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डॉक्टर के लॉकर से निकली AK-47, श्रीनगर के अस्पताल ने कहा- अब हर लॉकर की होगी पहचान

Kashmir के सभी Government Medical Colleges किसी भी अज्ञात लॉकर या अलमारी की सूचना देने का भी आह्वान किया गया है. जो लॉकर किसी भी कर्मचारी को अलॉट न हो उसकी जानकारी भी मांगी गई है. अधिकारियों ने बताया कि इसका उद्देश्य अस्पताल और कॉलेज कैंपस में खाली पड़े स्थानों के दुरुपयोग को रोकना है.

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श्रीनगर का गवर्नमेंट मेडिकल कॉलेज (PHOTO-AajTak)

दिल्ली में लाल किले पर हुए धमाके के बाद अब आखिरकार जिम्मेदार संस्थाएं थोड़ी सख्ती कर रही हैं. अनंतनाग के सरकारी मेडिकल कॉलेज के डॉक्टर के लॉकर में AK-47 मिलने के बाद कश्मीर के सभी अस्पतालों ने एक आदेश जारी किया है. आदेश के मुताबिक अब किसी मेडिकल कॉलेज या अस्पताल में जिसको जो लॉकर अलॉट हुआ है, उसे उस पर अपना नाम लगाना होगा.

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एक आधिकारिक सर्कुलर में, जीएमसी, अनंतनाग के सुपरिंटेंडेंट ने सभी हेड ऑफ डिपार्टमेंट्स को निर्देश दिया,

अपने-अपने विभागों और वार्डों में लॉकरों और अलमारियों की पहचान करें और उन पर उन कर्मचारियों के नाम लिखें जिन्हें वे आवंटित हैं.

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आदेश में किसी भी अज्ञात लॉकर या अलमारी की सूचना देने का भी आह्वान किया गया है. जो लॉकर किसी भी कर्मचारी को अलॉट न हो उसकी जानकारी भी मांगी गई है. अधिकारियों ने बताया कि इसका उद्देश्य अस्पताल और कॉलेज कैंपस में खाली पड़े स्थानों के दुरुपयोग को रोकना है. इसी तरह के एक और आदेश में, श्रीनगर स्थित सरकारी मेडिकल कॉलेज ने भी सभी फैकल्टी मेंबर्स, पैरामेडिकल कर्मचारियों और छात्रों को 14 नवंबर तक अपने लॉकरों की पहचान करने और उन पर उनके नाम, पदनाम और कोड लिखने का निर्देश दिया है.

आजतक की रिपोर्ट के मुताबिक सुपरिंटेंडेंट की ओर से जारी सर्कुलर में यह भी कहा गया है कि तय समय के बाद जो लॉकर बिना पहचान के रह जाएंगे, उन पर किसी को दावा करने का मौका नहीं दिया जाएगा. साथ ही ट्रांसफर के समय किसी भी कर्मचारी को तब तक एलपीसी (लास्ट पे सर्टिफिकेट), एनओसी या सर्विस बुक जारी नहीं की जाएगी जब तक वह अपने लॉकर को हैंडओवर नहीं कर देता. 

GMC अस्पताल प्रशासन ने जारी किया सर्कुलर
GMC की ओर से जारी सर्कुलर (PHOTO-AajTak)

7 नवंबर को अनंतनाग मेडिकल कॉलेज में एक पूर्व डॉक्टर के लॉकर से एक एके-47 राइफल बरामद की गई. इसके बाद यूपी-हरियाणा तक फैले डॉक्टर्स के नेटवर्क का खुलासा हुआ. डॉक्टर की पहचान कुलगाम निवासी अदील अहमद राथर के रूप में हुई. फिलहाल पुलिस हिरासत में मौजूद राथर डॉक्टर 24 अक्टूबर, 2024 तक सीनियर रेजिडेंट के पद पर रहने के बाद कॉलेज से चला गया था. इसके बाद दिल्ली के लाल किले पर धमाका हुआ और इस केस की और परतें एक-एक कर के खुलती गईं.

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