उत्तर प्रदेश (UP) के सीतापुर (Sitapur) जिले में एक मंत्री को ट्रांसफॉर्मर बदलवाने के लिए धरना देना पड़ा. आरोप है कि एक जूनियर इंजीनियर (JE) ने फोन पर मंत्री सुरेश राही से कहा कि वो खुद ही ट्रांसफॉर्मर उतरवा लें. आखिरकार, आम लोगों के साथ मिलकर खुद ही ट्रांसफॉर्मर को नीचे उतारा. जब मामला सुर्खियों में आया, तो JE पर कार्रवाई की गई और उसे तत्काल प्रभाव से निलंबित कर दिया गया.
JE ने कहा- 'खुद उतार लो ट्रांसफॉर्मर...' योगी के मंत्री ने उतार कर दिखा भी दिया, वीडियो वायरल
UP के ऊर्जा मंत्री AK Sharma ने मामले को लेकर कहा है कि विद्युत विभाग की लापरवाही बार-बार सामने आ रही है, यदि राज्य सरकार के मंत्री तक की बात नहीं सुनी जा रही, तो ये बेहद गंभीर संकेत हैं.

मामला मंत्री सुरेश राही के विधानसभा क्षेत्र हरगांव के कोरैया उदनापुर गांव का है. यहां लगभग 15 दिनों से एक ट्रांसफॉर्मर खराब था. मंत्री का कहना है कि इलाके के लोग उन्हें लगातार फोन कर रहे थे. मंत्री ने भी आगे संबंधित अधिकारियों को इसकी जानकारी दी, लेकिन कोई कार्रवाई नहीं हुई. मंत्री सुरेश राही का कहना है कि उन्होंने जब JE को फोन किया तो उसने अमर्यादित तरीके से कहा, ‘खुद ट्रांसफॉर्मर उतरवा लीजिए. नहीं तो मुझे जब समय मिलेगा, तब आकर उतारूंगा.’
इसके बाद मंत्री ने मध्यांचल विद्युत वितरण निगम लिमिटेड (MVVNL) की प्रबंध निदेशक रिया केजरीवाल को फोन किया. सुरेश राही ने आरोप लगाया कि रिया केजरीवाल ने उनका फोन नहीं उठाया. उन्होंने आम लोगों के साथ मौके पर धरना भी दिया. अंत में उन्होंने खुद ही ट्रांसफॉर्मर उतारने का फैसला किया.
एक मंत्री का ट्रांसफॉर्मर बदलते हुए वीडियो सामने आया, तो उसे वायरल होते समय नहीं लगा. इसके बाद मामला ऊर्जा मंत्री अरविंद कुमार शर्मा के पास पहुंचा. उन्होंने उत्तर प्रदेश पावर कॉरपोरेशन लिमिटेड (UPPCL) के चेयरमैन आशीष गोयल और MVVNL की MD रिया केजरीवाल को तलब किया. उन्होंने सीतापुर में तैनात JE रमेश मिश्रा के निलंबन की जानकारी दी. उन्होंने सोशल मीडिया एक्स पर लिखा,
राज्य सरकार में राज्यमंत्री सुरेश राही के साथ सीतापुर जिले के विद्युत विभाग के हरगांव के JE का अविवेकपूर्ण व्यवहार बिल्कुल स्वीकार्य नहीं है… इसके लिए JE रमेश मिश्रा को तत्काल प्रभाव से निलंबित कर दिया गया है.
मैंने मंत्री सुरेश राही से स्वयं बात करने के बाद, चेयरमैन UPPCL और एमडी MVVNL को हिदायत दी है कि इस घटना में ऊपर से लेकर नीचे तक के प्रबंधन की गलती दिखती है. दोबारा ऐसी घटना नहीं होनी चाहिए.
ऊर्जा मंत्री ने आगे कहा कि बार-बार विद्युत विभाग की लापरवाही सामने आ रही है, यदि राज्य सरकार के मंत्री तक की बात नहीं सुनी जा रही, तो ये बेहद गंभीर संकेत हैं.
इससे पहले भी मंत्री अरविंद कुमार शर्मा ने विभागीय अधिकारियों को लापरवाही के लिए फटकार लगाई थी. वो चेयरमैन और MD को जवाबदेही तय करने के निर्देश दे चुके हैं. ऊर्जा मंत्री तो यहां तक कह चुके हैं कि वो विभाग के एक JE तक का ट्रांसफर कराने में सक्षम नहीं हैं.
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