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जब सुशीला कार्की के पति ने हथियार खरीदने के लिए प्लेन हाईजैक किया था

नेपाल में Gen Z प्रोटेस्ट के बाद सुशील कार्की को अंतरिम प्रधानमंत्री बनाए जाने की बात हो रही है. ऐसे में उनके निजी जीवन के कई पहलू सामने आ रहे हैं. जाहिर है इनमें उनके पति दुर्गा प्रसाद सुबेदी भी शामिल हैं, जिन्होंने कभी नेपाल के एकमात्र प्लेन हाईजैकिंग में भूमिका निभाई थी.

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इस विमान हाइजैकिंग में सुशीला कार्की (बाएं) के पति दुर्गा सुबेदी (दाएं) भी शामिल थे. (फोटो- सोशल मीडिया)

Gen Z प्रोटेस्ट के बाद नेपाल में अगले प्रधानमंत्री को लेकर गहमागहमी है. काठमांडू के मेयर बालेंद्र शाह आंदोलनकारियों के फेवरेट थे, लेकिन उन्होंने इस जिम्मेदारी के लिए कोई दिलचस्पी नहीं दिखाई. ऐसे में युवा प्रदर्शनकारियों ने अन्य विकल्पों पर चर्चा की. इसके बाद से जिस नाम की सबसे ज्यादा चर्चा है वो है नेपाल की पूर्व मुख्य न्यायाधीश सुशीला कार्की का. आंदोलनकारियों का एक धड़ा उन्हें अंतरिम प्रधानमंत्री बनाने की मांग कर रहा है. बताया गया है कि 73 वर्षीय सुशीला ने इसके लिए हामी भी भर दी है. इस सबके दौरान उनके निजी जीवन के कई पहलू सामने आ रहे हैं. जाहिर है इनमें उनके पति दुर्गा प्रसाद सुबेदी भी शामिल हैं, जिन्होंने कभी नेपाल के एकमात्र प्लेन हाईजैकिंग में भूमिका निभाई थी (Sushila Karki's husband plane hijack). आपने सही पढ़ा है.

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कौन हैं सुशीला कार्की?

सुशीला कार्की नेपाल की वो शख्सियत हैं जिन्होंने 2016 में पहली बार महिला चीफ जस्टिस बनकर इतिहास रचा. उन्होंने भारत की बनारस हिंदू यूनिवर्सिटी (BHU) से पॉलिटिकल साइंस में मास्टर्स और त्रिभुवन यूनिवर्सिटी से लॉ की डिग्री हासिल की थी. उनके कार्यकाल में नेपाल के कई मंत्रियों और ब्यूरोक्रेट्स को जेल की हवा खानी पड़ी. मसलन, तत्कालीन सूचना मंत्री जयप्रकाश गुप्ता को भ्रष्टाचार के मामले में जेल भेजा गया. एक और बड़े फैसले में उन्होंने भ्रष्टाचार रोधी ब्यूरो के प्रमुख लोकमान सिंह कार्की को हटाया था.

लेकिन सुशीला के लिए ये सब इतना आसान नहीं रहा. 2017 में उनकी बेबाकी ने सियासी तूफान खड़ा कर दिया. संसद में उनके खिलाफ महाभियोग प्रस्ताव लाया गया. जिसमें उन पर कार्यपालिका के काम में दखल देने का आरोप था. हालांकि, ये प्रस्ताव पास नहीं हुआ. लेकिन इसने सुशीला को कुछ समय के लिए निलंबित करवा दिया. इस घटना ने नेपाल के संवैधानिक नियमों में बदलाव भी करवाया, जिसके तहत अब चीफ जस्टिस को महाभियोग प्रस्ताव के तुरंत बाद निलंबित नहीं किया जा सकता है.

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पति का प्लेन हाईजैक कनेक्शन

अब बात उस ट्विस्ट की, जो सुशीला की कहानी को एक नया एंगल देता है. उनके पति दुर्गा प्रसाद सुबेदी नेपाली कांग्रेस के यूथ लीडर रहे. 1973 में नेपाल में राजा महेंद्र का शासन था. इंडिया टुडे की रिपोर्ट के मुताबिक 10 जून, 1973 के दिन रॉयल नेपाल एयरलाइंस का एक प्लेन हाईजैक कर लिया गया. ये विमान बिराटनगर से काठमांडू जा रहा था. इसमें मशहूर बॉलीवुड एक्ट्रेस माला सिन्हा भी सवार थीं. इस हाईजैक में सुबेदी का नाम भी आया. हाईजैक का मकसद था नेपाली कांग्रेस के लिए हथियार खरीद के पैसे जुटाना. विराटनगर के बैंकों से 30 लाख रुपये लाए जा रहे थे. इस घटना ने दुर्गा सुबेदी को सुर्खियों में ला दिया.

रिपोर्ट के मुताबिक पूर्व प्रधानमंत्री गिरिजा प्रसाद कोइराला ने इस हाईजैक का प्लान तैयार किया था. उनकी योजना राजशाही के खिलाफ संघर्ष के लिए धन जुटाने की थी. सुबेदी को कोइराला के करीबी सहयोगियों में गिना जाता था. वो इस घटना से कुछ दिन पहले ही जेल से रिहा हुए थे.

हाईजैक हुए प्लेन को बिहार के फोर्बस्गंज उतारा गया था. जिसके बाद 30 लाख रुपये एक कार से दार्जिलिंग पहुंचाए गए. सुबेदी और हाईजैक में शामिल अन्य लोगों को बाद में मुंबई में गिरफ्तार कर लिया गया, और दो साल की जेल हुई. 1975 में इमरजेंसी के दौरान उन्हें रिहा कर दिया गया था.

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1990 में ‘पंचायत व्यवस्था’ के खत्म होने और लोकतंत्र की वापसी के बाद सुशीला कार्की ने इन्हीं दुर्गा सुबेदी को जीवनसाथी बनाया. सुबेदी कभी उनके शिक्षक हुआ करते थे. सुशीला ने एक बार कहा था कि सुबेदी उनके हर संकट और हर परिस्थिति के सबसे भरोसेमंद दोस्त और मार्गदर्शक हैं.

Gen Z प्रोटेस्ट

नेपाल में भ्रष्टाचार और सोशल मीडिया बैन के खिलाफ Gen Z ने जो आंदोलन शुरू किया, उसने पूरे देश को हिलाकर रख दिया. 34 लोगों की जान गई, 1000 से ज्यादा घायल हुए. आंदोलनकारियों ने संसद भवन से लेकर मंत्रियों के घर तक आग के हवाले कर दिए. इस बवाल के बाद Gen Z ने 5000 से ज्यादा लोगों की वर्चुअल मीटिंग में सुशीला कार्की को अंतरिम PM के लिए चुना. काठमांडू के मेयर बालेन शाह को भी इस रेस में माना जा रहा था, लेकिन उन्होंने भी सुशीला को सपोर्ट किया. फिलहाल, नेपाल में सियासी अनिश्चितता बरकरार है. सेना ने देश में कर्फ्यू लगाया हुआ है.

वीडियो: नेपाली संसद के अंदर की प्रदर्शनाकरियों ने कुछ नहीं छोड़ा

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