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उत्तराखंड में UCC लागू, CM धामी ने नियम पुस्तिका जारी की, लिव-इन वालों के लिए भी व्यवस्था

Uttarakhand UCC News: पुष्कर सिंह धामी ने कहा कि आदिवासियों की परंपरा और संस्कृति की रक्षा के लिए उन्हें UCC से छूट दी जाएगी. उन्होंने ये भी कहा कि UCC किसी भी धर्म के ख़िलाफ़ नहीं है.

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उत्तराखंड पहला राज्य है, जिसने UCC लागू कर दिया है. (फ़ोटो - PTI)

उत्तराखंड सरकार ने 27 जनवरी को समान नागरिक संहिता (Uniform Civil Code) यानी UCC लागू कर दी है. मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने देहरादून में ‘मुख्यमंत्री कैंप ऑफ़िस’ में UCC के लिए नियम पुस्तिका और नए नियमों के तहत आवेदन के लिए पोर्टल का उद्घाटन कि (Uttarakhand CM Dhami UCC portal). इस दौरान, सीएम ने बताया कि आदिवासियों की परंपरा और संस्कृति की रक्षा के लिए उन्हें UCC से छूट दी जाएगी. ये भी कहा कि UCC किसी भी धर्म के ख़िलाफ़ नहीं है. इसे ये सुनिश्चित करने के लिए बनाया गया है कि सभी धर्म, जाति और लिंग के लोगों के साथ समान व्यवहार किया जाए.

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उत्तराखंड के मुख्यमंत्री ने आगे बताया कि अब से 27 जनवरी को राज्य में UCC दिवस के रूप में मनाया जाएगा. नए नियमों के तहत सभी धर्मों के पुरुषों के लिए शादी की उम्र 21 साल और महिलाओं के लिए 18 साल होगी. उत्तराखंड कैबिनेट ने इसी साल 20 जनवरी को UCC नियम पुस्तिका को मंजूरी दी थी. 13 जनवरी को उत्तराखंड सरकार ने अपने अधिकारियों को UCC पोर्टल के बारे में बताने के लिए ट्रेनिंग देना शुरू किया था.

अधिकारियों का कहना है कि नागरिकों और अधिकारियों के लिए ऑनलाइन पोर्टल डेवलप किए गए हैं. इनमें AADHAAR-आधारित वेरिफ़िकेशन, 22 भारतीय भाषाओं में AI-आधारित अनुवाद की सर्विस और 13 से ज़्यादा डिपार्टमेंट/सर्विस (मसलन- बर्थ-डेथ रजिस्ट्रेशन, डिस्ट्रिक्ट/हाई कोर्ट आदि) में डेटा इकट्ठा करने जैसी सेवाएं शामिल हैं. ये पोर्टल क्लाउड-आधारित हैं और डिज़ास्टर रिकवरी सिस्टम से लैस हैं.

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वहीं, अंग्रेजी अख़बार इंडियन एक्सप्रेस ने आधिकारिक सूत्रों के हवाले से बताया है कि तत्काल सर्विस के तहत जल्द रजिस्ट्रेशन हो सके, इसके लिए सरकार ने अलग से फ़ीस की व्यवस्था की है. लिव-इन रिलेशनशिप के लिए रजिस्ट्रेशन और टर्मिनेशन प्रोसेस को भी सरल बनाया गया है. अगर एक साथी टर्मिनेशन के लिए एप्लिकेशन करता है, तो दूसरे साथी से पुष्टि की ज़रूरत होगी.

पोर्टल के अलावा भी ऑनलाइन रजिस्ट्रेशन की सुविधा के लिए कॉमन सर्विस सेंटर (CSC) को भी ऑथराइज़ किया गया है. जिन दूरदराज और पहाड़ी इलाकों में इंटरनेट की पहुंच सीमित है, वहां ये CSC एजेंट घर-घर जाकर सेवाएं प्रदान करेंगे. ताकि सुनिश्चित किया जा सके कि नागरिक इन सुविधाओं का लाभ उठा सकें. ग्रामीण क्षेत्रों में रजिस्ट्रेशन सर्विस के लिए ग्राम पंचायत विकास अधिकारियों को सब-रजिस्ट्रार नियुक्त किया गया है.

कब-क्या हुआ?

UCC को लागू कराने के प्रोसेस की शुरुआत हुई रिटायर्ड जस्टिस रंजना प्रकाश देसाई की अध्यक्षता में एक पांच सदस्यीय एक्सपर्ट पैनल के गठन से. पैनल ने रिपोर्ट तैयार की. इसके आधार पर 7 फरवरी, 2024 को विधानसभा में समान नागरिक संहिता विधेयक, 2024 पारित किया गया. इसे राष्ट्रपति की मंजूरी मिली और 12 मार्च, 2024 को एक्ट को नोटिफ़ाइड किया गया.

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UCC के नियम बनाने के लिए गठित समिति ने 18 अक्टूबर, 2024 को अपनी रिपोर्ट सरकार को सौंप दी थी. 9 नवंबर यानी राज्य के 24वें स्थापना दिवस से पहले सरकार ने UCC लागू करने की प्लानिंग की. लेकिन ऐसा नहीं हो सका. क्योंकि स्टाफ की ट्रेनिंक तब तक पूरा नहीं हुई थी. अब समान नागरिक संहिता उत्तराखंड में लागू हो गई है.

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