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ट्रंप और कमला की डिबेट में कुत्ते बिल्लियों की चर्चा क्यों हुई?

जिस सुबह का इंतज़ार डॉनल्ड ट्रंप को था, वो उनके हिस्से आते-आते रह गई. पहली प्रेसिडेंशियल डिबेट में बाइडन को मात देने वाले ट्रंप, कमला के सामने लड़खड़ाते दिखे. कई मौकों पर फ़्रस्ट्रेट भी हुए. आइए डिबेट के प्रमुख हिस्सों पर नज़र डालते हैं.

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10 सितंबर, 2024 को फिलाडेल्फिया, पेंसिल्वेनिया में डिबेट के दौरान पूर्व अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रम्प और रिपब्लिकन राष्ट्रपति पद की उम्मीदवार कमला हैरिस (फ़ोटो-ABC NEWS/AFP)

जिस घड़ी का इंतज़ार पूरी दुनिया में हो रहा था, वो बीत चुकी है. डॉनल्ड ट्रंप और कमला हैरिस के बीच प्रेसिडेंशियल डिबेट पूरी हो चुकी है. ये डिबेट अमेरिका में 10 सितंबर की रात साढ़े नौ बजे शुरू हुई थी. तब तक भारत में 11 सितंबर की सुबह हो चुकी थी. मगर जिस सुबह का इंतज़ार डॉनल्ड ट्रंप को था, वो उनके हिस्से आते-आते रह गई. पहली प्रेसिडेंशियल डिबेट में बाइडन को मात देने वाले ट्रंप, कमला के सामने लड़खड़ाते दिखे. कई मौकों पर फ़्रस्ट्रेट भी हुए. हालांकि, बाहर निकलते ही उनके सुर बदल चुके थे. वो बोले, ये मेरी सबसे अच्छी डिबेट थी. ये ट्रंप का दावा है. मगर कमला के समर्थक मानने के लिए तैयार नहीं है. आइए समझते हैं. 

- ‘ट्रंप बनाम कमला’ में कौन बीस साबित हुआ?

- क्या कमला हैरिस ने बाइडन का हिसाब बराबर कर दिया?

- और, इस डिबेट का राष्ट्रपति चुनाव पर कैसा असर पड़ सकता है?

कहते हैं, भले आप अपनी ज़ुबान को शांत रख लें, मगर आपके चेहरे का हाव-भाव सब अनकहा बयां कर देता है. इसका ताज़ा उदाहरण डॉनल्ड ट्रंप और कमला हैरिस की डिबेट में देखने को मिला. नियम था कि जब एक व्यक्ति बोलेगा, तब दूसरे का माइक म्यूट रखा जाएगा. जब-जब ट्रंप ने कुछ ऐसी बात कही जो कमला की राजनीति से एकदम मेल नहीं खाती, तो कमला भवें तान लेतीं, चेहरा हिलाकर निराशा जतातीं. या, मज़ाकिया लहजे में से हंसने लगतीं. इसी वजह से कमला के चेहरे का हावभाव चर्चा के केंद्र में है. इंटरनेट की दुनिया में ग़दर कटा है. लोग लिख रहे हैं कि इशारों-इशारों में बाज़ी पलट गई.

ख़ैर, इशारों से इतर मुद्दे पर लौटते हैं. 10 सितंबर को फ़िलाडेल्फ़िया में 2024 की दूसरी प्रेसिडेंशियल डिबेट आयोजित की गई. ABC न्यूज़ की मेज़बानी में. पहली डिबेट 27 जून को जो बाइडन और ट्रंप के बीच हुई थी. उसको CNN ने होस्ट किया था. उस डिबेट ने बाइडन की ख़राब फ़िटनेस को उजागर कर दिया. इसी के बाद बाइडन पर राष्ट्रपति चुनाव से हटने का दबाव बढ़ा. जुलाई में उन्होंने नाम वापस ले लिया. फिर डेमोक्रेटिक पार्टी में नए लीडर की तलाश शुरू हुई. आख़िरकार, उप-राष्ट्रपति कमला हैरिस के नाम पर सहमति बनी. अगस्त 2024 में पार्टी के नेशनल कन्वेंशन में उनको आधिकारिक उम्मीदवार घोषित कर दिया गया. रिपब्लिकन पार्टी का नेशनल कन्वेंशन जुलाई में ही हो चुका था. उसमें डॉनल्ड ट्रंप को टिकट मिला.

चूंकि अमेरिका के राष्ट्रपति चुनाव में मुख्य मुकाबला डेमोक्रेटिक और रिपब्लिकन पार्टी के बीच होता है. इस तरह ये चुनाव ट्रंप बनाम कमला हैरिस बन गया. फिर दोनों नेताओं ने एक-दूसरे पर निशाना साधना शुरू किया. एक-दूसरे को खारिज करने लगे. हालांकि, वे आमने-सामने आने से बच रहे थे. उनके बीच प्रेसिडेंशियल डिबेट को लेकर भी सहमति नहीं बन रही थी. जब प्रेसिडेंशियल रेस बाइडन और ट्रंप के बीच थी, तब दोनों 10 सितंबर को दूसरी डिबेट के लिए राज़ी थे. मगर जैसे ही कमला ने बाइडन को रिप्लेस किया, ट्रंप दूसरी डिबेट से बचने लगे. कई बार उन्होंने ABC न्यूज़ को बुरा-भला कहा. नियमों को लेकर नाराज़गी जताई. कई बार डिबेट कैंसिल करने की धमकी दी. हालांकि, आख़िरी वक़्त पर उन्होंने हामी भर दी. 

फिर आई 10 सितंबर की तारीख़. ट्रंप और कमला ABC न्यूज़ के मंच पर पहुंचे. दुआ-सलाम की औपचारिकता के बाद बहस शुरू हुई. 90 मिनट तक चली डिबेट में क्या-क्या हुआ. एक-एक कर जान लेते हैं.

अर्थव्यवस्था 

ट्रंप ने कहा, इस समय हमारे देश में महंगाई बढ़ रही है. लोगों को अनाज और अंडे जैसी चीज़ें खरीदने में मुश्किल आ रही है. लोग मेरे कार्यकाल को याद करते हैं. मेरे समय में अमेरिका की अर्थव्यवस्था काफ़ी बेहतर थी. इस पर कमला ने कहा, मैं अमेरिकी लोगों के सपने और उनकी इच्छाओं को समझती हूं. इसलिए मेरे पास अर्थव्यवस्था पर बेहतर प्लान है. अगर ट्रंप राष्ट्रपति बनते हैं तो वो अरबपतियों और बड़ी कंपनियों के टैक्स में कटौती करेंगे. कमला ने ये भी कहा कि ट्रंप के दौर में ग्रेट डिप्रेशन के बाद सबसे ज़्यादा बेरोज़गारी थी. पब्लिक हेल्थ का सबसे बुरा हाल था.

ट्रंप और कमला दोनों ने क्लेम किया कि अर्थव्यवस्था पर उनका प्लान बेहतर है. दोनों ने कहा कि उनके प्लान की तारीफ़ अमेरिका के सबसे अच्छे अर्थशास्त्रियों ने की है. ट्रंप ने कहा कि कमला के पास कोई प्लान नहीं है. उन्होंने अपना प्लान बाइडन से कॉपी किया हुआ है. ट्रंप ने ये भी कहा कि कोविड होने के बावजूद हमने काम किया. स्टॉक मार्केट कोविड के दौरान ऊपर रहा. हमने दुनिया भर के लिए वेंटfलेटर्स बनाए.

अर्थव्यवस्था के मुद्दे पर अमेरिका किस पर ज़्यादा भरोसा करता है? इस मुद्दे पर ट्रंप पर ज़्यादा भरोसा है लोगों को. अगस्त महीने में में एसोसिएटेड प्रेस-NORC सेंटर फॉर पब्लिक अफेयर्स के सर्वे में यही देखने को मिला था.

इमिग्रेशन 

पूरी बहस में ट्रंप सबसे ज़्यादा इसी मुद्दे पर बोले. वे दूसरे विषयों पर बोलते हुए भी इमिग्रेशन के मुद्दे को बीच में ला रहे थे. उन्होंने अमेरिका की सारी समस्याओं को शरणार्थियों से जोड़ा. ट्रंप बोले, दूसरे देशों के अपराधी हमारे देश में आ रहे हैं. और, कमला उन्हें आने की इजाज़त दे रही हैं. 

ऐसे ही अफ्रीकन अमेरिकन्स और हिस्पेनिक्स ने अमेरिका में नौकरियों में कब्ज़ा कर रखा है. इसपर कमला ने अपना सिर निराशा से हिलाया. इमिग्रेशन का मुद्दा थोड़ा लंबा खिंचा. इसी दौरान ट्रंप ने एक अजीबोगरीब क्लेम किया. बोले, अमेरिका के ओहायो में इमिग्रेंट्स पालतू कुतों और बिल्लियों को मारकर खा रहे हैं. ट्रंप के इस दावे पर एंकर डेविड मुइर ने उनको बीच में टोका. कहा, हमें ऐसी कोई पुख्ता रिपोर्ट नहीं मिली है. इस पर ट्रंप थोड़े असहज हुए. हालांकि, उनका बयान सोशल मीडिया पर ट्रेंड होने लगा था. अमेरिका में अप्रवासियों को नीचा दिखाने के लिए इस तरह की भ्रांतियों का इस्तेमाल बहुत पहले से होता आया है. 

Kamala Harris
डिबेट के दौरान डोनाल्ड ट्रंप को सुनती कमला हैरिस (फ़ोटो-ABC NEWS/AFP )

इज़रायल-हमास जंग

कमला ने कहा कि गाज़ा में चल रही इज़रायल और हमास की जंग खत्म होनी चाहिए. युद्धविराम और बंधकों को रिहा किया जाना बहुत ज़रूरी हो गया है. ट्रंप ने कहा, कमला इज़रायल से नफ़रत करती हैं. अगर वो राष्ट्रपति बनीं तो अगले दो बरसों के भीतर इज़रायल का अस्तित्व ही नहीं रहेगा. इसके जवाब में कमला बोलीं, ये बिलकुल झूठ है. मैंने जिंदगी भर इज़रायल और इज़रायल के लोगों का समर्थन किया है.

रूस-यूक्रेन जंग 

डिबेट के दौरान ट्रंप से सीधा सवाल पूछा गया कि क्या वो यूक्रेन को जंग जीतते देखना चाहते हैं? इस पर ट्रंप ने सीधा जवाब नहीं दिया. हालांकि ये बोले कि मैं जंग रुकवाना चाहता हूं. यही अमेरिका के हित में होगा. उन्होंने क्लेम किया कि अब तक जंग में लाखों लोग मारे जा चुके हैं. लाखों लोगों के मारे जाने के दावे की रूस, यूक्रेन या किसी अंतरराष्ट्रीय संस्था ने पुष्टि हीं की है. कमला ने ट्रंप को निशाने पर लेकर कहा, अगर ट्रंप अमेरिका के राष्ट्रपति होते तो पुतिन इस समय यूक्रेन की राजधानी कीव में बैठे होते. और, उनकी नज़र पूरे यूरोप पर होती.

गर्भपात

कमला ने रो वर्सेस वेड केस का ज़िक्र किया. ट्रंप पर आरोप लगाया कि उन्होंने अपने करीबी जजों को सुप्रीम कोर्ट में नियुक्त किया. जिन्होंने बाद में रो बनाम वेड केस का फ़ैसला पलट दिया. इसके तहत महिलाओं को गर्भपात का संवैधानिक अधिकार मिला हुआ था. कमला ने कहा कि अगर वो राष्ट्रपति बनीं तो रो वर्सेस वेड को क़ानून बना देंगी. गर्भपात के अधिकार पर ट्रंप ने कहा कि राज्यों के पास विकल्प मौजूद हैं. राज्य अपने हिसाब से क़ानून बनाने के लिए आज़ाद हैं. इस पर कमला ने कहा कि ट्रंप झूठ बोल रहे हैं. 

कैपिटल हिल अटैक

ट्रंप से पूछा गया कि क्या उन्हें 6 जनवरी को कैपिटल पर हुए हमले पर खेद है? इस पर ट्रंप बोले, मेरा इससे कोई लेना देना नहीं है. मैंने बस एक भाषण दिया था. अगर नैन्सी पैलोसी और वॉशिंगटन के मेयर ने अपना काम ठीक से किया होता तो ऐसा कुछ नहीं होता. कैपिटल हिल में अमेरिका की संसद है. 06 जनवरी 2021 को ट्रंप के समर्थकों ने संसद पर हमला कर दिया था. नैन्सी पेलोसी उस वक़्त संसद के निचले सदन की स्पीकर थीं. ट्रंप की सफाई पर कमला बोलीं, मैं उस समय उप-राष्ट्रपति पद की उम्मीदवार थी. मैं सेनेटर भी थी. उस दिन अमेरिका के राष्ट्रपति ने राजधानी पर हमला करने के लिए भीड़ को उकसाया था.

DONALD TRUMP
डिबेट के दौरान अपनी बात रखते डोनाल्ड ट्रम्प (फ़ोटो-ABC NEWS/AFP )

नस्लीय टिप्पणियां

अगस्त 2024 में ट्रंप ने कमला हैरिस पर नस्लभेदी टिप्पणी की थी. कहा था कि कमला ने हाल ही मैं अपना नाता ब्लैक कम्युनिटी से जोड़ना शुरू किया था. जब होस्ट ने ट्रंप से सवाल पूछा, तब उन्होंने कहा कि मैंने इसके बारे में कहीं पढ़ा था. हालांकि, मुझे इससे कोई फर्क नहीं पड़ता कि उनकी पहचान क्या है. 

बहस में और क्या-क्या हुआ?

ट्रंप ने अपने ऊपर हुए जानलेवा हमले के लिए डेमोक्रेट्स को दोषी बताया. बोले, डेमोक्रेट्स ने मेरी ऐसी छवि बनाई. जिसके चलते मेरी हत्या की कोशिश हुई. कमला हैरिस ने कई दफ़ा प्रोजेक्ट 2025 पर ट्रंप को घेरने की कोशिश की. लेकिन ट्रंप बार-बार इससे पल्ला झाड़ते रहे. कहा, इससे मेरा लेना-देना नहीं है. इसमें कुछ अच्छी और कुछ बकवास बातें लिखी हुईं है.

प्रोजेक्ट 2025 क्या है?

ये एक पॉलिसी ब्लूप्रिंट है. इसमें बताया गया है कि किन विषयों पर सरकार की कैसी नीति होनी चाहिए. इसको हेरिटेज फ़ाउंडेशन ने बनाया है. ये अमेरिका का एक थिंक-टैंक है. उनका फ़ोकस रिपब्लिकन पार्टी पर रहता है. इस बार की रिपोर्ट में कहा गया है कि अगर ट्रंप की सरकार बनती है तो मेक्सिको बॉर्डर पर दीवार बन जाएगी. और अमेरिका में गर्भपात पर प्रतिबंध लग जाएगा. और भी कई विवादास्पद बातें लिखीं है.

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