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'जाओ चप्पल सिलो', Indigo के तीन अधिकारियों पर लगे जातिवाद के आरोप, FIR दर्ज

पीड़ित ट्रेनी पायलट का नाम शरण कुमार है. वहीं, आरोपी अधिकारियों का नाम तपस डे, मनीष साहनी और कैप्टन राहुल पाटिल है. शिकायत में कहा गया है कि अधिकारियों ने उसे मीटिंग में बुलाकर बेवजह अपमानित किया. जातिसूचक बातें कहीं. और ये अधिकारी लंबे समय से इस तरह का व्यवहार कर रहे थे.

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कंपनी के हेड क्वार्टर में हुई थी घटना. (फाइल फोटो- पीटीआई)

इंडिगो एयरलाइंस (Indigo Airlines) के तीन अधिकारियों पर जातीय टिप्पणी करने के आरोप लगे हैं. ये आरोप लगाए हैं कंपनी के ही एक ट्रेनी पायलट ने. पुलिस को दर्ज कराई गई शिकायत में बताया गया है कि इंडिगो के 3 अधिकारियों ने ट्रेनी पायलट की जाति को आधार बनाकर ट्रेनी पायलट का शोषण किया. जातिआधारित टिप्पणियां कीं. और अपशब्द कहे और ऐसा करने के पहले अधिकारियों ने सुनिश्चित किया कि ट्रेनी पायलट का फोन और बैग, उस कमरे के बाहर रहे, जिसमें उसके साथ कथित तौर पर अभद्रता की जा रही थी.

पीड़ित ट्रेनी पायलट का नाम शरण कुमार है. वहीं, आरोपी अधिकारियों का नाम तपस डे, मनीष साहनी और कैप्टन राहुल पाटिल है. घटना 28 अप्रैल की है. इंडिया टुडे की रिपोर्ट के मुताबिक, अधिकारियों ने उसे दोपहर 3:30 बजे मीटिंग के लिए बुलाया. मीटिंग में तपस डे ने अपमानजनक तरीके से ट्रेनी पायलट को अपना फोन और  बैग बाहर रखने को कहा. 

मीटिंग के दौरान ट्रेनी पायलट से कहा गया,

“तुम प्लेन उड़ाने लायक नहीं हो. वापस जाकर चप्पल सिलो. तुम मेरे जूते चाटने के भी लायक नहीं हो. एक %#$@ में इतनी हिम्मत है कि वह मेरे सामने बैठकर सफाई मांग सकता है? तुम्हारे पास इस बिल्डिंग में वॉचमैन होने की औकात नहीं है और तुम मुझसे सफाई मांग रहे हैं?”

पुलिस को दी गई शिकायत के मुताबिक, ट्रेनी पायलट ने अपने साथ हो रहे दुर्व्यवहार की शिकायत आला अधिकारियों से की थी. लेकिन कोई एक्शन नहीं हुआ. तब जाकर उसने पुलिस में शिकायत की, जिसके बाद तीनों अधिकारियों पर FIR हुई है. 

इस मामले में SC/ST एक्ट और BNS की कई धाराओं के तहत मामला दर्ज किया गया है. पहले मामला बेंगलुरु में जीरो FIR के तौर पर दर्ज किया गया था. लेकिन इसे गुड़गांव के DLF-1 पुलिस स्टेशन में ट्रांसफर कर दिया गया. असिस्टेंट सब-इंस्पेक्टर दलविंदर सिंह ने बताया कि पुलिस ने सबूत इकट्ठा करना शुरू कर दिया है. जल्द ही सभी पक्षों के बयान दर्ज किए जाएंगे.

शरण कुमार की शिकायत में कहा गया है कि अधिकारी उसपर इस्तीफा देने के लिए दबाव बना रहे थे. बेवजह सैलरी काटी गई. बिना किसी गलती के उसे जबर्दस्ती दोबारा ट्रेनिंग के लिए मजबूर किया गया. सिक लीव तक कैंसिल की गई. उसे मिलने वाले ट्रेवल भत्ता रोक दिया गया. बिना किसी सबूत के वॉर्निंग लेटर जारी किए गए.

अनुसूचित जाति से होने की वजह से उसे नीचा दिखाया गया. यह भी बताया गया है कि शरण ने इंडिगो एयरलाइंस के CEO और एथिक्स कमेटी से भी शिकायत की थी. लेकिन कोई एक्शन नहीं लिया गया. हारकर उसे पुलिस में शिकायत करनी पड़ी.

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