नागवासुकी का मंदिर प्रयागराज में गंगा के तट पर स्थित है. मान्यता है कि अगर कोई गंगा में पवित्र स्नान करने के बाद नागवासुकी मंदिर के दर्शन नहीं करता है तो महाकुंभ मेले की तीर्थयात्रा अधूरी रह जाती है. ऐसा कहा जाता है कि जब मुगल बादशाह औरंगजेब भारत में मंदिरों को तोड़ रहा था तो वह चर्चित नागवासुकी मंदिर को खुद तोड़ने पहुंचा था. जैसे ही उसने मूर्ति पर भाला चलाया तो अचानक दूध की धार निकली और चेहरे के ऊपर पड़ने से वो बेहोश हो गया. पौराणिक कथाओं के अनुसार, समुद्र मंथन में देवताओं और असुरों ने नागवासुकी को सुमेरु पर्वत में लपेटकर उनका प्रयोग रस्सी के तौर पर किया था. हमारी टीम ने मुख्य पुजारी से बात करके नागवासुकी मंदिर के ऐतिहासिक महत्व को जानने की कोशिश की है.
Mahakumbh का Prayagraj के इस मंदिर से क्या नाता है कि दर्शन किए बगैर पूरी नहीं होती यात्रा?
पौराणिक कथाओं के अनुसार, समुद्र मंथन में देवताओं और असुरों ने नागवासुकी को सुमेरु पर्वत में लपेटकर उनका प्रयोग रस्सी के तौर पर किया था. हमारी टीम ने मुख्य पुजारी से बात करके नागवासुकी मंदिर के ऐतिहासिक महत्व को जानने की कोशिश की है.
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