छत्तीसगढ़ (Chhattisgarh) में स्टील मग खरीदने का एक मामला गरमा रहा है. दरअसल, कांग्रेस ने आरोप लगाया है कि राज्य की बलौदा बाजार के आदिवासी छात्रावास में 52 लाख रुपये में स्टील के 160 जग खरीदे गए. यानी कि एक जग के लिए 32,500 रुपये का बिल बना. हालांकि, विवाद बढ़ने पर आदिवासी विकास विभाग ने अपनी प्रतिक्रिया दी है और इस आरोप को भ्रामक बताया है.
52 लाख में स्टील के 160 जग खरीदे? कांग्रेस ने घेरा तो छत्तीसगढ़ सरकार की सफाई भी आ गई
Congress ने आरोप लगाया है कि एक आदिवासी हॉस्टल के लिए 160 जग खरीदे गए, जिनके लिए 52 लाख रुपये का बिल बनाया गया.

कांग्रेस प्रदेश अध्यक्ष दीपक बैज ने 15 जुलाई को अपने एक्स अकाउंट पर एक पोस्ट किया. उन्होंने लिखा,
एक जग की कीमत 32,000 रुपये. चौंकिए मत, विष्णुदेव की सरकार में सब संभव है. आदिवासी बच्चों के हॉस्टल के लिए खरीदे जाने वाले सामानों के फंड पर भी लगा ग्रहण. जेम पोर्टल से एक जग खरीदा गया, 1 जग 32,000 रुपये का. कुल 160 जग की कीमत 51 लाख रुपये.
उन्होंने अपने बयान के सपोर्ट में कुछ तस्वीरें भी लगाई हैं.
कांग्रेस ने जांच की मांग कीपत्रकारों से बात करते हुए बैज ने इस मामले में जांच की मांग की. उन्होंने कहा,
पूरे प्रदेश के छात्रावासों में हुई खरीदी की अच्छी तरह जांच होनी चाहिए. आदिवासी बच्चों के हक-अधिकार पर ग्रहण लगाने वाले सभी लोगों को सजा मिलनी चाहिए.
32 हजार रुपये का जग खरीदकर किस प्रकार के सुशासन का परिचय दे रही है विष्णुदेव सरकार?
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विभाग ने क्या सफाई दी?छत्तीसगढ़ आदिवासी विकास विभाग ने मामले पर जवाब दिया है. मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक, उन्होंने कहा है कि इस मामले में किसी जांच की जरूरत नहीं है. क्योंकि ऐसी कोई खरीददारी हुई ही नहीं है. जो तस्वीरें सोशल मीडिया पर शेयर की जा रही हैं, वो प्रस्ताव मात्र के दस्तावेज हैं. विभाग ने बताया कि फरवरी महीने में तत्कालीन सहायक आयुक्त संजय कुर्रे ने 160 स्टील जग की खरीदी का प्रस्ताव भेजा गया था. जांच के दौरान पाया गया कि प्रस्तावित रेट काफी ज्यादा था. इसलिए तुरंत ही इसे निरस्त कर दिया गया.
वर्तमान सहायक आयुक्त सूरजदास मानिकपुरी ने स्पष्ट कहा है कि इस प्रस्ताव के आधार पर कोई ऑर्डर जारी नहीं हुआ. किसी भी प्रकार की सप्लाई या भुगतान की प्रक्रिया नहीं हुई.
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