
हिंदी के मशहूर साहित्यकार अमृतलाल नागर का जन्म 17 अगस्त 1916 को हुआ था. उन्होंने नाटक, रेडियोनाटक, रिपोर्ताज, निबन्ध, संस्मरण, अनुवाद, बाल साहित्य आदि के क्षेत्र में भी महत्वपूर्ण योगदान दिया है. इन्हें साहित्य जगत में उपन्यासकार के रूप में सर्वाधिक ख्याति प्राप्त हुई, उनका हास्य-व्यंग्य लेखन भी काफी प्रचलित रहा है. अमृतलाल नागर 23 फरवरी 1990 को इस दुनिया को अलविदा को कह चले. उनकी पुण्यतिथि पर उनके उपन्यास 'सुहाग के नूपुर' का अंश पढ़िए, जिसमें उन्होंने दक्षिण प्रदेश के प्राचीन जीवन की भीनी सुगंध को दर्शाया है.