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'मदरसों में मराठी पढ़ाओ, वर्ना गन तो मिलती ही है,' नितेश राणे ने अजान भी मराठी में देने को कहा

Nitesh Rane ने Maharashtra के मदरसों में Marathi पढ़ाने की मांग की है. इसके अलावा उन्होंने मराठी में भी अजान देने के लिए कहा है. Congress और AIMIM ने उनके बयान की आलोचना की है.

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नितेश राणे (दाएं) के बयान पर असदुद्दीन ओवैसी (बाएं) ने प्रतिक्रिया दी. (PTI/India Today)
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मुस्तफा शेख

महाराष्ट्र सरकार में मंत्री नितेश राणे ने मदरसों को टारगेट करते हुए विवादित बयान दिया है. उन्होंने कहा कि ‘मदरसों में बंदूकें मिलती’ रहती हैं, इसलिए वहां मराठी भाषा पढ़ानी चाहिए. भारतीय जनता पार्टी (BJP) के विधायक राणे ने कहा कि विपक्ष को मुसलमानों को मराठी में अजान देने के लिए कहना चाहिए.

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मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस की सरकार में मत्स्य पालन एवं बंदरगाह विकास मंत्री नितेश राणे विवादित बयान देने के लिए जाने जाते हैं. इंडिया टुडे से जुड़े मुस्तफा शेख की रिपोर्ट के मुताबिक, महाराष्ट्र कांग्रेस मुंबई में कुछ जगहों पर मराठी पाठशाला शुरू कर रही है. इस पर प्रतिक्रिया देते हुए राणे ने मदरसे से जुड़ा बयान दिया.

मंगलवार, 15 जुलाई को मीडिया से बात करते हुए नितेश राणे ने कहा,

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"अजान को मराठी में बोलने के लिए बोलो. पांच वक्त की अजान... हमारे मंदिर के पास 'जय श्री राम' नाम की फूल की दुकान है, अंदर अब्दुल बैठा रहता है. कुछ नई चीज नहीं है. ये सब जो नौटंकी है, हम अच्छी तरह से पहचानते हैं... पाठशाला क्यों? मदरसों में मराठी चालू करो, सबसे आसान है. अलग पाठशाला करने की जरूरत ही नहीं है. महाराष्ट्र में बहुत मदरसे हैं. वहां उर्दू के बजाय आप मराठी शुरू करो, उधर आपकी मेहनत कम हो जाएगी. आपके मुल्ला-मौलवियों से बोलो कि अच्छी तरह से मदरसों में (मराठी) सिखाओ, हम लोगों को भी समझ आ जाएगा कि मदरसे सच में पढ़ाई के लिए हैं, वरना गन-वन तो मिलती हैं उधर."

नितेश राणे ने महाराष्ट्र सरकार की 'लोकराज्य' मैगजीन को उर्दू भाषा में निकालने की मांग का विरोध किया. दरअसल, भिवंडी ईस्ट से समाजवादी पार्टी (SP) के विधायक रईस कासम शेख ने विधानसभा में 'लोकराज्य' का उर्दू एडिशन फिर से निकालने की मांग की थी, जो कोरोना के समय 2020 में बंद हो गई थी.

विपक्ष ने नितेश राणे के बयान की तीखी आलोचना की है. विपक्षी नेताओं ने भाजपा नेता पर धर्म और भाषा के नाम पर नफरत फैलाने का आरोप लगाया. ऑल इंडिया मजलिस-ए-इत्तेहादुल मुस्लिमीन (AIMIM) के अध्यक्ष असदुद्दीन ओवैसी ने कहा,

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"उनके अगर आप पुराने ट्वीट निकालकर देखेंगे तो तब्लीगी जमात का जो इज्तिमा हो रहा था, वो उसका वेलकम कर रहे थे."

वहीं AIMIM नेता वारिस पठान ने मीडिया से बात करते हुए कहा,

"महाराष्ट्र के अंदर कुछ BJP के लोग हैं, जो धर्म और भाषा के नाम पर नफरत फैला रहे हैं, अराजकता फैला रहे हैं. ऐसे लोगों को रोकना मुख्यमंत्री की ज़िम्मेदारी है. यही वो इंसान है, जिसने इतने बड़े-बड़े अल्फाज मुसलमानों के खिलाफ बोले कि मस्जिदों में घुस-घुसकर मारेंगे. तब भी हमने चैलेंज किया था आ जाओ मस्जिद के अंदर. आएंगे दो टांग पर, जाएंगे स्ट्रेचर पर. मुसलमानों के खिलाफ जहर उगलने का उन्हें इनाम मिला है, उन्हें मिनिस्टर बना दिया गया. हम भारतीय लोग हैं. भारत में सब भाषा का सम्मान होता है. सब जाति-धर्म का सम्मान करना सबका फर्ज है."

आजतक से बात करते हुए कांग्रेस नेता और मुम्‍बादेवी से विधायक अमीन पटेल ने राणे के बयान पर कहा,

"क्या नितेश राणे ने आजतक एक भी फ्री मराठी क्लास शुरू की हो तो बताएं? महाराष्ट्र में मराठी आनी चाहिए, कोई परेशानी नहीं है. मदरसों में इंग्लिश पढ़ाई जा रही है, हिंदी पढ़ाई जा रही है और कहीं-कहीं पर मराठी भी पढ़ाई जा रही है."

पटेल ने जोर दिया कि भाषा और धर्म दो अलग-अलग रास्ते हैं. उन्होंने आगे कहा कि संस्कृत के श्लोक संस्कृत में बोले जाते हैं, और बोलने भी चाहिए, जरूरी है. उन्होंने कहा कि इसी तरह अजान अरबी में दी जाती है.

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