बचपन में एक खेल खेला करते थे. एक लड़का अपनी कानी उंगली उठाकर कहता, 'ये पंकज है'. फिर उंगली नीचे की ओर मोड़कर पूछता, 'अब बताओ ये कौन है?' सब चुप रहते. तो लड़का बोलता ये पंकज 'उदास' हो गया है. नॉट फनी. आइ नो. मगर बात ये है कि पंकज उदास हमारे बचपन की हॉट थिंग हुआ करते थे. फॉरेन लोकेशन वाले वीडियो और हल्की आवाज वाले मीठे गाने. इसलिए जुबान पर चढ़ जाते थे.
बचपन से इनके वीडियो ख़ूब देखे. 'चांदी जैसा रंग है तेरा' हो, या 'चुपके चुपके सखियों से', लड़कपन में लगता यही लव लाइफ होती है. एक लड़की सामने आएगी, हवा चलेगी, टकराएगी, पानी पिएगी और मैं उसकी नर्म, लंबी उंगलियों को घूरता रहूंगा. फॉरेन लोकेशन में शूट हुए ये गीत बचपन में दिमाग में खुद को ऐसा उकेर गए, कि भले ही कभी मैं पंकज उधास का फैन नहीं रहा, मगर गीत रटे रहे.
बाद में पता चला कि पंकज उधास की लव लाइफ भी उन वीडियोज की तरह निकली. बात 70 के दशक की है,जब पंकज ने अपने पड़ोसी के घर में फरीदा को देखा था. और देखते ही वे उनके हो बैठे थे. पड़ोसी ने ही पंकज और फरीदा की मुलाकात करवाई थी. इस वक्त पंकज ग्रैजुएशन की पढ़ाई कर रहे थे और फरीदा एयर होस्टेस थीं. इसी दौरान दोनों में दोस्ती हुई. और दोनों डेट करने लगे. दोनों अलग-अलग महजब के थे. लेकिन दोनों की चाहत थी कि शादी परिवार के आशीर्वाद से करें. इस पर पंकज की फैमिली का रिएक्शन पॉजिटिव था. लेकिन फरीदा चूंकि पारसी समाज से थीं, इसलिए उनके पेरेंट्स को ऑब्जेक्शन था. इसकी वजह ये थी कि उनकी कम्युनिटी में जाति से बाहर शादी करने पर पांबदी थी. इस वजह से पंकज और फरीदा ने तय किया कि शादी तभी करेंगे, जब दोनों के माता-पिता का आशीर्वाद मिलेगा.
तीन एल्बम लॉन्च होने के बाद जब पंकज गायकी की दुनिया में प्रसिद्ध हो गए तो उन्होंने फरीदा के पापा से मिलने के बारे में सोचा. वो फरीदा के साथ उनके पापा से मिलने गए. जो रिटायर्ड पुलिस ऑफिसर थे. पंकज ने एक इंटरव्यू में बताया था कि जब वे फरीदा के पिता से मिलने गए तो बेहद नर्वस थे. इस मुलाकात के दौरान फरीदा के पिता ने उनसे कहा, 'अगर आप दोनों को ऐसा लगता है कि आप एक-साथ खुश रह पाएंगे, तो आगे बढ़ें और शादी करें.' परिवार की परमिशन के बाद पंकज और फरीदा ने 11 फरवरी, 1982 को शादी की. यानी तीन साल की डेटिंग के बाद दोनों ने शादी की.
कुछ और किस्से
पहली परफॉर्मेंस पर मिले थे 51 रूपये 1962 में जब इंडिया और चीन के बीच जंग छिड़ी हुई थी, पंकज को एक स्टेज प्रोग्राम गाने का मौका मिला. 11 साल के पंकज ने 'ए मेरे वतन के लोगों' गाया था. इसे सुनकर लोग सेंटी हो गए. इस गाने के बदले ऑडियंस में से किसी ने इनाम के तौर पर उन्हें 51 रुपए दिए थे.
ये गज़ल सुनकर रो पड़े थे राज कपूर किस्सा 'चिट्ठी आई है' गाने की रिलीज के पहले का है. जब यह गाना तैयार हुआ, तब एक दिन किसी दोस्त ने राज कपूर को डिनर पर घर बुलाया. और पंकज उधास का यही गाना लगा दिया. राज कपूर की आंखों में आंसू आ गए. उन्होंने कहा, 'यह गाना कोई नहीं भूल पाएगा.'
अमेरिका में टैक्सी वाले ने नहीं लिए पैसे एक बार न्यूयॉर्क के स्टेज प्रोग्राम के लिए महशूर जगह मैडिसन स्क्वेर में इनका स्टेज प्रोग्राम था. इसके बाद एयरपोर्ट जाने के लिए टैक्सी ली. पंकज ने टैक्सी वाले से गाड़ी थोड़ी तेज चलाने को कहा तो ड्राइवर ने पलटकर पंकज की ही गजल की लाइन गुनगुना दी, 'जरा आहिस्ता चल.' तो पंकज ने कहा, 'भाई लगते तो गोरे हो, हिंदी जानते हो?' उसने बताया कि वह अफगानी है. और उनका फैन है. रात भर गजल सुनने के लिए टैक्सी लगाकर बैठा रहा. एयरपोर्ट छोड़कर वह गले मिला और टैक्सी का किराया भी नहीं लिया.
ये स्टोरी दी लल्लनटॉप के साथ इंटर्नशिप कर रहे अशोक ने की है.