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'ईरान परमाणु बम बनाने ही वाला है', नेतन्याहू 30 साल से यही बोल रहे हैं, सियासत चमक रही है

30 साल से ज्यादा वक्त बीत गया है जब पहली बार Netanyahu ने कहा था कि Iran कुछ ही सालों में परमाणु हथियार बना लेगा.

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नेतन्याहू 30 साल से ज्यादा समय से लगातार दावा कर रहे हैं कि ईरान परमाणु बम बनाने के बहुत करीब है. (तस्वीर: AP))

'इजरायल को जिस देश से भी खतरा है, वो देश परमाणु हथियार नहीं बना सकते.' ऐसा इजरायल का मानना है. अमेरिका ने ईरान के न्यूक्लियर प्रोग्राम को लेकर उनसे समझौता करना चाहा. बातचीत के असफल होने के बाद इजरायल ने आंतरिक संकट का हवाला दिया. इसी दावे के आधार पर उसने ईरान पर हमला (Israel Iran Struggle) भी किया है कि ईरान परमाणु हथियार बनाने के बहुत करीब है. लेकिन कितना करीब है? एक साल, दो साल, पांच साल या बीस साल?

‘ईरान को बस तीन से पांच साल लगेंगे’

इजरायल के प्रधानमंत्री बेंजामिन नेतन्याहू पिछले तीन दशक से ज्यादा समय से अपने इस दावे को दोहरा रहे हैं. साल 1992 में जब वो इजरायल की संसद (नेसेट) में पहुंचे, तो उन्होंने दावा किया कि ईरान बस कुछ ही साल में परमाणु बम बना लेगा. उन्होंने कहा,

हम मान सकते हैं कि तीन से पांच साल के भीतर, ईरान परमाणु बम बना लेगा और वो अपने दम पर अपनी क्षमता बढ़ाने के काबिल हो जाएगा. 

नेतन्याहू के इस दावे के अनुसार, 1995 से 1998 तक ईरान एक न्यूक्लियर देश होता. 1995 में नेतन्याहू ने अपनी किताब ‘फाइटिंग टेररिज्म’ में इस दावे को फिर से दोहराया. 

‘सिर्फ एक या दो साल में ईरान न्यूक्लियर पावर होगा’

न्यूक्लियर प्रोग्राम के मामले में नेतन्याहू, अमेरिका के संपर्क में रहे हैं और उसी के जरिए ईरान को नियंत्रित करने की कोशिश भी की है. 2002 में, उन्होंने एक अमेरिकी कांग्रेस समिति से मुलाकात की और इराक पर हमला करने की मांग की. इस समय उन्होंने ईरान का भी जिक्र किया. उन्होंने कहा कि इराक और ईरान दोनों परमाणु हथियार बनाने की होड़ में हैं. इसके बाद 2003 में अमेरिका ने इराक पर हमला किया. लेकिन इराक के पास कोई ऐसा हथियार नहीं मिला जो सामूहिक विनाश के लिए इस्तेमाल किया जा सके.

अलजजीरा की रिपोर्ट के मुताबिक, 2009 में अंतरराष्ट्रीय संगठन विकीलीक्स ने अमेरिकी विदेश विभाग का दस्तावेज जारी किया. इससे पता चला कि नेतन्याहू ने अमेरिकी कांग्रेस कमेटी से कहा था कि ईरान सिर्फ एक या दो साल में न्यूक्लियर पावर हो जाएगा. 

'अगले वसंत या गर्मियों तक पक्का…'

तीन साल बाद 2012 में, संयुक्त राष्ट्र महासभा में नेतन्याहू ने फिर से अपने दावों पर जोर दिया. इसके लिए उन्होंने वहां एक पोस्टर दिखाया जिसमें बम बनने की प्रक्रिया में हुई प्रोग्रेस को दिखाया गया था. उन्होंने कहा, 

अगले वसंत तक या ज्यादा से ज्यादा अगली गर्मियों तक, वो (ईरान) मध्यम स्तर का संवर्धन (enrichment) पूरा कर लेंगे और अंतिम चरण की ओर बढ़ेंगे.

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संयुक्त राष्ट्र महासभा में तस्वीर दिखाते नेतन्याहू. (तस्वीर: AP, 27 सितंबर 2012)

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'ईरान बहुत जल्दी बना लेगा परमाणु बम'

नेतन्याहू ने जब पहली बार कहा कि ईरान परमाणु हथियार बनाने के करीब है, तब से अब तक 30 साल से ज्यादा समय बीत चुका है. अब भी उनका यही कहना है कि खतरा अभी बना हुआ है. हाल ही में उन्होंने कहा,

अगर रोका नहीं गया, तो ईरान बहुत कम समय में परमाणु हथियार बना सकता है. ये समय कुछ महीनों का या कुछ हफ्तों तक का भी हो सकता है.

न्यूज एजेंसी AP के अनुसार, इसी साल अमेरिका की राष्ट्रीय खुफिया निदेशक तुलसी गबार्ड ने वहां की संसद को बताया कि ईरान कोई परमाणु हथियार नहीं बना रहा है. ये बात और है कि राष्ट्रपति डॉनल्ड ट्रंप ने इस जानकारी को खारिज कर दिया.

आंतरिक खतरा या विरासत का चक्कर?

इस बीच सवाल ये भी उठता है कि नेतन्याहू आखिर ईरान में हासिल क्या करना चाहते हैं. इसका जवाब उनके एक हालिया बयान में है. फॉक्स न्यूज के साथ इंटरव्यू में उन्होंने कहा कि इजरायल अपने सैन्य हमलों से ईरान का न्यूक्लियर प्रोग्राम तो खत्म करेगा ही, साथ ही सत्ता परिवर्तन भी करेगा. 

जानकार इस बारे में बताते हैं कि ईरान के जरिए नेतन्याहू अपनी विरासत स्थापित करना चाहते हैं. दूसरे शत्रु देशों में उनको वो हासिल नहीं होगा जो हजारों किलोमीटर दूर बैठकर ईरान की सत्ता पलटने से हासिल होगा.

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