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जब स्पेस में पीरियड्स होते हैं, तब क्या होता होगा?

ये सवाल आपके दिमाग में भी कभी आया? ऐसे ही और सवाल हैं, जवाब यहां जान लीजिए.

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Source- Reuters
औरतों के पीरियड्स को हमेशा से बड़ा संवेदनशील मसला समझा गया. चूंकि कभी पुरुष उस अनुभव से गुजरते नहीं तो उनके लिए इसकी गंभीरता का अहसास होना और भी मुश्किल है. वो देखे हैं न? 'मेंस वर्ल्ड' वेब सीरीज के वो एपिसोड, जिनमें आदमियों के औरत हो जाने पर एक लड़के को जब रोड पर ही पीरियड्स हो जाते हैं तो उसकी क्या हालत होती है?
साधारण समय में पीरियड्स से निपटना इतना मुश्किल है तो जरा सोचो स्पेस यानी अंतरिक्ष में जाने वाली महिला अंतरिक्ष यात्री इससे कैसे निपटती होंगी? CNN वालों ने गायकनोलॉजिस्ट और रिसर्चर से बात की. ये जवाब सामने आए. पहले पहल दिमाग में आता है कि अंतरिक्ष में गुरुत्वाकर्षण न होने के कारण उनके सामने परेशानियां जरूर आती होंगी. जवाब जान लीजिए.

1. सारे शरीर पर अंतरिक्ष में रहने के दौरान फर्क आता है. तो जरूर इसका असर औरतों के मेंस्टुरल पीरियड पर भी पड़ता होगा.

ये बात गलत है सारे फर्क आने के बावजूद भी पीरियड्स पर कोई असर नहीं होता. और यदि महिला की तबियत ठीक है तो पीरियड्स अपने फिक्स डेट पर ही आते हैं.


2. तब तो स्पेस में जाने वाली औरतें अपने साथ बहुत सारे सैनिटरी पैड्स ले जाती होंगीं.

नहीं अक्सर औरतें अपने साथ दवाइयां ले जाती हैं. जिन्हें खा लेने से उनके पीरियड होते ही नहीं.


3. क्या ये दवाइयां खाना हर स्पेस में जाने वाली औरत के लिए जरूरी होता है?

बिल्कुल नहीं, दरअसल एक डॉक्टर्स की टीम भी उनके साथ मिशन पर जाती है. जो उन्हें इसकी हिदायत देती है. जिसे अगर वो न मानना चाहें तो सैनेटरी पैड्स से भी काम चला सकती हैं.


4. ग्रेविटी न होने के कारण ब्लड क्लॉट बन जाते होंगे. इसलिए पीरियड्स के वक्त स्पेस में नहीं रहा जा सकता.

ये बात भी गलत है और ऐसा कुछ नहीं होता. आम पीरियड्स के जैसे इससे भी सैनिटरी पैड्स या टैम्पोंस के सहारे निपटा जा सकता है. टैम्पोन एक रुई जैसे हल्के मैटेरियल का बना एक प्लग होता है जिसे औरतें पीरियड्स के समय होने वाले डिस्चार्ज को सोखने के लिए लगाती हैं.


5. कितने लम्बे समय तक के लिए उन्हें गोलियां ले जानी पड़ती हैं?

यूरोपियन स्पेस एजेंसी की सामंथा क्रिस्टोफोरेटी के पास सबसे ज्यादा दिन 199 दिन स्पेस में रहने का रिकॉर्ड है. इसके बाद भारतीय मूल की सुनीता विलियम्स का नंबर आता है. यानी अभी तक कोई औरत सबसे ज्यादा साढ़े तीन महीने स्पेस में रही है. पर कल को मंगल पर भी इंसानों को भेजा जायेगा. जिससे लौटते-लौटते 3 साल लग जाएंगे.


6. इतने लम्बे वक़्त के लिए तो उन्हें बहुत सारी गोलियां ले जानी होंगी?

करीब 1100 गोलियां, इसलिए वर्षा जैन जो कि गायनकोलोजिस्ट हैं और किंग्स कॉलेज लंदन में रिसर्च कर रही हैं, एक ऐसी गोली बनाने का प्रयास कर रही हैं. जिससे लंबे वक्त तक पीरियड्स को रोका जा सके.


7. पीरियड्स को अगर इस तरह दवा के सहारे इतने लंबे वक्त तक रोका गया तो जरुर इसका शरीर पर बुरा असर होगा.

यह भी गलत है. बल्कि औरतों के लिए स्पेस में इस तरह की दवा लेना फायदेमंद है. ये दवाएं एस्ट्रोजेन हार्मोन को बढ़ावा देती हैं. जिससे हड्डियां मजबूत होती हैं. जिसके कारण स्पेस में ग्रेविटी न होने के कारण एस्ट्रोनॉट को होने वाला बोनलॉस औरतों को नहीं होता.


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