The Lallantop

'नेम प्लेट का आदेश देने वाले और पहलगाम के आतंकी एक बराबर', सपा नेता एसटी हसन का अजीब बयान

एसटी हसन ने योगी सरकार पर निशाना साधते हुए कहा कि बीजेपी की राजनीति हमेशा से हिंदू-मुस्लिम के नाम पर बंटवारे की रही है.

Advertisement
post-main-image
हसन ने ये भी कहा कि अगर कोई अपनी धार्मिक पहचान बताना चाहे तो ठीक, लेकिन जबरदस्ती धर्म पूछना गलत है. (फोटो- X)

उत्तर प्रदेश में कांवड़ यात्रा के दौरान योगी सरकार ने दुकानों और ढाबा मालिकों को नेम प्लेट लगाने का आदेश दिया था. इस पर समाजवादी पार्टी के नेता और पूर्व सांसद डॉक्टर एसटी हसन (SP leader ST Hasan) ने ऐसा बयान दे डाला है जिस पर बवाल मच गया है. हसन ने ऐसा करने वालों की तुलना पहलगाम हमले को अंजाम देने वाले आतंकियों से कर डाली.

Advertisement

रिपोर्ट्स के मुताबिक कांवड़ यात्रा मार्ग पर दुकानों पर नेम प्लेट और उनकी चेकिंग को लेकर एसटी हसन ने कहा,

“उन्हें ये अधिकार किसने दिया है कि वो ढाबों पर काम करने वालों की चेकिंग करें? ऐसे लोगों और पहलगाम में हमला करने वाले आतंकियों के बीच क्या अंतर है जिन्होंने धर्म पूछकर गोली मारी थी? ये भी आतंकी हैं. धर्म पूछना और उसकी पहचान कराना आतंकवाद के बराबर है."

Advertisement

हसन ने तंज कसते हुए कहा,

"जो लोग धर्म पूछते हैं, वो और आतंकी, दोनों एक जैसे हैं."

एसटी हसन यहीं नहीं रुके. उन्होंने योगी सरकार पर निशाना साधते हुए कहा कि बीजेपी की राजनीति हमेशा से हिंदू-मुस्लिम के नाम पर बंटवारे की रही है. उनके मुताबिक, ये नेम प्लेट का नियम लोगों में ‘डर और नफरत फैलाने का हथकंडा’ है. हसन ने ये भी कहा कि अगर कोई अपनी धार्मिक पहचान बताना चाहे तो ठीक, लेकिन जबरदस्ती धर्म पूछना गलत है.

Advertisement

उधर बीजेपी ने इस बयान पर पलटवार किया है. भाजपा सांसद और राष्ट्रीय प्रवक्ता सुधांशु त्रिवेदी ने कहा,

"कांग्रेस के वरिष्ठ नेता दिग्विजय सिंह और सपा के वरिष्ठ नेता एसटी हसन ने जिस तरह के बयान दिए हैं, उससे ये साफ है कि दोनों बयान एक ही भावना से प्रेरित हैं. मैं एक बार फिर कहना चाहूंगा कि राहुल गांधी विदेश यात्रा करते हैं, वहां एक संगठित सम्मेलन होता है- 'वैश्विक हिंदुत्व को खत्म करना'. फिर चेन्नई में एक सम्मेलन होता है, 'सनातन धर्म का उन्मूलन'. दोनों नेता इसी विचारधारा से प्रभावित दिखते हैं.

सुधांशु त्रिवेदी ने आगे कहा कि दिग्विजय सिंह को जाकिर नाइक शांति का दूत लगता है. ओसामा बिन लादेन उन्हें 'ओसामा जी' लगता है. हाफिज सईद उन्हें 'हाफिज साहब' लगता है. ​​एसटी हसन के बयान का सवाल करते हुए भाजपा नेता ने कहा,

“मैं उनसे पूछना चाहता हूं कि वो उन लोगों के साथ क्यों खड़े होना चाहते हैं जो अपना नाम छिपाते हैं..."

बता दें कि कांग्रेस नेता दिग्विजय सिंह ने भी कांवड़ यात्रा को लेकर एक बयान दिया था. उन्होंने कहा कि यात्रा में अगर राज्य सरकारें सुविधाएं देती हैं तो कोई आपत्ति नहीं है, लेकिन जब इस यात्रा का इस्तेमाल नफरत फैलाने के लिए किया जाता है, तब दिक्कत होती है. उन्होंने कहा कि किसी भी सभ्य समाज में नफरत फैलाने की इजाजत नहीं दी जा सकती.

वीडियो: ओडिशा में BJP नेताओं ने सीनियर ऑफिस को पीटा, अब ये एक्शन हुआ

Advertisement