कनाडा की राजधानी टोरंटो से एक वीडियो सामने आया है. यहां हिंदू समुदाय के लोग रथयात्रा निकाल रहे थे, तभी उन पर कुछ अज्ञात लोगों ने अंडे फेंके. इस वीडियो को कनाडा में रह रही NRI संगना बजाज ने शेयर किया है. वीडियो के सामने आने के बाद से लोगों ने इस हरकत की कड़ी आलोचना की. इसे नस्लवाद और जेनोफोबिया (विदेशी विरोध) से जोड़कर देखा जा रहा है. भारतीय विदेश मंत्रालय की तरफ से भी इस घटना पर प्रतिक्रिया आई है.
कनाडा के टोरंटो में रथयात्रा पर फेंके गए अंडे, वीडियो वायरल
वीडियो के सामने आने के बाद भारत सरकार ने कनाडा सरकार के समक्ष इस मुद्दे को गंभीरता से उठाया है और दोषियों के खिलाफ सख्त कार्रवाई की मांग की है.

इंडिया टुडे में छपी रिपोर्ट के मुताबिक, यह यात्रा टोरंटो में 11 जुलाई को सुबह 11 से दोपहर एक बजे के बीच निकाली गई थी. इसी दौरान का एक वीडियो संगना बजाज ने इंस्टाग्राम पर शेयर किया. उन्होंने लिखा,
“पास की एक बिल्डिंग से किसी ने हम पर अंडे फेंके... क्यों? क्योंकि आस्था की आवाज थी? क्योंकि हमारी खुशी उन्हें अजनबी लगी? लेकिन हमने रुकना नहीं सीखा. जब भगवान जगन्नाथ सड़कों पर होते हैं, तो कोई नफरत हमें हिला नहीं सकती.”
संगना बजाज ने आगे कहा, "हम हैरान थे, आहत थे, लेकिन हमने रुकना नहीं सीखा. क्योंकि नफरत कभी आस्था पर हावी नहीं हो सकती."
वीडियो के सामने आने के बाद भारत सरकार ने कनाडा सरकार के समक्ष इस मुद्दे को गंभीरता से उठाया है और दोषियों के खिलाफ सख्त कार्रवाई की मांग की है. विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता रंधीर जायसवाल ने इस घटना को ‘घृणित’ और ‘दुर्भाग्यपूर्ण’ बताया है. उन्होंने एक्स पर इसकी जानकारी दी.
उन्होंने आगे कहा, “टोरंटो में रथयात्रा के दौरान कुछ शरारती तत्वों की हरकत अत्यंत निंदनीय है. यह त्योहार की भावना के खिलाफ है. हमने इस कृत्य के दोषियों को जवाबदेह ठहराने के लिए कनाडाई अधिकारियों के समक्ष इस मामले को दृढ़ता से उठाया है. हमें उम्मीद है कि कनाडाई सरकार लोगों के धार्मिक अधिकारों की रक्षा के लिए आवश्यक कार्रवाई करेगी.”
इसके अलावा ओडिशा के पूर्व मुख्यमंत्री नवीन पटनायक की प्रतिक्रिया भी सामने आई. उन्होंने विदेश मंत्रालय से एक्शन की मांग करते हुए एक्स पर लिखा,
"कनाडा के टोरंटो में रथयात्रा के दौरान श्रद्धालुओं पर अंडे फेंके जाने की खबरों से बेहद व्यथित हूं. ऐसी घटनाओं से न केवल दुनिया भर में भगवान जगन्नाथ के भक्तों की भावनाओं को गहरी ठेस पहुंचती है, बल्कि ओडिशा के लोगों को भी गहरा दुःख पहुंचता है, जिनके लिए यह त्योहार भावनात्मक और सांस्कृतिक महत्व रखता है. अगर ये मीडिया रिपोर्ट्स सही हैं, तो ओडिशा सरकार को इस मामले को गंभीरता से लेना चाहिए और विदेश मंत्रालय से कनाडा के अधिकारियों के इस पर कड़ा विरोध दर्ज कराना चाहिए."
रिपोर्ट के मुताबिक यह घटना ISKCON के 53वें वार्षिक रथयात्रा उत्सव के दौरान हुई. ISKCON के अनुसार, रथयात्रा के दौरान श्रद्धालु सड़कों पर भजन-कीर्तन करते हैं और भगवान जगन्नाथ, बलदेव और सुभद्रा देवी की मूर्तियों को मंदिर से बाहर लाकर लाकर यात्रा निकाली जाती है.
वीडियो: क्रांति देवी का किरदार निभाने वाली सुनीता राजवर की ट्रोलिंग, खुश होकर ये जवाब दिया