आदरणीय सर,
मैं आपका ध्यान एक बड़े वित्तीय घोटाले की तरफ आकर्षित करना चाहता हूं. ये घोटाला बैंगलोर के किंगफिशर ग्रुप के मालिक विजय माल्या, कोलकाता के सहारा ग्रुप के मालिक सुब्रत रॉय और हैदराबाद के सत्यम ग्रुप के मालिक रामालिंगा राजू की ही तरह का है. ये घोटाला मुंबई स्थित एक कंपनी या एक शख्स की ओर से किया गया है, जिसमें भारतीय लोगों के 1000 करोड़ रुपये का नुकसान हुआ है और ये अब भी चल रहा है. इस घोटाले को करने वाले का नाम है मेहुल सी चौकसी, जो गीतांजलि जेम्स लिमिटेड का चेयरमैन और मैनेजिंग डायरेक्टर है. इसका दफ्तर A-1, 7वीं मंजिल, लक्ष्मी टावर, बांद्रा-कुर्ला कॉम्प्लेक्स, बांद्रा पूर्वी मुंबई में है. इस कंपनी ने कई वित्तीय अनियमितताएं की हैं, लेकिन अब तक इस कंपनी के खिलाफ कोई ऐक्शन नहीं लिया गया है. इस कंपनी ने कई दूसरी छोटी कंपनियों के जरिए भारत के 1000 करोड़ रुपये बेईमानी ने निकाल लिए और उन्हें देश के बाहर भेज दिया गया. इसके सबूत इस मेल के साथ अटैच है. इसलिए इस मामले को देखिए और जल्दी से जल्दी कार्रवाई करिए ताकि वो किंगफिशर के मालिक विजय माल्या की तरह भारत से बाहर न भाग पाए.
शुक्रिया. हरि प्रसाद 26 जुलाई 2016
29 जुलाई 2016 को हरि प्रसाद ने प्रधानमंत्री ऑफिस को एक बार फिर से मेल किया. इस मेल में पुराने वाले मेल का जिक्र करते हुए पूछा गया था कि वो जानना चाहते हैं कि इस मामले में अभी तक क्या किया गया. इस मामले में तत्काल ऐक्शन जरूरी है, ताकि किंगफिशर के मालिक विजय माल्या की तरह फरार होने से पहले पकड़ा जाए. इस पर जितनी जल्दी हो, ऐक्शन लिया जाए.

मेहुल चौकसी के गीतांजली स्टोर में बड़े-बड़े सितारों का जमावड़ा लगता था. (फोटो : fashionlingua.blogspot.in)
डेढ़ साल से भी ज्यादा का वक्त बीत गया. हरि प्रसाद की बात पर किसी ने ध्यान नहीं दिया और इसका नतीजा ये हुआ कि मेहुल चौकसी देश से फरार हो गया.
हरि प्रसाद के मुताबिक-
'29 जुलाई 2016 को मेरा पत्र महाराष्ट्र में रजिस्ट्रार ऑफ कंपनीज को भेज दिया गया. मैं इस पत्र को फिर से पीएमओ को भेज सकता था, लेकिन वो ऐसा मामला ही नहीं था. अगले दो या तीन महीने के बाद मुझे रजिस्ट्रार ऑफ कंपनीज की ओर से बताया गया कि मेरा केस बंद कर दिया गया है. मेरा इस सिस्टम से विश्वास उठ गया. इसके बाद मैंने कोशिश करनी बंद कर दी.'लेकिन कहानी यही खत्म नहीं हुई. हरिप्रसाद ने अपनी लड़ाई जारी रखी. इस लड़ाई की शुरुआत करने वाले हरि प्रसाद खुद एक जूलर हैं. बैंगलोर में वो जूलरी कंपनी गीतांजलि जेम्स की फ्रेंचाइजी के मालिक थे. ये वही गीतांजलि जेम्स है, जिसके मालिक के तौर पर मेहुल चौकसी का नाम दर्ज है. पीएमओ को पत्र लिखने और कोई ऐक्शन नहीं लेने से नाराज हरिप्रसाद एक दिन बैंगलोर के सेंट्रल पुलिस स्टेशन पहुंचे. वहां उन्होंने आरोप लगाया कि मेहुल चौकसी ने धोखे से उनसे 10 करोड़ रुपये हड़प लिए हैं. हरिप्रसाद ने बताया कि गीतांजलि जेम्स की फ्रेंचाइजी लेने के लिए 10 करोड़ रुपये लगाए थे. मेहुल चौकसी ने उनसे कहा था कि इसके एवज में उन्हें हर महीने 5.5 लाख रुपये का महीना किराया और साथ ही उनके निवेश के लिए 10 लाख रुपये यानि कुल 15.5 लाख रुपये महीने के मिलेंगे. लेकिन मेहुल ने कोई पैसे नहीं दिए. पुलिस ने केस दर्ज कर लिया, जिसके बाद ये पूरा केस सीबीआई तक पहुंच गया.

हरि प्रसाद एसवी बैंगलोर में डायमंड कारोबारी हैं, जो मेहुल चौकसी के साथ बिजनेस डील कर रहे थे.
हरि प्रसाद ने इंडिया टुडे से बातचीत करते हुए कहा-
'अगर आप मेरी शिकायत पढ़ते हैं तो आपको पता चलेगा कि मैंने लिखा था कि ये विजय माल्या पार्ट 2 हो सकता है. जब रजिस्ट्रार ऑफ कंपनीज के पास मेरा पत्र भेजा गया, तो उन्होंने कोई कार्रवाई की. इसमें ऐसा लगता है कि मेहुल चौकसी ने रजिस्ट्रार ऑफ कंपनीज के भी कुछ अधिकारियों के साथ मिलीभगत की थी, जिसकी वजह से कोई ऐक्शन नहीं लिया गया. 'अब जब सीबीआई नीरव मोदी के साथ ही मेहुल चौकसी को भी 11345 करोड़ रुपये के घोटाले में आरोपी बना चुकी है, हरि प्रसाद ने अपनी जान का खतरा बताया है. उन्होंने कहा-
'ये बहुत ही प्रभावशाली लोग हैं, जो केस को खारिज करवा सकते हैं. मैनें कई बार इसकी शिकायत की थी और अब यह लोगों को भी पता चल चुका है. मेरा लिखा हुआ पत्र लोगों के सामने है. इसलिए मुझे अब डर लग रहा है. '

हरि प्रसाद के जैसे न जाने कितने ही और लोग हैं, जो नीरव मोदी और मेहुल चौकसी के फ्रॉड का शिकार हुए हैं. खुद पीएनबी ने देश के 30 बैंकों को पत्र लिखकर कहा है-
'जैसे-जैसे फर्जी लेटर ऑफ अंडरटेकिंग (LoU) के सहारे किए गए इस घोटाले की मॉडस ऑपरेंडी की पड़ताल कर रही है, कई खामियां पता चल रही हैं.'इस पत्र में कहा गया है कि इसके बारे में सभी बैंकों को बताया जाएगा, ताकि वे भी अपने यहां ऐसे किसी भी संदिग्ध लेन-देन की जांच कर सके. ऐसे घोटाले की सही रकम का अंदाजा पीएनबी समेत 30 अन्य बैंकों की जांच के बाद ही पता चल सकेगा. वहीं जांच एजेंसियां अब नीरव मोदी और मेहुल चौकसी का पासपोर्ट रद करने की कोशिश में लगी हैं. वहीं सीबीआई और ईडी ने नीरव मोदी और मेहुल चौकसी की कंपनियों और उनकी संपत्तियों को जब्त कर करीब 5500 करोड़ रुपये की रकम जुटा ली है.
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