एनर्जी ड्रिंक. (एएफपी)

ये बात आठ बरस पुरानी है
तारीख़ थी- 3 सितंबर, 2012. जगह, थाइलैंड की राजधानी बैंकॉक. सुबह के पांच बजने वाले थे. रात का अंधेरा अभी पूरी तरह छंटा नहीं था. रात की ड्यूटी में तैनात पुलिस सार्जेंट विशेइन क्लानप्रासर्ट बाइक पर बैठकर एक वारदात का मुआयना करने जा रहे थे. एकाएक पीछे से आ रही एक काले रंग की फ़ेरारी सार्जेंट विशेइन की बाइक से टकराई. सार्जेंट विशेइन हवा में उछलते हुए सड़क पर गिर पड़े. उस ब्लैक फ़ेरारी के पहिये सार्जेंट विशेइन के शरीर को धकियाते हुए कई मीटर आगे तक ले गए. इसके बाद वो ब्लैक फ़ेरारी सार्जेंट विशेइन की लाश को सड़क पर छोड़कर अंधेरे में गायब हो गई.
Bangkok
थाइलैंड की राजधानी बैंकॉक. (गूगल मैप्स)

वारदात के कुछ ही देर बाद पुलिस मौके पर पहुंची. उन्होंने देखा, वहां सड़क पर तेल की एक लंबी लकीर बनी हुई है. पुलिस को लगा कि हो-न-हो, ये तेल उसी टक्कर मारने वाली कार से निकला है. उस लकीर का पीछा करते हुए पुलिस की टीम पहुंची एक आलीशान घर.
Wichian Klanprasert
पुलिस सार्जेंट विशेइन क्लानप्रासर्ट की आईडी.

जानते हैं, ये किसका घर था?
ये घर था थाइलैंड के सबसे अमीर, सबसे रसूख़दार परिवारों में से एक का. इस घर में रहता था चलेयाउ यूविथिया परिवार. चलेयाउ यूविथिया, जिन्होंने रेड बुल ड्रिंक बनाई थी. 1987 में ऑस्ट्रियन बिजनसमैन दित्रिख मातेस्तिज़ के साथ मिलकर यूविथिया ने इस ड्रिंक का इंटरनैशनल बिज़नस शुरू किया. एक बड़ा व्यावसायिक साम्राज्य बनाया. यूविथिया तो मार्च 2012 में गुज़र गए, मगर अपने 11 बच्चों के लिए अथाह दौलत छोड़ गए. इस दौलत में रेड बुल कंपनी के 49 पर्सेंट मालिकाना हक़ के अलावा अस्पताल, रियल एस्टेट, फ़ेरारी डीलरशिप और स्पोर्ट्स टीमें भी शामिल हैं.
Chaleo Yoovidhya And Dietrich Mateschitz
चलेयाउ यूविथिया और ऑस्ट्रियन बिजनसमैन दित्रिख मातेस्तिज़ ने मिलकर रेड बुल का बिज़नस शुरू किया था. (फोटो: एएफपी)

फिर लौटते हैं ऐक्सिडेंट पर. हमने आपको बताया कि तेल की लकीर का पीछा करते हुए पुलिस यूविथिया फैमिली के घर पहुंची. पुलिस ने फ़ौरन सर्च वारंट मंगवाया और घर में घुस गए. वहां गराज़ में उन्हें दिखी एक ब्लैक फ़ेरारी. इसके आगे का हिस्सा बिल्कुल पिचका हुआ था. एयरबैग खुले हुए थे. देखकर लग रहा था कि गाड़ी कहीं बुरी तरह ठोकी गई है.
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गराज़ में खड़ी ब्लैक फ़ेरारी, जिससे एक्सीडेंट हुआ था. (एपी)

वोरायूथ ने विशेइन को उड़ाने की बात कबूल ली?
पुलिस ने गाड़ी के रजिस्ट्रेशन प्लेट से मालिक का नाम निकलवाया. पता चला, ये कार चलेयाउ यूविथिया के पोते वोरायूथ की है. वोरायूथ के पिता का नाम है चालेरम यूविथिया. जिन्हें अपने पिता की मौत के बाद उनके कारोबार का सबसे बड़ा हिस्सा मिला. फोर्ब्स के मुताबिक, चालेरम थाइलैंड के दूसरे सबसे बड़े अमीर हैं. उनके पास अनुमानित संपत्ति है करीब एक लाख पचास हज़ार करोड़ रुपये. चालेरम के तीन बच्चे हैं. इन्हीं तीनों में से एक है वोरायूथ उर्फ़ बॉस, जिसके नाम पर वो ब्लैक फ़ेरारी रजिस्टर्ड थी.
पुलिस ने यूविथिया परिवार से पूछताछ की. उन्होंने कहा, ऐक्सिडेंट के समय वोरायूथ नहीं, कोई और गाड़ी चला रहा था. परिवार ने एक आदमी को भी खड़ा कर दिया सामने. उसने भी ऐक्सिडेंट के वक़्त गाड़ी चलाने की बात कबूली. पुलिस को शक़ था कि ये बयान झूठा है. वो वोरायूथ को पुलिस स्टेशन ले गए. पूछताछ के दौरान नशे में धुत्त वोरायूथ ने पुलिस सार्जेंट विशेइन को उड़ाने की बात कबूल ली.
पुलिस ने उस पर हिट ऐंड रन समेत कई केस दर्ज़ किए. वोरायूथ को बचाने के लिए झूठी गवाही देने वाले पर भी जुर्माना लगा. पुलिस के मुताबिक, हादसे के समय न केवल वोरायूथ ने जमकर शराब पी हुई थी. बल्कि वो 177 किलोमीटर प्रति घंटे की रफ़्तार से कार चला रहा था. जानते हैं, थाइलैंड में स्पीड लिमिट क्या है? 80 किलोमीटर प्रति घंटा. इधर केस दर्ज़ हुआ, उधर वोरायूथ को जमानत भी मिल गई.
Vorayuth Yoovidhya Case
वोरायूथ ने विशेइन को उड़ाने की बात कबूल ली थी. (फोटो: एपी)

इसके बाद शुरू हुआ कोर्ट केस
इसके लिए ज़रूरी था कि वोरायूथ अदालत में पेश हो. मगर वो आता ही नहीं था. कभी उसके वकील कहते कि वोरायूथ बीमार है. कभी बोलते, बिज़नस के काम से बाहर गया है. तारीख़ें बीतती गईं और अदालतें सब्र दिखाती रहीं. कोर्ट के इस असाधारण संयम पर सवाल खड़े होने लगे. थाइलैंड की जनता ने कहा कि क्या कोर्ट किसी आम आदमी के साथ भी इतनी ही उदारता दिखाता?
इस उदारता के अलावा भी सिस्टम में नीचे-नीचे बहुत कुछ चल रहा था. केस से जुड़े अहम फैक्ट्स बदले जा रहे थे. मसलन, ऐक्सिडेंट के बाद पुलिस ने कहा था कि वोरायूथ की गाड़ी 177 किलोमीटर की स्पीड में थी. 2016 में आकर पुलिस के फॉरेंसिक एक्सपर्ट ने ये तथ्य पलट दिया. कहा, ऐक्सिडेंट के वक़्त वोरायूथ की गाड़ी बस 79 की स्पीड में थी.
फैक्ट्स में लाई जा रही ये तब्दीलियां वोरायूथ को बचाने की कोशिश मानी गईं. थाइलैंड में ख़ूब हंगामा हुआ इसपर. दबाव में आकर ऐक्सिडेंट के पांच साल बाद अप्रैल 2017 में वोरायूथ के खिलाफ़ अरेस्ट वारंट जारी किया गया. मगर इस वक़्त तक वोरायूथ देश छोड़कर भाग चुका था. वो कहां है, ये जानकारी किसी के पास नहीं थी. उस भगोड़े को पकड़ने के लिए इंटरपोल वारंट भी जारी किया. मगर इससे भी कुछ हाथ नहीं लगा.
फिर आया 2019 का साल
इस बरस अचानक से दो चश्मदीद प्रकट हुए. उन्होंने कहा कि वारदात के समय पर वो घटनास्थल पर मौजूद थे. इन दोनों के मुताबिक, घटना के समय वोरायूथ की फ़ेरारी बमुश्किल 50-60 किलोमीटर घंटे की स्पीड में थी. इन दोनों गवाहों में से एक का नाम था- जारुचार्ट मार्दथोंग. उसने कहा कि वो वारदात वाली रात अपने ट्रक से कहीं जा रहा था. उसने देखा कि सार्जेंट विशेइन ने तेज़ी से एक कट लिया और उनकी बाइक फ़ेरारी से जाकर भिड़ गई.
वोरायूथ मज़े से विदेश में कहीं बैठा था. और उसके पीछे थाइलैंड में ये सारा तमाशा हो रहा था. इसी तमाशे का अगला बड़ा अंक खेला गया 23 जुलाई, 2020 को. इस दिन थाइलैंड के अटॉर्नी जनरल ऑफिस से ख़बर आई. पता चला कि वोरायूथ पर दर्ज़ केस वापस ले लिए गए हैं. इस ऐलान से एक बार फिर थाइलैंड में हल्ला मचा. जनता ने कहा, थाइलैंड में रईसों और गरीबों के लिए दो अलग-अलग जस्टिस सिस्टम है. नाराज़ जनता में रेड बुल उत्पादों के बहिष्कार की भी मांग उठी. इस मामले ने इतना तूल पकड़ा कि इसकी गूंज संसद तक पहुंची. 29 जुलाई को प्रधानमंत्री प्रायूथ चान-ओचा का भी बयान आया इसपर. उन्होंने वोरायूथ पर लगे आरोप हटाने की तफ़्तीश के लिए एक जांच समिति बनाने का ऐलान किया.
Prayut Chan O Cha
थाइलैंड के प्रधानमंत्री प्रायूथ चान-ओचा (फोटो: एएफपी)

मगर इससे पहले कि आगे कुछ हो पाता, उन दो रहस्यमय चश्मदीदों में से एक- जारुचार्ट मार्दथोंग की ख़बर आई. पता चला कि 30 जुलाई को मार्दथोंग का एक रोड ऐक्सिडेंट हुआ. CCTV फुटेज में दिखा कि मार्दथोंग एक खाली सड़क पर बाइक से जा रहा है. एकाएक उसकी बाइक बराबर में चल रही एक दूसरी बाइक से टकराई. इस हादसे में दूसरा बाइक सवार तो बच गया, मगर मार्दथोंग की मौत हो गई.
मार्दथोंग की मौत दुर्घटना थी या हत्या?
क्या जांच समिति बनने के अगले ही दिन हुई उसकी मौत केवल संयोग थी? अगर ऐसा है, तो ऐक्सिडेंट के बाद उसका मोबाइल किसने और क्यों गायब किया? क्या मार्दथोंग सच में चश्मदीद था? या उसने किसी के कहने पर वोरायूथ को बचाने के लिए झूठी गवाही दी थी? उसी आदमी की तरह, जिसने वारदात के समय वोरायूथ की गाड़ी चलाने का दावा किया था. क्या झूठी गवाही की पोल खुलने के डर से उसे हमेशा के लिए ठिकाने लगा दिया गया? मार्दथोंग की एकाएक हुई मौत पर ऐसे कई सवाल उठ रहे हैं थाइलैंड में.
Jaruchart Mardthong
चश्मदीद जारुचार्ट मार्दथोंग रोड ऐक्सिडेंट में मारे गए.

इन्हीं सवालों के बीच 4 अगस्त को एक और बड़ा ट्विस्ट आया
इस दिन PM द्वारा गठित जांच समिति ने बताया कि उन्हें कुछ नए सबूत मिले हैं. कन्फर्म हुआ है कि वारदात के समय वोरायूथ की फ़ेरारी 177 किलोमीटर की ही स्पीड में थी. न कि 79 किलोमीटर की स्पीड में.
कहां से आई ये कन्फर्मेशन? ये आई एक फिज़िक्स प्रफेसर के हवाले से. ये प्रफेसर वारदात के बाद बनाई गई ऑरिजनल जांच टीम का हिस्सा थे. सबसे पहले उन्होंने ही मौके पर लगे CCTV कैमरों की फुटेज का मुआयना किया और 177 किलोमीटर वाली बात कही. मगर उनकी ये रिपोर्ट बाद में केस फाइल से हटा दी गई. जांच समिति ने इस फैक्ट को गंभीरता से लिया और दोबारा जांच शुरू करने की सिफारिश की. पुलिस से ड्रग्स के ऐंगल पर भी फ़ोकस करने को कहा गया. ऐसा इसलिए कि घटना की सुबह वोरायूथ के ब्लड टेस्ट में ड्रग्स के अंश पाए गए थे. जांच समिति की इस सिफ़ारिश के बाद 10 अगस्त को अटॉर्नी जनरल ऑफिस का बयान आया. उन्होंने 20 अगस्त तक पुलिस से रिपोर्ट जमा करने को कहा है. पब्लिक प्रेशर के कारण जांच में चुस्ती आई है. मगर अब भी एक बड़ा सवाल है कि क्या वोरायूथ को थाइलैंड वापस लाया जा सकेगा? क्या उसको अदालत के कटघरे में खड़ा किया जा सकेगा?


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