2 मई 2011. इस दिन दुनिया में एक बड़ी घटना होने वाली थी. अमरीका के वाशिंगटन में मौजूद व्हाइट हाउस में दोपहर के वक्त बहुत सारे अधिकारी जमा होने लगे थे. राष्ट्रपति, उपराष्ट्रपति, रक्षा सचिव और सेना प्रमुख. सब एक बड़ी स्क्रीन के सामने बैठे थे. बड़ी स्क्रीन पर लाइव फ़ीड आ रही थी सीधे अफगानिस्तान के जलालाबाद में मौजूद अमरीका के एक बेस से. यहां पर नेवी सील कमांडो की एक टीम तैयार हो रही थी, जो पाकिस्तान में मौजूद ऐबटाबाद में जाने वाली थी रात के अंधेरे में.
साढ़े 3 घंटे का ऑपरेशन, एक गोली सिर में, एक सीने में... ऐसे मरा ओसामा बिन लादेन
1 अगस्त को मरा अल-जवाहिरी कभी ओसामा का डॉक्टर था, मौत के बाद बना था अल कायदा का सरगना!

बिन लादेन की मौत होने वाली थी.
स्थानीय समय के हिसाब से रात 11 बजे दो ब्लैकहॉक हेलीकॉप्टर ने जलालाबाद बेस से उड़ान भरी. ये हेलीकॉप्टर ऐसे बनाए गए थे, ताकि इन्हें रडार पर स्पॉट न किया जा सके. ये जमीन से कुछ सौ फुट की ऊंचाई पर ही उड़ रहे थे.
कुछ देर उड़ने के बाद ये हेलीकॉप्टर पाकिस्तान की सीमा में घुसे और कुल डेढ़ घंटे की उड़ान भरने के बाद पाकिस्तान के ऐबटाबाद में मौजूद एक बड़े से कंपाउंड में उतरने की कोशिश करने लगे. ध्यान रहे कि ये कंपाउंड इतना बड़ा था कि दो हेलीकॉप्टर उतरने की कोशिश कर रहे थे. एक हेलीकॉप्टर की पूंछ चारों ओर मौजूद कंक्रीट की चारदीवारी से टकरा गई. बैलेंस बिगड़ा. हेलीकॉप्टर ने क्रैश लैंडिंग की. दूसरे हेलीकॉप्टर ने सेफ़्टी के साथ अहाते के बाहर खेत में लैंड किया. इन सबसे बहुत ऊपर एक ड्रोन हवा में उड़ रहा था. व्हाइट हाउस में ये सीन देखा जा रहा था.

अहाते में बना हुआ था एक मकान. खिड़कियां नहीं थी. कठोर कंक्रीट का बना हुआ और दरवाजे लोहे के थे. मकान की छत और अहाते में कोई बिना सिर ढंके बाहर नहीं आता था. मकान का कूड़ा मकान के अंदर ही जला दिया जाता था. इस मकान में एक आदमी रहता था, जो एक बड़ी सी हैट पहनकर ही कंपाउंड में आता था. ये जासूसी ड्रोन कैमरों से अपनी पहचान छिपाता था. ये बिन लादेन था.
दूसरी ओर पाकिस्तान की सरकार में किसी को इस ऑपरेशन की जानकारी नहीं थी. स्थिति बिगड़ सकती थी. ये भी खतरा था कि पाकिस्तानी सेना अगर कार्रवाई करेगी तो लादेन को मारने गए कमांडो जत्थे को पाकिस्तानी सेना का सामना भी करना पड़ता. हेलीकॉप्टर लैंड करने के साथ ही कंपाउंड के चारों ओर मौजूद लोग जागने लगे थे. देखने लगे थे कि हो क्या रहा है? कुछ लोगों ने पुलिस कंट्रोल रूम फोन भी कर दिया था. ऑपरेशन की साइट पर भीड़ जुटने लगी थी. कमांडो दस्ते का काम था जल्द से जल्द ऑपरेशन खत्म करना.
कमांडो की एक टीम घर में दाखिल हुई. ग्राउंड फ्लोर पर कुछ हथियारबंद पुरुषों से टीम का सामना हुआ. उन्हें गोली मार दी गई. दूसरे और तीसरे फ्लोर पर लादेन और उसका परिवार रहता था. जब टीम का एक दस्ता तीसरे फ्लोर की एक सीढ़ियों तक पहुंचा, तो लादेन वापिस अपने कमरे में भागा. एक नेवी सील कमांडो ने उसे देख लिया था. लेकिन कमरे में जाते हुए लोहे का दरवाजा बंद नहीं कर पाया. 2-4 सेकंड के गैप में कमांडो लादेन के कमरे में पहुंच गए. अंदर पहुंचने के पहले वो फुसफुसाकर उसका नाम भी ले रहे थे. लादेन के साथ कमरे में उसकी पत्नी भी मौजूद थी. पत्नी लादेन के सामने खड़ी हो गई. पैर में गोली मार दी गई. इसके बाद लादेन को गोली मार दी गई. एक सीने और एक सिर में.
लादेन मारा जा चुका था.

हजारों किलोमीटर दूर व्हाइट हाउस में ये ऑपरेशन देखा जा रहा था. मौत की पुष्टि करनी थी. पुष्टि हुई. सभी के कानों में एक आवाज आई - जेरोनीमो. ये कोड था कि ऑपरेशन सफल हुआ.
कमांडो की टीम ने एक कमरे से कंप्यूटर, हार्डडिस्क, कागज वगैरह जब्त किये. एक बॉडीबैग में लादेन की लाश को बंद किया. सीढ़ियों से घसीटते हुए नीचे लाए. बाहर जिस हेलीकॉप्टर की क्रैश लैंडिंग हुई थी, उसे बम लगाकर नष्ट किया और एक हेलीकॉप्टर में बैठकर सभी वापिस जलालाबाद चले गए.
जलालाबाद से उड़ने के साढ़े 3 घंटे के बाद सभी वापिस जलालाबाद में थे.
और साथ में थी दुनिया के सबसे खूंखार आतंकी ओसामा बिन लादेन की लाश.
वीडियो : अंग्रेजों के राजकुमार ने बिन लादेन के पैसे खाए?