रूस के राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन गुरुवार 4 दिसंबर की शाम दो दिन की भारत यात्रा पर दिल्ली पहुंचे. एयरपोर्ट पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी खुद मौजूद रहे. उन्होंने पुतिन का गर्मजोशी से स्वागत किया. स्वागत के तुरंत बाद दोनों नेता जिस कार में एकसाथ रवाना हुए, वह पूरे कार्यक्रम का सबसे बड़ा आकर्षण बन गई. यह कार है- सफेद रंग टोयोटा फॉर्च्यूनर.
दुनिया जहान की सारी गाड़ियां छोड़कर मोदी-पुतिन फॉर्च्यूनर में क्यों बैठे?
Modi-Putin in Toyota Fortuner: सबसे ज्यादा चर्चा हो रही है कि आखिर प्रधानमंत्री और रूसी राष्ट्रपति ने इसे ही क्यों चुना. दोनों देशों के टॉप नेता आमतौर पर बेहद सुरक्षित और पहले से तय कारों में सफर करते हैं. ऐसे में एक सामान्य SUV में दोनों का सफर करना उनके व्यक्तिगत भरोसे और आपसी रिश्ते की झलक माना जा रहा है.


इंडिया टुडे की रिपोर्ट के मुताबिक, अमूमन प्रधानमंत्री मोदी का काफिला बेहद सख्त प्रोटोकॉल को फॉलो करता है. वह अमूमन हर तरह से सुरक्षित माने जाने वाली रेंज रोवर कार में ही सफर करते दिखते हैं.
वहीं, जिस कार में पुतिन सफर करते हैं वह ऑरस सेनेट लिमोजीन है. यह आमतौर पर विदेश यात्राओं में उनके साथ रहती है. सेनेट उनकी सुरक्षा टीम का मुख्य हिस्सा होती है. इसे मॉस्को की ऑरस मोटर्स ने बनाया है. सेनेट को रूसी राष्ट्रपति की ऑफिशियल सरकारी कार के तौर पर जाना जाता है. अपने बख्तरबंद फ्रेम और रोल्स-रॉयस जैसी स्टाइलिंग के साथ, यह विदेश यात्राओं के दौरान रूसी राष्ट्रपति की सुरक्षा व्यवस्था का एक जरूरी हिस्सा बन गई है.
लेकिन इस बार दोनों नेताओं ने अपनी पारंपरिक कारों को छोड़कर टोयोटा फॉर्च्यूनर को चुना. यह दोनों नेताओं के लिए तय प्रोटोकॉल से हटकर एक असामान्य बात थी.
कार का सब कुछ ‘चंगा सी’जिस कार में दोनों देशों के नेता बैठ उसका रजिस्ट्रेशन नंबर MH01EN5795 है. रही बात कार के मॉडल की तो यह फॉर्च्यूनर का सिगमा 4 MT यानी मैनुअल मॉडल है. सरकारी रिकॉर्ड के मुताबिक, यह कार BS-VI वैरिएंट है और अप्रैल 2024 में रजिस्टर्ड हुई थी. सुरक्षा एजेंसियों के पास हाल ही में वाहनों की एक अपडेटेड फ्लीट आई है और यह फॉर्च्यूनर उसी का हिस्सा है. इसका फिटनेस सर्टिफिकेट अप्रैल 2039 तक मान्य है और पॉल्यूशन सर्टिफिकेट जून 2026 तक वैलिड है.
ये तो बात हुई कार की डिटेल्स की. लेकिन इस बात की सबसे ज्यादा चर्चा हो रही है कि आखिर प्रधानमंत्री और रूसी राष्ट्रपति ने इसे ही क्यों चुना. दोनों देशों के टॉप नेता आमतौर पर बेहद सुरक्षित और पहले से तय कारों में सफर करते हैं. ऐसे में एक सामान्य SUV में दोनों का सफर करना उनके व्यक्तिगत भरोसे और आपसी रिश्ते की झलक माना जा रहा है.
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दिल्ली में खास प्रबंधएयरपोर्ट से निकलकर दोनों नेता सीधे प्रधानमंत्री के आवास 7, लोक कल्याण मार्ग के लिए रवाना हुए. इस मौके पर पीएम निवास को भारत–रूस की दोस्ती दर्शाने वाले विशेष सजावट और दोनों देशों के झंडों से रोशन किया गया था.
पुतिन की यात्रा को ध्यान में रखते हुए दिल्ली के कई हिस्सों में ट्रैफिक पर अस्थायी नियंत्रण, नो-पार्किंग जोन और सुरक्षा व्यवस्थाएं लागू की गई हैं. एयरपोर्ट से पीएम आवास तक का सफर उनकी यात्रा का पहला चरण था. इसके बाद दोनों देशों के बीच उच्च-स्तरीय वार्ताएं और कई अहम बैठकें तय हैं.
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