तो माया पेट्रोल उगलती है. अपनी बहू को तेजाबी ताने देती है. लेकिन चूंकि वो उन 'मिडिल क्लास' टीवी सीरियल की सास जैसी नहीं दिखना चाहती, हर ताने के बाद वो कहते है, 'डोंट माइंड बेटा', मैं तो मजाक कर रही थी.साराभाई वर्सेस साराभाई 2004 में एक वीकली शो की तरह लॉन्च हुआ था. फ्लॉप हो गया. फिर उसकी सभी कड़ियों को डेली एपिसोड की तरह लॉन्च किया गया. यूं कहें कि पहली बार किस्मत अच्छी नहीं थी. दूसरी बार शो दबाकर चला. मगर फिर भी उतना नहीं चला कि इसका दूसरा सीजन लाया जाए. TRP गिरने लगीं. और ये शो बंद होने के बाद हुआ कि उसे डाउनलोड कर देखा गया. ये असल में शो बंद होने के बाद हुआ कि लोगों ने इसे नए जूनून के साथ देखा. और इतना देखा कि सीरियल बनाने वालों से लोग इसे फिर से बनाने की मांग करने लगे. कुछ साल पहले इसे बनाने वाले जमनादास मजेठिया ने पब्लिक में मना कर दिया कि इसका दूसरा सीजन नहीं आएगा. ये शायद नेटफ्लिक्स मॉडल है, या लोगों का बाहर के टीवी से बढ़ता हुआ आकर्षण, या इंटरनेट के दौर में नए नए शो देखने की चाहत, कि साराभाई को दोबारा लॉन्च किया जा रहा है. कहा जा रहा मार्च के एंड में शूटिंग होगी. और शूटिंग के पहले ही इतना हल्ला है, कि सबकी फेसबुक वॉल पर एक ही खबर छाई हुई है: साराभाई इज बैक!
साराभाई vs साराभाई इसलिए एक ऐतिहासिक शो था
तमाम कमियों के बावजूद भी...
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फोटो - thelallantop
एक अपर क्लास परिवार जो साउथ मुंबई के बड़े से फ्लैट में रहता है. एक रिटायर्ड आदमी, उसकी वाइफ, दो बेटे. इनकी लाइफ में सबकुछ अपर क्लास है. इनका बड़ा बेटा एक फेमस डॉक्टर है, छोटा बेटा खुद को कवि कहता है. ये अखबार के पेज 3 पर रहने वाले लोग हैं. बड़े-बड़े लोगों से मिलते हैं, बड़ी-बड़ी पार्टियों में जाते हैं. फिर इनकी लाइफ में कुछ ऐसा होता है जिससे हास्य पैदा होता है. ये बड़ी बात थी बड़े बेटे साहिल का एक 'मिडिल क्लास' लड़की से प्यार हो जाना. एक पंजाबी लड़की, मनीषा. मनीषा वो सबकुछ है जो उसकी सास माया नहीं है. या यूं कहें, माया में जितनी कमियां होनी चाहिए वो मनीषा में हैं. मगर साहिल से उससे प्रेम कर लिया है. माया साराभाई चूंकि खुद को प्रोग्रेसिव मानती है, बेचारी अपने बेटे को लव मैरिज करने से मना नहीं कर सकती.
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