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डॉक्यूमेंट की स्पेलिंग मिस्टेक ठीक कराते-कराते परेशान हो गया, SIR के डर से अब युवक ने जान दे दी

टीएमसी के नेता अभिषेक बनर्जी ने दावा किया है कि राज्य में एक हफ्ते के भीतर सात लोगों की मौत हो गई है. क्योंकि उन्हें डर था कि SIR के दौरान उनके नाम वोटर लिस्ट से छूट सकते हैं.

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SIR के दौरान डॉक्यूमेंट में गलती से परेशान शख्स ने दी जान. (प्रतीकात्मक फोटो- सोशल मीडिया)

पश्चिम बंगाल के हावड़ा जिले में कथित तौर पर SIR प्रक्रिया के डर से एक 30 साल के व्यक्ति ने अपनी जान दे दी. पुलिस ने बताया कि वो अपने एक 'डॉक्यूमेंट्स में मौजूद गलती से परेशान' था. इस गलती को सुधरवाने के लिए वो लंबे समय से कोशिश कर रहा था.

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मृतक की पहचान उलुबेरिया इलाके के रहने वाले जाहिर मल के रूप में हुई है. मंगलवार, 4 अक्टूबर की सुबह उनका शव अपने घर में मिला. अधिकारियों के मुताबिक, मृतक के परिवार ने बताया कि अपने एक आधिकारिक दस्तावेज में वर्तनी की गलती मिलने के बाद से वो काफी तनाव में थे. 

इंडिया टुडे से जुड़े तपस सेन गुप्त की खबर के मुताबिक, एक अधिकारी ने कहा,

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उसने हाल के हफ्तों में इस गलती को ठीक करवाने के लिए कई स्थानीय दफ्तरों के चक्कर लगाए. लेकिन वो गलती ठीक नहीं हो पाई. जाहिर को डर था कि इस गलती की वजह से SIR प्रक्रिया के दौरान उसकी नागरिकता या वोटर एलिजिबिलिटी की पुष्टि में दिक्कतें आ सकती हैं.

पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी के भतीजे और तृणमूल कांग्रेस (TMC) के महासचिव अभिषेक बनर्जी ने घटना पर दुख जताया. उन्होंने मंत्री पुलक रॉय से मृतक जाहिर मल के परिवार से मिलने को भी कहा. बाद में पुलक राय ने परिवार वालों से मिलकर उन्हें जरूरी मदद मुहैया कराने का भरोसा दिया.

इस दौरान अभिषेक बनर्जी ने ये भी दावा किया कि राज्य में एक हफ्ते के भीतर सात लोगों की मौत हो गई है. क्योंकि उन्हें डर है कि SIR के दौरान उनके नाम वोटर लिस्ट से छूट सकते हैं.

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'SIR के तनाव के बाद मौत'

इससे पहले, कथित तौर पर SIR प्रोसेस से संबंधित तनाव के कारण 60 साल की हसीना बेगम की भी मौत हो गई थी. स्थानीय लोगों के मुताबिक, हसीना बेगम रविवार, 2 नवंबर की सुबह सड़क पर गिर पड़ीं. बाद में स्थानीय अस्पताल में उन्हें मृत घोषित कर दिया गया. इंडिया टुडे की खबर के मुताबिक, पड़ोसियों ने बताया कि SIR प्रोसेस पर एक सामुदायिक बैठक के बाद से वो चिंतित थीं. क्योंकि उनका नाम 2002 की वोटर लिस्ट में नहीं था.

TMC प्रवक्ता कुणाल घोष ने दावा किया कि BJP की ‘दहशत की राजनीति’ के कारण बेगम की मौत हुई. उन्होंने आरोप लगाया,

हसीना बेगम को दिल का दौरा पड़ा, जब उन्हें बताया गया कि SIR लिस्ट से गायब लोगों को बांग्लादेश भेजा जा सकता है. BJP नेता जानबूझकर ये डर फैला रहे हैं.

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बताते चलें, SIR 4 नवंबर से 4 दिसंबर तक 12 राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों में आयोजित किया जा रहा है. चुनाव आयोग ने कहा है कि वोटर लिस्ट में सटीकता सुनिश्चित करने के लिए ये चुनाव से पहले एक स्टैंडर्ड प्रक्रिया है.

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