1965 में शिमला कमांड में मेजर मेघ सिंह पोस्टेड थे. भारत-पाकिस्तान की सीमा पर शुरू हुई हरकत के चलते लेफ्टिनेंट जनरल हरबख्श सिंह को एक ऐसा दल तैयार करने का सुझाव दिया जो दुश्मन को उन्हीं की भाषा में यानी घर में घुस के मारने की क्षमता रखता हो. मेघ सिंह ने मेघदूत फोर्स के जरिए 1965 के युद्ध में हाज़ी पीर और पुंछ में अपने इरादे का पुख्ता सबूत पेश किया था. काम सर पे कफन बांधने जैसा तो तैयारी भी वैसी ही होनी चाहिए थी. नतीजतन 1 जुलाई 1966 को ग्वालियर (मध्य प्रदेश) में कमांडो श्रेणी में नौवीं बटालियन को जोड़ा गया. नाम मिला पैराट्रूपर्स स्पेशल फोर्स. इन शॉर्ट- 9 Para SF. क्या है इन पैराट्रूपर्स की कहानी, जानने के लिए देखें तारीख का ये एपिसोड.
तारीख: कहानी इंडियन आर्मी के 9 पैरा SF की जिन्होंने पाकिस्तानी आर्मी के दांत खट्टे कर दिए
स्पेशल फोर्सेस जबसे सेना का हिस्सा बनी है तबसे हमेशा इन्होंने अपने ध्येय वाक्यों और देश के प्रति वफादारी को अतुलनीय साहस और बलिदान से सींचा है.
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