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'सॉरी मम्मी... टीचर्स ने मेरे साथ ऐसा किया...', जान देने से पहले 10वीं का छात्र क्या बता गया?

मंगलवार को स्कूल में ड्रामेटिक्स क्लास के दौरान छात्र गिर पड़ा था, जिस पर टीचर ने उसका मजाक उड़ाया था. टीचर ने उससे कहा कि वो ओवरएक्टिंग कर रहा है और ड्रामा कर रहा है. शिकायत में परिवार ने दावा किया कि टीचर ने छात्र से ये तक कहा कि वो कितना भी रो ले, उन्हें कोई फर्क नहीं पड़ेगा.

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लड़के ने अपने माता-पिता से बार-बार दूसरे स्कूल में डालने की गुजारिश की थी. (फोटो- ANI)

दिल्ली में 10वीं के एक छात्र की आत्महत्या के मामले को लेकर हंगामा बढ़ता जा रहा है. आरोप है कि छात्र के स्कूल के टीचर्स ने उसे इतना परेशान किया कि तंग आकर उसने दिल्ली के एक मेट्रो स्टेशन पर आत्महत्या कर ली. जान देने से पहले छात्र ने अपने परिवार के लिए एक नोट भी छोड़ा जिसमें उसने अपने इस फैसले की वजहें बताई हैं.

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छात्र के पिता प्रदीप पाटिल ने FIR में आरोप लगाया है कि स्कूल के प्रिंसिपल सहित चार टीचर्स ने उनके बेटे को गहरे मानसिक तनाव में डाल दिया, जिसके चलते उसने ये खौफनाक कदम उठाया. उन्होंने बताया,

“मेरे बेटे के क्लासमेट्स ने मुझे बताया कि पिछले चार दिनों से एक टीचर मेरे बेटे को धमकी दे रही थीं, कि वो उसके माता-पिता को बुलाएंगी और उसका TC (ट्रांसफर सर्टिफिकेट) करवा देंगी. एक दूसरी टीचर ने मेरे बेटे को धक्का दिया था.”

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FIR के मुताबिक, मंगलवार को स्कूल में ड्रामेटिक्स क्लास के दौरान छात्र गिर पड़ा था, जिस पर टीचर ने उसका मजाक उड़ाया था. टीचर ने उससे कहा कि वो ओवरएक्टिंग कर रहा है और ड्रामा कर रहा है. शिकायत में परिवार ने दावा किया कि टीचर ने छात्र से ये तक कहा कि वो कितना भी रो ले, उन्हें कोई फर्क नहीं पड़ेगा. 

जांच के दौरान पुलिस को लड़के के बैग में नोट मिला. इसमें उसने अपनी जान लेने के फैसले के लिए परिवार से बार-बार माफी मांगी है. लिखा, "सॉरी मम्मी, आपका इतनी बार दिल तोड़ा, अब लास्ट बार तोड़ूंगा. स्कूल की टीचर्स अब हैं ही ऐसी, क्या बोलूं.”

टाइम्स ऑफ इंडिया के मुताबिक छात्र ने नोट में लिखा, "टीचर्स तो अब भी वहीं हैं. मैं उन्हें क्या कह सकता हूं? मेरी अंतिम इच्छा है कि उनके खिलाफ कार्रवाई की जाए ताकि कोई और स्टूडेंट मेरी तरह ऐसा कदम न उठाए. मुझे माफ करना, लेकिन टीचर्स ने मेरे साथ यही किया."

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छात्र ने बड़े भाई के लिए लिखा, "सॉरी भैया, मैं तुमसे रूड था, झगड़ा किया, तुम्हारा अपमान किया." और अपने पापा के लिए लिखा, "सॉरी पापा, मुझे आपकी तरह अच्छा इंसान बनना चाहिए था.”

मृतक छात्र दिल्ली के सेंट कोलंबा स्कूल में पढ़ता था. उसकी मौत के बाद परिवार और अन्य लोगों ने स्कूल प्रशासन के खिलाफ प्रोटेस्ट किया. पिता ने स्कूल के चार टीचर्स समेत प्रिंसिपल पर गंभीर आरोप लगाए हैं. उनका कहना है कि टीचरों की मानसिक प्रताड़ना से उनका बेटा इतना टूट गया कि उसने ऐसा कदम उठा लिया.

छात्र के परिवार के एक करीबी सतीश जाधव स्कूल के सामने हो रहे विरोध प्रदर्शन में शामिल रहे. उन्होंने मीडिया से बातचीत में आरोप लगाया, 

“ये आत्महत्या नहीं, हत्या है… उसके दोस्तों ने हमें बताया कि वो ड्रामा की फील्ड में जाना चाहता था और बाकी सब्जेक्ट्स में उसके मार्क्स अच्छे नहीं आ रहे थे. इसी वजह से स्कूल के टीचर्स उसे ताने मारते थे. पिछले एक साल से ऐसा चल रहा था, लेकिन पिछले दो महीनों में ये बहुत बढ़ गया था.”

जाधव के मुताबिक, लड़के ने अपने माता-पिता से बार-बार दूसरे स्कूल में डालने की गुजारिश की थी. उन्होंने बताया,

“वो 10वीं क्लास में था, इसलिए साल के बीच में स्कूल बदलना मुश्किल था. उसके पेरेंट्स ने कहा था कि 10वीं खत्म होने के बाद नए स्कूल में डाल देंगे.”

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19 नवंबर को दर्ज हुई FIR.

जाधव ने बताया कि जब ये हादसा हुआ, उस वक्त लड़के के माता-पिता महाराष्ट्र में थे, क्योंकि उसकी मां का ऑपरेशन होना था. उसका शव अभी तक सांगली नहीं पहुंचा है. अंतिम संस्कार महाराष्ट्र में ही होगा.

पुलिस ने बुधवार, 19 नवंबर को भारतीय न्याय संहिता (BNS) की धारा 107 (आत्महत्या के लिए उकसाना) और 3(5) (साझा इरादा) के तहत अज्ञात लोगों के खिलाफ FIR दर्ज कर ली है.

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